कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में क्लर्क की नौकरी के लिए दिया ज्वाइनिंग लेटर, ज्वाइन करने पहुंचा तो रह गया हक्का बक्का
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में क्लर्क की नौकरी के लिए ज्वाइनिंंग लेटर देकर ठगी की गई। जब पीडि़त ज्वाइनिंग लेकर पहुंचा तो उसे फर्जी बताया गया। इसके बाद आठ लाख 25 हजार रुपये की ठगी का पता चला। यमुनानगर थाना पुलिस ने केस दर्ज कर लिया।
यमुनानगर, जागरण संवाददाता। कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में क्लर्क के पद पर नौकरी लगवाने के नाम पर गांव नागल निवासी महावीर से आठ लाख 25 हजार रुपये ठग लिए गए। आरोप चांदपुर निवासी ज्योतिषाचार्य गगनदेव भारती, उसके बेटे रोशन भारती व फ्रेंडस कालोनी निवासी आरती संधू व उसके भाई साेनू संधू पर लगा है। आरोप है कि आरोपितों ने उससे पैसे लेकर उसे ज्वाइनिंग लेटर थमा दिया। जब वह ज्वाइनिंग लेटर यूनिवर्सिटी में गया, तो पता लगा कि यह फर्जी है। इसके बाद उसे ठगी का पता लगा। मामले में शहर यमुनानगर थाना पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
पुलिस को दी शिकायत के मुताबिक, गगन देव भारती व उसके लड़के रोशन भारती ने चांदपुर स्थित अपने घर में मंदिर बनाया हुआ है। यहीं पर वह ज्योतिष का भी कार्य करते हैं। यहां पर नागल निवासी महावीर का आना जाना था। एक दिन गगन देव भारती ने महावीर से कहा कि उसकी बड़े अधिकारियों व नेताओं के साथ जान पहचान है। कई युवाओं को वह नौकरी दिलवा चुका है। उसकी भी कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में क्लर्क के पद पर नौकरी लगवा देगा। इसके लिए आरोपितों ने दस लाख रुपये मांगे। बाद में सौदा आठ लाख 25 हजार रुपये में तय हुआ। सौदा तय होने पर दोनों आरोपितों ने उसे आरती संधू व सोनू संधू से मिलवाया और कहा कि नौकरी दिलवाने का काम यही देख रहे हैं। आरोपितों ने अलग-अलग तारीखों पर उससे आठ लाख 25 हजार रुपये ले लिए।
चंडीगढ़ ट्रेनिंग कराने का दिया झांसा
पांच मार्च 2020 को आरोपित उसके पास आए और कहा कि 15 से 20 दिन में क्लर्क के पद पर नौकरी लग जाएगी। इसके लिए चंडीगढ़ ट्रेनिंग होगी। कुछ दिनों बाद महावीर को आरोपित अपने साथ लेकर गए और यूनिवर्सिटी के बाहर खड़ा कर दिया। इसके बाद आरोपित अंदर चले गए। वहां से कुछ देर बाद आए और उसे आश्वास्त किया कि दो दिन बाद उसका ज्वाइनिंग लेटर आ जाएगा। इसके बाद आरोपितों ने उसे ज्वाइनिंग लेटर दिया। जब महावीर इस लेटर को लेकर कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में गए तो वहां पर पता लगा कि यहां इस तरह का कोई पद खाली नहीं है। यह ज्वाइनिंग लेटर भी फर्जी है। यह पता लगते ही वह तुरंत आरोपितों के घर पहुंचा और उनसे बात कर अपने पैसे वापस मांगे। इस पर आरोपित उसके साथ गाली गलौज करने लगे और उसे झूठे केस में फंसाने की धमकी देने लगे।