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भर्तियों के नाम पर ठगे जा रहे बेरोजगार, सेना में नौकरी की चाहत में 14 युवाओं ने गवाएं 28 लाख

नौकरी के नाम पर ठगी हुई। बेरोजगार युवाओं को ठग ने झांसे में लिया। सेना भर्ती कराने के नाम पर 14 युवकों से संपर्क साध। फिर 28 लाख 30 हजार रुपये ठग लिए गए। मामला यमुनानगर का है। आरोपित पंचकूला का रहने वाला है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 11:24 AM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 11:24 AM (IST)
भर्तियों के नाम पर ठगे जा रहे बेरोजगार, सेना में नौकरी की चाहत में 14 युवाओं ने गवाएं 28 लाख
युवाओं से नौकरी के नाम पर ठगी।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। यमुनानगर में 14 युवाओं से ठगी हुई। भारतीय सेना में भर्ती कराने के नाम पर 14 युवकों से 28 लाख 30 हजार रुपये ठग लिए गए। आरोपित पंचकूला के रत्ता टिब्बी निवासी प्रवीण कुमार, काजिमपुर निवासी सोनू, प्यारेवाला निवासी संजू, गांव हवेली निवासी संदीप कुमार व अन्य पर लगा है। आरोपितों ने इन युवकों को भर्ती का फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भी दे दिया था। जिसे बाद में पिन कोड गलत होने की बात कहकर वापस ले लिया था।

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मामले को पंचायत भी हुई थी। जिसमें आरोपितों ने पैसे वापस देने की बात कबूली थी, लेकिन बाद में मुकर गए। जिस पर पीड़ितों ने मामले की शिकायत एसपी को दी थी। जांच के बाद अब साढौरा थाना पुलिस ने केस दर्ज किया है।

पुलिस को दी शिकायत के मुताबिक, साढौरा थाना क्षेत्र के गांव रसूलपुर निवासी मोहित का गांव हवेली निवासी संदीप के साथ अच्छी जान पहचान है। इसी दौरान संदीप ने मोहित से कहा कि उसकी काफी लोगों से जान पहचान है। जो डायरेक्ट सेटिंग कर सरकारी नौकरी पर लगवा सकते हैं। उसने अपने एक रिश्तेदार प्रवीण का नाम लिया। उसकी बातों में आकर मोहित तैयार हो गया।

अक्टूबर 2019 में संदीप ने मोहित को अपने रिश्तेदार प्रवीण व उसके दोस्तों संजू, सोनू से मिलवाया। आरोपितों ने उसे भारतीय सेना में नौकरी लगवाने का झांसा दिया। आरोपितों ने कहा कि उसे न तो कोई मेडिकल कराना होगा और न ही कोई लिखित परीक्षा देनी होगी। जिसके लिए पांच लाख रुपये की मांग की। इसमें से ढाई लाख रुपये पहले व ढाई काम होने के बाद देने तय हुए। जिस पर मोहित तैयार हो गया। मोहित ने इस बारे में अपने दोस्तों प्रदीप, मनीष, कुलदीप कुमार, नवनीत, प्रवीण, शराफत खान, दीपक कुमार, जगजीत, हरविंद्र, अंकुश, कृष्ण, सुरेंद्र व अमित से बात की, तो वह भी तैयार हो गए। इसके बाद आरोपितों ने सभी के प्रमाण पत्र लिए। सभी 14 युवकों ने आरोपितों के एक्सिस बैंक के खाता में 28 लाख 30 हजार रुपये डलवा दिए। आरोपितों ने आठ से दस माह के अंदर नौकरी लगवाने का वादा किया।

आरोपित प्रवीण ने पिता को बताया सेना में कर्नल

आरोपित प्रवीण ने अपने पिता रामकरण काे सेना में कर्नल बताया था। उसने मोहित व उसके दोस्तों से नौकरी के संबंध में बात करते हुए कहा था कि उसके पिता यह काम करवाएंगे। सभी युवकों ने आरोपितों को पैसे दे दिए थे। 15 दिसंबर 2019 को आरोपितों ने मोहित व उसके दोस्तों को ज्वाइनिंग लेटर दिए। बाद में यह लेटर आरोपितों ने पिन कोड गलत होने की बात कहकर वापस ले लिए। इन लेटर पर 15 जनवरी 2020 की ज्वाइनिंग डेट लिखी थी। इसलिए 14 जनवरी 2020 को आरोपित प्रवीण को काल किया, तो उसने कहा कि कर्नल साहब की अचानक मौत हो गई है। इसलिए ज्वाइनिंग में कुछ समय लगेगा। इसके बाद कोविड की वजह से लाकडाउन का हवाला दे दिया। जब काफी समय बीत गया, तो आरोपितों से पैसे वापस मांगे। जिस पर वह टाल मटोल करने लगे। बाद में आरोपितों ने कह दिया कि लाकडाउन की वजह से भर्ती कैंसिल हो गई है। इसलिए वह पैसे वापस कर देंगे। बाद में पीड़ित युवकों ने अपने स्तर से पता किया, तो जानकारी मिली कि आरोपितों ने इसी तरह से काफी लोगों से नौकरी लगवाने के नाम पर पैसे ऐंठे हुए हैं। आरोपितों से पैसे वापस लेने के लिए गांव में पंचायत बुलाई गई। जहां पर आरोपितों ने पैसे वापस दिए जाने की बात कबूली। बाद में आरोपित मुकर गए और पैसे देने से इंकार कर दिया।


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