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विदेश जाने की चाह में कबूतरबाजों के झांसे में आए चार दोस्‍त, 37 लाख 50 हज़ार की हुई ठगी

अंबाला में विदेश जाने की चाह में ठगी की वारदात हुई। विदेश भेजने के नाम पर 37 लाख 50 हज़ार की ठगी हुई। चार दोस्त जाना चाहते थे विदेश झांसे में लेकर ठगी की। फेसबुक के जरिए एजेंटों से मुलाकात हुई थी।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 06:10 AM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 08:08 AM (IST)
विदेश जाने की चाह में कबूतरबाजों के झांसे में आए चार दोस्‍त, 37 लाख 50 हज़ार की हुई ठगी
अंबाला में विदेश भेजने के नाम पर ठगी।

अंबाला, जागरण संवाददाता। विदेश भेजने के नाम पर शातिर ने 37 लाख 50 हज़ार की ठगी कर दी। बराड़ा पुलिस को सचिन निवासी गांव सिंसर तहसील नरवाना जिला जीद ने शिकायत दी। सोनू निवासी प्रताप नगर अंबाला कैंट व उसकी पत्नी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया।

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सचिन ने बताया कि उसके भाई संजय की मुलाकात सोनू के साथ फरवरी 2021 को फेसबुक के जरिए हुई थी। शातिर की फिर उसके भाई से दोस्ती हो गई। दोनों में वाट्सएप पर चैटिंग होने लगी। सोनू ने उसके भाई को कहा कि वह लोगों को विदेश भेजने का काम करता है। उसके भाई ने बताया कि उसके चार दोस्त है जो विदेश जाना चाहते है। शातिर ने उसे जीरकपुर आफिस में बुलाया।

सोनू ने कहा कि एक व्यक्ति के 9 लाख रुपये लगेंगे। संजय ने अपने दोस्त अमित निवासी गुलयाना कैथल, सुमित निवासी जींद दुर्जनपुर, विक्रम निवासी गुलयाना कैथल तथा साहिल निवासी फरेनकलां नरवाना जींद से बात की। आरोपित को एक लाख रुपये कैश दे दिये, जबकि शातिर ने विश्वास जमाने के लिए दो चेक दिए। अमित और सुमित रशिया भेज दिया। रशिया से उसे डोंगी के सहारे लीथवानिया भेज दिया, जहां पर दोनों पकडे गये और जेल में बंद है। उसके बाद शातिर को 15 लाख रुपये नकद दिये। सोनू ने विक्रम और साहिल को अलबानिया भेज दिया है, जहां से दोनों को सरबिया भेज दिया। शिकायतकर्ता को दुबई भेज दिया, जहां से उसे सरबिया भेज दिया। यह सारा काम गैरकानूनी तरीके से किया। सचिन ने कहा कि उसके भाई ने जब रुपये वापिस मांगे तो जान से मारने की धमकी दी। 

इधर, यूके भेजने के नाम पर ठगे 19 लाख 50 हजार

यूके में परमानेंट रेज़िडेंसशिप यानी पीआर दिलाने के नाम पर एक महिला से 19 लाख 50 हजार रुपये की ठगी कर डाली। अंबाला कैंट थाना पुलिस ने मंजू वालिया निवासी मच्छी मुहल्ला की शिकायत  पर मोनिका, विजय कुमार शर्मा, राकेश कुमार व संजू के खिलाफ केस दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी है।

मंजू ने बताया कि उसके पति विजय कुमार की मौत हो चुकी है, जो गांधी मार्केट में कपड़े का काम करते थे। इसके बाद जमीन व दुकान बेचकर उन्होंने अपनी बेटी की पढाई आदि पूरी करवाई। उन्होंने बताया कि मीना निवासी घसीटपुर उनके घर पर काम करती थी। उसने उसे मोनिका से मिलवाया और कहा कि वह लोगों को विदेश भेजने का काम करती है। उन्होंने बताया कि अगस्त 2016 में दोषी मोनिका की बेटी का जन्मदिन था, जिसने उसे अपने घर बुलाया था। उसने उससे 25 हजार रुपये उधार लिए, जो उसने दे दिए। इसके कुछ दिनों के बाद फिर से 25 हजार रुपये लिए। मोनिका ने उसे अन्य आरोपितों से मिलवाया। उसे इन लोगों ने विदेशी आइडी कार्ड भी दिखाया, जिस पर यूके की मुहर लगी थी।

मोनिका ने अपने पिता की बीमारी की बात कर उससे 9 लाख रुपये नकद लिए। फरवरी 2017 में आरोपित उसके घर आए कहा कि वे उसकी बेटी को यूके भिजवा सकते हैं, जिसके लिए आइलेट्स पास करना होगा।

आरोपितों ने करीब 19 लाख रुपये का खर्च बताया। आरोपितों ने उसे यूके दस्तावेज भी दिखाये। आरोपितों ने दस हजार रुपये और ले लिए, जबकि उसकी बेटी के कुछ खाली कागजातों पर साइन भी करवा लिए। इसके बाद आरोपितों ने उससे साढ़े चार लाख रुपये लिए और उनको प्रमाणपत्र आदि कागजात भी दे दिए।

आरोपितों ने साढे चार लाख रुपये और ले लिए। मार्च 2019 में आरोपित मिठाई का डिब्बा लेकर आए और कहा कि उनकी बेटी का वीजा लग गया है। आरोपितों ने पार्टी देने की बात करते हुए नौ लाख रुपये और लाने को कहा। मंजू ने बताया कि आरोपितों को और नौ लाख रुपये दे दिए। उन्होंने बताया कि आरोपितों ने कहा कि वे उसे पहले सिंगापुर भेजेंगे जहां एक एजेंट मिलेगा और वह यूके की सारी कार्रवाई करेगा। शिकायतकर्ता ने कहा कि डालर लेने के लिए डेढ़ लाख रुपये और दिए। वे आरोपितों के घर नन्हेड़ा गए, जबकि वहां पर एक महिला चांद रानी मिली, जिसने कहा कि उन्नीस लाख पचास हजार रुपये लिए हैं, जबकि अभी वीजा नहीं लगा। जब उनकी बेटी को विदेश नहीं भेजा तो आरोपितों को काल की, लेकिन उन्होंने फोन ही नहीं उठाया। आरोपितों ने पांच लाख रुपये का चेक उनको दे दिया। इतना ही नहीं यूके एंबेसी का एक नकली अफसर बनाकर उसके घर ले आए। आरोपितों उनकी बेटी को न तो विदेश भेजा और न ही उनके रुपये लौटाये। पुलिस ने केस दर्ज करके आगामी जांच शुरू कर दी है।


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