समालखा नपा की तत्कालीन चेयरपर्सन समेत दो अधिकारी भ्रष्टाचार में दोषी, राजस्व के नुकसान की वसूली Panipat News
24 सितंबर 2015 को आरटीआइ कार्यकर्ता पीपी कपूर ने भ्रष्टाचार और राजस्व के नुकसान की शिकायत की थी। नुकसान की भरपाई दोषियों से होगी। तीन माह में सरकार को कार्रवाई रिपोर्ट देनी होगी।
पानीपत, जेएनएन। नगरपालिका में फर्जीवाड़े में लोकायुक्त ने पूर्व चेयरपर्सन सुमित्रा शर्मा, सचिव श्याम सुंदर दुग्गल व अभियंता जसवंत सिंह को दोषी ठहराया है। राजस्व के नुकसान की भरपाई तीनों से वसूलने और सख्त विभागीय कारवाई की सिफारिश की है। सरकार को तीन महीने में कारवाई की रिपोर्ट देनी होगी।
आरटीआइ कार्यकर्ता पीपी कपूर ने 24 सितंबर 2015 को लोकायुक्त को समालखा नगरपालिका में भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। वर्ष 2016 में समालखा के तत्कालीन एसडीएम गौरव कुमार ने जांच में सभी आरोपों को सही पाया था। लोकायुक्त रजिस्ट्रार मंजीत सिंह ने भी जांच में आरोप सही पाए थे।
15 फरवरी 2017 को लोकायुक्त को भेजी अपनी रिपोर्ट में घोटालों की जांच विजिलेंस से कराने की सिफारिश भी की। लोकायुक्त जस्टिस एनके अग्रवाल ने सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की सभी दलीलों को नकारते हुए तीनों को दोषी पाया। गत 3 दिसंबर को लोकायुक्त ने प्रदेश सरकार से जांच में दोषी पाए सभी अधिकारियों व पूर्व चेयरपर्सन के विरुद्ध सख्त विभागीय कार्रवाई कर दंडित करने की सिफारिश की है।
- जांच में ये आरोप सही
- गैर कानूनी ढंग से 13 सफाई कर्मचारियों को नियुक्त कर सरकार को राजस्व की हानि पहुंचाई।
- नगरपालिका में फंड नहीं होने के बावजूद 55 विकास कार्यों के टेंडर करा दिए।
- बिना सीएलयू निर्मित उत्सव ग्रीन बैंक्वेट हॉल को गिराने की उचित कार्रवाई नहीं की।
- नगरपालिका रिकॉर्ड से भवनों के नक्शों की 15 फाइलें गायब होने पर भी उचित कार्रवाई नहीं की।