भाजपा जिलाध्यक्ष की पैन ओवरसीज पर ताला, छह और फैक्ट्रियों पर भी कार्रवाई
पानीपत में भाजपा जिलाध्यक्ष प्रमोद विज की पैन ओवरसीज समेत सात एक्सपोर्ट और डाइंग यूनिट बंद सीपीसीबी की एक्सपोर्ट हाउस पर बड़ी कार्रवाई हुई।
पानीपत, जेएनएन। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने पर्यावरण और जल प्रदूषण फैलाने पर सात एक्सपोर्ट और डाइंग यूनिटों को बंद कर दिया है। इनमें भाजपा जिलाध्यक्ष प्रमोद विज की पैन ओवरसीज भी शामिल है। इन यूनिटों से किसी तरह का उत्पादन नहीं किया जा सकेगा।
सीपीसीबी इस बार इतना सख्त है कि क्लोजर नोटिस में स्पष्ट लिखा है कि आदेशों की पालना न करने पर मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है। ऐसे में शहर के एक्सपोर्टरों और डाइंग उद्यमियों हड़कंप मच गया है। बोर्ड अब तक 110 के करीब यूनिटों को बंद कर चुका है। सीपीसीबी अब तक 54 यूनिटों को बंद और दो को नोटिस थमा चुका है। अधिकारियों की मानें तो अभी ओर भी कार्रवाई इस तरह की यूनिटों पर की जा सकता है।
56 यूनिटों का किया था निरीक्षण
सीपीसीबी ने मार्च और अप्रैल महीने में पानीपत की करीब 56 यूनिटों का निरीक्षण किया था। इनके ईटीपी के सैंपल लेने के साथ पर्यावरण और जल प्रदूषण को देखते हुए सैंपल लिए थे। सैंपल में एक के बाद एक सभी यूनिटें फेल होती चली गई।
टेक्सटाइल इंडस्ट्री फैला रही प्रदूषण
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपने नोटिसों में पानीपत के उद्योगों पर टिप्पणी भी की है। बोर्ड के चेयरमैन एसपी सिंह परिहार ने जारी नोटिसों में कहा कि टेक्सटाइल इंडस्ट्री बहुत ज्यादा प्रदूषण फैला रही है। सीधे और दूसरे रास्ते से जमीन पर पानी छोड़ा जा रहा है। इससे भूजल खराब हो रहा है। जबकि केंद्र सरकार ने इसके नियम लागू किए हैं। पर्यावरण सुरक्षा समिति और यूनियन ऑफ इंडिया ने 22 फरवरी 2017 को ईटीपी जरूरी बताया था।
सीजीडब्ल्यूए की परमिशन तक नहीं
सेंट्रल ग्राउंड वाटर अथॉरिटी (सीजीडब्ल्यूए) की परमिशन लेनी होती है। सीपीसीबी की जांच में कई एक्सपोर्ट और डाइंग यूनिटों में इसकी अवहेलना मिली। इससे पहले भी आधा दर्जन यूनिटों में इसी तरह की कमी मिली थी। सीपीसीबी ने पर्यावरण प्रोटेक्शन एक्ट-1986 की सेक्शन-5 के तहत कार्रवाई करते हुए क्लोजर नोटिस जारी किए हैं।
प्रदूषण फैलाने वाली यूनिटों पर कार्रवाई जारी
सीपीसीबी ने प्रदूषण फैलाने वाली यूनिटों पर लगातार कार्रवाई कर रहा है। गत दिनों 56 यूनिटों के सैंपल भरे थे। 47 को क्लोजर नोटिस दिया था और दो को नोटिस दिया था। अब सात और यूनिटों को क्लोजर नोटिस दिया है। सीपीसीबी पिछले दिनों से अब तक 56 पर कार्रवाई कर चुका है। वहीं हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड गत दिनों 66 यूनिटों को बंद कर चुका है।
पीसीबी के पास 636 यूनिट ही रजिस्टर्ड
हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास 636 यूनिट रजिस्टर्ड है। इनमें से 418 पर ईटीपी लगे हैं। 550 में एयर कंट्रोल डिवाइस लगे हैं। 389 यूनिटों से अति संवेदनशील वेस्ट निकलता है।
भाजपा जिलाध्यक्ष प्रमोद विज।
नंबर-एक
पैन ओवरसीज सेक्टर-25-प्लॉट नंबर 13-14 का पांच अप्रैल 2019 को निरीक्षण किया था। सीपीसीबी ने इनको क्लोजर नोटिस जारी किया है। जांच रिपोर्ट में ईटीपी का बीओडी 734 एमजीएल और सीओडी 1676 एमजीएल मिला है। टीडीएस 8024 एमजीएल मिला। जबकि यह 2100 एमजीएल होना चाहिए था। यूनिट में ग्राउंड वाटर की लॉग बुक मेंटेन नहीं की गई थी। अति संवेदनशील वेस्ट को डिस्पोजल करने के पुख्ता प्रबंध नहीं मिले। यहां पर ईटीपी के वेस्ट के स्टोर के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। निरीक्षण के वक्त वेस्ट के बैग खुले में पाए गए।
पैन ओवरसीज के सभी प्लांट बंद किए गए हैं। यूनिट सीपीसीबी के नियमों के पालन करने के बाद शुरू की जा सकेगी।
नंबर-दो
पैन ओवरसीज कायिम फूड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की शाखा है। सीपीसीबी ने 28 मार्च को इसका निरीक्षण किया था। टीएसएस 370 एमजीएल, बीओडी 94 और सीओडी 277 एमजीएल मिला। ईटीपी पर मीटर नहीं था और लॉग बुक भी मेंटेन नहीं की गई थी। यूनिट के सभी प्लांटों को बंद किया गया है। इसको सीपीसीबी की लिखित परमिशन लेनी होगी।
यूनिट नंबर-3
शिवा फर्निसिंग सेक्टर-29-टू में है। सीपीसीबी ने 27 मार्च को निरीक्षण किया था। चेयरमैन ने क्लोजर नोटिस में लिखा कि यूनिट का ईटीपी विजिट के दौरान बंद मिला। यूनिट को एयर और वाटर एक्ट के कंसेंट बिना ही चलाया जा रहा था। सेंट्रल ग्राउंड वाटर अथॉरिटी (सीजीडब्लयूए) से ग्राउंड वाटर की परमिशन नहीं ली गई थी। यूनिट तत्काल बंद करने के आदेश दिए हैं।
यूनिट नंबर-4
अग्रवाल प्रोसेसर प्राइवेट लिमिटेड जीटी रोड आइटीआइ के सामने स्थित है। सीपीसीबी की टीम ने पांच अप्रैल को निरीक्षण किया था। ईटीपी के सैंपल लिए गए। टीएसएस 144 एमजीएल, बीओडी 1540एमजीएल, सीओडी 5122एमजीएल आया। यहां का टीडीएस 4540 एमजीएल मिला। ईटीपी के पानी की लॉग बुक नहीं बनाई गई थी।
सीजीडब्लयूए से परमिशन नहीं ली गई थी। ईटीपी का स्लग रखने की कोई व्यवस्था नहीं मिली। सीपीसीबी ने इसके क्लोजर नोटिस जारी किए हैं।
यूनिट नंबर-5
ग्रेट इस्टर्न प्रोसेसर प्राइवेट लिमिटेड सेक्टर-29 पार्ट 1 में स्थित है। इसका पांच अप्रैल को निरीक्षण किया था। उस वक्त यूनिट बंद मिली। मौका मुआयना करने और धरातल के आधार पर इस यूनिट को भी बंद कर दिया गया है। इनको दूर कर लिखित परमिशन पर ही यूनिट को चलाया जा सकेगा।
यूनिट नंबर-6
श्री बालाजी वूलेन मिल्स सेक्टर-29 पार्ट-2 में है। इसका 29 मार्च को निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान यूनिट बंद मिली। पर्यावरण और अन्य तथ्यों के आधार पर यूनिट को बंद किया गया है। सीपीसीबी ने इस यूनिट के पर्यावरण प्रदूषण पर चिंता व्यक्त की है।
यूनिट नंबर-7
सेक्टर-29-टू में प्लॉट नंबर 300 को लेकर पहले से ही विवादों में चल रही राज ओवरसीज यूनिट-2 को भी क्लोजर नोटिस जारी किया है। सीपीसीबी ने दो अप्रैल 2019 को इस यूनिट का निरीक्षण किया था। ईटीपी से सैंपल भरे गए। इसे बंद करने के आदेश दिए।
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