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थर्मल पावर प्लांट को बंद करने की चेतावनी, हर महीने लाखों का जुर्माना

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 18 लाख रुपये प्रति माह हर्जाना चुकाने के निर्देश दिए। साथ ही मानकों पर खरा न उतरने में थर्मलों को बंद करने की चेतावनी दी है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 11:37 AM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 11:37 AM (IST)
थर्मल पावर प्लांट को बंद करने की चेतावनी, हर महीने लाखों का जुर्माना
थर्मल पावर प्लांट को बंद करने की चेतावनी, हर महीने लाखों का जुर्माना

पानीपत, [सुनील मराठा]। पानीपत थर्मल पावर प्लांट सहित प्रदेश के सभी पावर प्लांट प्रदूषण नियंत्रण मानकों पर खरा नहीं उतर पा रहे। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(सीपीसीबी) ने थर्मल प्रबंधन को हर्जाना देने के आदेशों के साथ-साथ प्रदूषण नियंत्रण न होने पर बंद करने की कड़ी चेतावनी दी है। सीपीसीबी ने हरियाणा पावर जनरेशन कॉरपोरेशन को सेक्शन पांच एन्वायरमेंट एक्ट के तहत कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। 

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 केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कानपुर की आइआइटी टीम के अध्ययन में पता चला है कि दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में 11000 मेगावाट बिजली का उत्पादन करने वाले कोल आधारित पावर प्लांट दिल्ली की हवा को प्रदूषित कर रहे हैं। यह रिपोर्ट 2016 में जारी की गई थी। इस पर वायु प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए टाइम लाइन जारी की गई थी। इसमें 31 दिसंबर 2019 तक का समय दिया गया। सेक्शन पांच के तहत दिए गए निर्देशों का पालन पानीपत थर्मल पावर स्टेशन नहीं कर पाया। एनजीटी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने हर्जाना लगाया था।

18 लाख का हर्जाना हर माह जमा कराए 

पानीपत थर्मल पावर प्लांट 1 जनवरी 2020 तक 18 लाख रुपये प्रति माह का हर्जाना जमा कराए। इसके बाद भी यदि प्रदूषण के मानक पूरे नहीं होते तो केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड थर्मल यूनिटों  के बंद करने के आदेश दे सकता है।

पानीपत में थर्मल में दो यूनिट चल रहे 

पानीपत थर्मल पावर प्लांट में 250-250 मेगावाट क्षमता के दो यूनिट 7 व 8 चल रहे हैं। थर्मल में चार यूनिट डिस्पोज किए जा चुके हैं।  यूनिट पांच को कंडम घोषित किया जा चुका है। यूनिट छह काफी समय से नहीं चलाया गया। इसे भी कंडम घोषित करने की तैयारी चल रही है। 

थर्मल पावर प्लांट की एसई एसके सचदेवा ने बताया कि सीपीसीबी के 2021 की गाइड लाइन के मुताबिक थर्मल की ईएसपी में एफजीडी सिस्टम लगना है। यह पंचकूला मुख्यालय में प्रोसेस में है। हमें अभी तक नोटिस नहीं मिला है। हर्जाने का मामला पुराना है। 


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