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मंडी बदल गई, अब बस अड्डे की बारी

सनौली रोड पर सब्जी मंडी को सील कर दिया गया है। नई अनाजमंडी के पास सब्जी मंडी में पहले दिन थोड़ी ही सही रौनक जरूर दिखी। विरोध के बीच सब्जियां बिकीं। सभी फड़ वाले नहीं पहुंचे। मंडी के बाद अब बस स्टैंड का नंबर है। सिवाह के पास नए बस स्टैंड का निर्माण तेजी पर है। ठेकेदार का कहना है कि जनवरी 2021 तक इसका निर्माण पूरा कर दिया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2020 08:16 AM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2020 08:16 AM (IST)
मंडी बदल गई, अब बस अड्डे की बारी
मंडी बदल गई, अब बस अड्डे की बारी

जागरण संवाददाता, पानीपत : बदलाव का दौर चल रहा है। सनौली रोड पर सब्जी मंडी को सील कर दिया गया है। नई अनाजमंडी के पास सब्जी मंडी में पहले दिन थोड़ी ही सही, रौनक जरूर दिखी। विरोध के बीच सब्जियां बिकीं। सभी फड़ वाले नहीं पहुंचे। मंडी के बाद अब बस स्टैंड का नंबर है। सिवाह के पास नए बस स्टैंड का निर्माण तेजी पर है। ठेकेदार का कहना है कि जनवरी 2021 तक इसका निर्माण पूरा कर दिया जाएगा।

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ग्लोबल इंफ्राकॉन कंपनी ने 9.65 करोड़ रुपये की लागत से 26 अक्टूबर, 2018 को 21 माह में बस स्टैंड का निर्माण कार्य पूरा करने का टेंडर लिया था। कंपनी को 21 माह, यानी जुलाई 2020 तक लगभग साढ़े छह एकड़ में बस स्टैंड का निर्माण कार्य पूरा करना था। कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से कामकाज प्रभावित हुआ तो ठेकेदार ने समयावधि 31 मार्च तक बढ़वा ली थी। फिलहाल बस स्टैंड परिसर में पार्किंग बनाने, टाइलें लगाने का काम चल रहा है। मंगलवार को पीडब्लयूडी बीएंडआर के एसडीओ और जेई ने भी कार्यस्थल का दौरा किया। बस स्टैंड में मिलने वाली हैं ये सुविधाएं

बस खड़ी करने के लिए 18 बूथ, खानपान की 14 दुकानें, दो एटीएम केबिन, दो शौचालय और लिफ्ट की व्यवस्था होगी। दो पार्क भी बनाए जाएंगे। यात्रियों को रात के समय परेशानी न हो, इसलिए अलग-अलग जगहों पर छह हाई मास्ट लाइटें लगाई जाएंगी। बस स्टैंड के पीछे 100 गुना 250 फीट की और दाई ओर 40 गुना 100 फीट की दो अलग-अलग पब्लिक व्हीकल पार्किंग बनेगी। आपराधिक वारदातों पर लगाम कसने के लिए पांच कमरों में पुलिस चौकी बनाई जाएगी। 100 में से लगभग 15 कर्मचारी पक्के

बस स्टैंड परिसर में फिलहाल लगभग सौ कर्मचारी काम कर रहे है। ठेकेदार भूषण ने बताया कि इनमें से लगभग 15 कर्मचारी ही पक्के हैं। बाकि 85 मजदूरों को इएसआई या पीएफ का लाभ नहीं मिल रहा। पेमेंट भी ठेकेदार कैश ही देता है, यानि इनका कोई सरकारी रिकॉर्ड नहीं है। सुरक्षा उपकरणों का दिखा अभाव

निर्माणाधीन बस स्टैंड परिसर में किसी भी श्रमिक के पास न तो मास्क था और न ही कोई सुरक्षा उपकरण। ठेकेदार भूषण से इस बारे बात की तो उन्होंने सुरक्षा उपकरण स्टोर में रखे होने की बात कही।


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