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बस के चालक-परिचालक का लालच प्रचारी मजदूरों को पड़ा महंगा, जानिए पूरा मामला

करनाल के आरटीए सहायक सचिव सतीश कुमार जैन के नेतृत्व में एक टीम हर रोज की तरह बुधवार रात को नेशनल हाईवे पर वाहनों की जांच के लिए खड़ी थी। चंडीगढ़-दिल्ली नेशनल हाईवे इंद्री चौक पर करीब डेढ़ बजे एक निजी बस पहुंची।

By Naveen DalalEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 01:57 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 01:57 PM (IST)
बस के चालक-परिचालक का लालच प्रचारी मजदूरों को पड़ा महंगा, जानिए पूरा मामला
आरटीए कार्यालय पर खड़ी बस, अपनी पीड़ा व्यक्त करते बस में सवार प्रवासी मजदूर।

करनाल, जागरण संवाददाता। स्टेट टैक्स चोरी कर रात के अंधेरे में पंजाब से प्रवासी मजदूरों से ठसाठस भरी एक निजी बस बिहार ले जाई जा रही थी। जिसे आरटीए विभाग की टीम ने पकड़ लिया। चालक ने 60 हजार का जुर्माना नहीं भरा और प्रवासी मजदूर आधी रात से कड़ाके की ठंड में बैठे रहे।

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चालक ने नहीं भरा 60 हजार का जुर्माना, आधी रात से कड़ाके की ठंड में बैठे रहे मजदूर

करनाल के आरटीए सहायक सचिव सतीश कुमार जैन के नेतृत्व में एक टीम हर रोज की तरह बुधवार रात को नेशनल हाईवे पर वाहनों की जांच के लिए खड़ी थी। चंडीगढ़-दिल्ली नेशनल हाईवे इंद्री चौक पर करीब डेढ़ बजे एक निजी बस पहुंची, जिसे रूकवाकर जांच की तो स्टेट टैक्स नहीं भरा हुआ था। यहीं नहीं बस में क्षमता से अधिक 40 मजदूर बैठाए हुए थे। चालक विजय सिंह ने बताया कि बस राजपुरा से बिहार ले जाई जा रही थी, जिसमें बिहार के मुज्जफरपुर सहित आसपास के अन्य जिलों के रहने वाले प्रवासी मजदूर सवार थे। टीम ने बस को कब्जे में ले लिया और कार्यालय ले गई। रात को ही 60 हजार रुपये का चालान कर दिया गया।

बस में बैठाए थे क्षमता से अधिक 40 मजदूर

चालक व परिचालक बस में सवार मजदूरों को शौच का बहाना कर फरार हो गए और सुबह तक नहीं पहुंचे। ऐसे में प्रवासी मजदूर सुबह तक बस में ही कड़ाके की ठंड के बीच बैठे रहे, जिनमें कई महिलाएं व बच्चे भी शामिल थे। सुबह करीब सवा नौ बजे चालक फिर कार्यालय पहुंचा और अधिकारियों को बताया कि वे जुर्माना राशि मंगवा रहे हैं, लेकिन दोपहर 12 बजे तक भी यह जुर्माना नहीं भरा गया, जिसके चलते बस नहीं छोड़ी जा सकी।

निर्मल कुटिया से पहुंचा लंगर तो मिली राहत

आरटीए कार्यालय में रात करीब डेढ बजे से प्रवासी मजदूर बस में ही फंसे होने का पता चलने पर सुबह निर्मल कुटिया से लंगर पहुंचाया गया, जिसके बाद प्रवासी मजदूरों ने राहत की सांस ली। उधर प्रवासी मजदूर चंद्र कुमार,  सहज सिंह, संतोष आदि ने बताया कि वे राजपुरा से बस में सवार हुए थे और दो से तीन हजार रुपये प्रति सवारी किराया लिया गया। बस की सीटें भर जाने के बाद भी अनेकों मजदूरों को बस में चढ़ाया गया और उनके साथ जबरदस्ती करते हुए टिकट के पैसे भी लिए। अब आधी रात को उन्हें शौच जाने के लिए कहकर चालक व परिचालक फरार हो गए। उन्हें अपने बच्चों के साथ यहां भारी परेशानी झेलनी पड़ी।

न टैक्स भरा और 40 सवारी ज्यादा मिली : जैन

आरटीए सहायक सचिव सतीश कुमार जैन ने बताया कि जांच करने पर पता चला कि स्टेट टैक्स नहीं भरा हुआ था। 40 सवारी भी बस में क्षमता से अधिक सवार थी। ऐसे में टैक्स चोरी पर 50 हजार रुपये, अधिक सवारी बैठाने पर चार हजार रुपये, लाइसेंस न दिखाए जाने पर पांच हजार रुपये व बस इंपाउंड किए जाने पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया । जुर्माना भुगतान होते ही बस छोड़ दी जाएगी।


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