छात्राओं से ढुलवाए उत्तर-पुस्तिकाओं के बंडल
स्कूलों में बेटियों को पढ़ाने और आगे बढ़ाने के स्थान पर उनसे शारीरिक श्रम कराया जा रहा है। जबकि स्कूलों में चपरासी और चौकीदार मौजूद हैं। ऐसा ही एक मामला बुधवार को इसराना राजकीय कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल का सामने आया है। यहां बेटियों से बोर्ड परीक्षा की उत्तर-पुस्तकाओं को ढुलावाया जा रहा है।
संवाद सूत्र, इसराना : स्कूलों में बेटियों को पढ़ाने और आगे बढ़ाने के स्थान पर उनसे शारीरिक श्रम कराया जा रहा है। स्कूलों में चपरासी और चौकीदार मौजूद हैं। ऐसा ही एक मामला बुधवार को इसराना राजकीय कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल का सामने आया है। यहां बेटियों से बोर्ड परीक्षा की उत्तर-पुस्तकाओं को ढुलवाया जा रहा है।
सरकार और प्रशासन बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा दे रहे है और स्कूलों में बेटियों को पढ़ाने के स्थान पर स्कूल के काम कराए जा रहे हैं। बोर्ड परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्रों में उत्तर-पुस्तिकाएं पहुंचनी शुरू हो गई हैं। इनके भारी-भरकम बंडलों को बेटियां अपने कंधों पर रखकर स्कूल के कक्षा तक पहुंचा रही हैं। जबकि सभी स्कूलों में चपरासी और चौकीदार मौजूद है। शिक्षक खुद हाथ बांध खड़े होकर बेटियों को वजन उठाने के आदेश दे रहे हैं। अभिभावकों तक इसकी जानकारी होने पर उन्होंने स्कूलों में बेटियों से काम कराने पर रोष जताया है। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल में बेटियों को पढ़ने के लिए भेजा जाता है। शिक्षक उनकी बेटियों से स्कूल का काम करा रहे हैं। गलत क्या किया : रोहताश
प्रधानाचार्य रोहताश ने इस संबंध में बयान दिया कि मध्याह्न अवकाश के समय छात्राओं से बंडल उठवाए गए थे। स्कूल का काम करा लिया तो क्या हो गया। इसमें कोई गलत नहीं है। जांच के बाद होगी कार्रवाई : बीईओ
बीईओ श्याम सिंह का कहना है कि इस मामले की जांच की जाएगी। विद्यार्थियों से स्कूल का कार्य कराना नियम विरुद्ध है। शिकायत सही मिलने पर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।