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अवैध निर्माण की फाइलें दबाने पर गिरी गाज, बिल्डिंग इंस्पेक्टर सस्पेंड Panipat News

अवैध निर्माण की फाइल दबाने और कार्रवाई न करने पर बिल्डिंग इंस्पेक्टर को महंगा पड़ गया। उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 07:58 AM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 07:59 AM (IST)
अवैध निर्माण की फाइलें दबाने पर गिरी गाज, बिल्डिंग इंस्पेक्टर सस्पेंड Panipat News
अवैध निर्माण की फाइलें दबाने पर गिरी गाज, बिल्डिंग इंस्पेक्टर सस्पेंड Panipat News

पानीपत, जेएनएन। अवैध निर्माणों पर कार्रवाई नहीं करने पर कमिश्नर ओमप्रकाश ने मंगलवार को बिल्डिंग इंस्पेक्टर बृजेश हुड्डा को सस्पेंड कर दिया। वह अवैध निर्माणों से संबंधित 260 फाइलें दबाए बैठे थे। उन्हें दो महीने से ऐसे भवनों पर कार्रवाई के लिए लगातार नोटिस दिए जा रहे थे। चार दिन पहले हुई समीक्षा बैठक में भी उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठे थे। निलंबन के दौरान वे जिला मुख्यालय में हाजिरी लगाएंगे। जेई वीरेंद्र मलिक को उनका अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। 

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कमिश्नर ओमप्रकाश ने सुबह बृजेश हुड्डा को कार्यालय में तलब किया। उनसे अवैध निर्माणों पर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी, लेकिन वे संतोषजनक रिपोर्ट नहीं दे सके। जेई, एमई और एक्सईएन ने अपनी रिपोर्ट में बिल्डिंग इंस्पेक्टर की तरफ से फाइलें न आने की बात कही। 

देखते-देखते बनवा दिया तीन मंजिला शोरूम
मैन बाजार में तीन मंजिला शोरूम बिना नक्शा पास कराए बनाने की शिकायत नगर निगम को मिली थी। अधिकारियों ने बिल्डिंग इंस्पेक्टर को भवन मालिक को नोटिस देने और इसको रुकवाने के आदेश दिए थे। उन्होंने इसमें कोई कार्रवाई नहीं की। इसी बीच मालिक ने तीन मंजिला शोरूम का लैंटर तक लगा दिया। वहीं पालिका बाजार के नजदीक एक दुकान का लेंटर लगा दिया। निगम ने ही इसका निर्माण गत सप्ताह रुकवाया था। बिल्डिंग इंस्पेक्टर ने इसमें कोई कार्रवाई नहीं की। 

अवैध कॉलोनियों व निर्माण पर एक भी कार्रवाई नहीं
नगर निगम क्षेत्र में अवैध कॉलोनी लगातार काटी जा रही हैं। बिङ्क्षल्डग इंस्पेक्टर को इन पर कार्रवाई करनी थी, लेकिन निगम ने एक भी नोटिस नहीं दिया। इन कॉलोनियों में लगातार निर्माण कार्य हो रहे हैं। 

भवन नक्शा में आधा बजट भी नहीं मिला 
नगर निगम ने भवन नक्शा में 15 करोड़ का टारगेट रखा था। निगम को अब तक 5.77 करोड़ ही मिल पाया है। 6 सितंबर को समीक्षा बैठक में कमिश्नर ने अवैध निर्माणों को चिह्नित कर नोटिस देने के आदेश दिए थे। चार दिनों में कोई कार्रवाई नहीं की। इसके अलावा प्रॉपर्टी टैक्स में 33 करोड़ में से पांच करोड़ ही जमा हुए हैं। स्टांप ड्यूटी में 24 करोड़ का टारगेट था। इसमें 5.44 करोड़ रुपये की रिकवरी हुई है। एक्साइज ड्यूटी का टारगेट 10 करोड़ में एक भी पैसा नहीं आया है। रेंट ब्रांच का 1.50 करोड़ का टारगेट था। इसमें सिर्फ 55 लाख की रिकवरी हो पाई है। 

बिल्डिंग इंस्पेक्टर को चार्ज संभालते ही अवैध निर्माणों पर कार्रवाई के आदेश दिए थे। कारण बताओ नोटिस भी दिए गए। उनकी अनदेखी से राजस्व को नुकसान हो रहा था। इसलिए यह कार्रवाई की गई।
ओमप्रकाश, कमिश्नर, नगर निगम।


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