घाटे में चल रही ग्रामीण क्षेत्र के छह टेलीफोन एक्सचेंज होंगे बंद
भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) जिन संसाधनों की बदौलत ग्राहकों को बेहतर सेवाएं दे रहा था अब वही उसे नुकसान पहुंचा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, पानीपत:
भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) जिन संसाधनों की बदौलत ग्राहकों को बेहतर सेवाएं दे रहा था, अब वही उसे नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऐसे में निगम ने ग्रामीण क्षेत्र के छह टेलीफोन एक्सचेंज बंद करने का निर्णय लिया है। उपभोक्ताओं को इस संबंध में नोटिस भी जारी किए हैं।
बीएसएनएल की जिले में 35 एक्सचेंज हैं, जिनसे लैंडलाइन सेवा संचालित होती है। मोबाइल ने लैंडलाइन की महत्ता को कम कर दिया है। उपभोक्ताओं ने टेलीफोन कटाना शुरू कर दिए, बिल जमा नहीं होने पर डिस्कनेक्ट कर दिए गए। नतीजा, निगम की आमदनी बहुत घट गई। बिजली बिल, कर्मचारियों के वेतन और केबल की देखरेख पर लाखों रुपये खर्च होने से हर माह बड़ा घाटा हो रहा है। निगम ने गांव बुआनालाखू, अहर, डिकाडला, सनौली और नौल्था के एक्सचेंज बंद करने का निर्णय लिया है। ये ऐसे एक्सचेंज हैं जहां उपभोक्ताओं की संख्या 25 से भी कम है। इसी वित्तीय वर्ष में करीब 10 टेलीफोन एक्सचेंज बंद होने की कगार पर हैं।
आल इंडिया भारत संचार निगम लिमिटेड एक्जिक्यूटिव एसोसिएशन के सर्कल सेक्रेटरी और सहायक महाप्रबंधक, पानीपत ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि उपभोक्ता मोबाइल फोन (असीम सेवा) सेवा ले सकते हैं, नंबर पुराना ही रहेगा। यह है असीम सेवा
बीएसएनएल से बीएसएनएल पर 120 रुपये में छह माह तक इनकमिग सेवा का लाभ लिया जा सकता है। अन्य नेटवर्क का लाभ लेने के लिए छह माह में 200 रुपये खर्च करने होंगे। इन उपभोक्ताओं से कनेक्शन सरेंडर करने को कहा गया है, उनकी जमानत राशि चेक के माध्यम से घर पहुंचेगी। दीपावली पर अनलिमिटेड फ्री बात
जिन उपभोक्ताओं के लैंडलाइन टेलीफोन काम कर रहे हैं, उन्हें निगम ने दिवाली का उपहार दिया है। ऐसे उपभोक्ता 27 और 28 अक्टूबर को अनलिमिटेड फ्री में बात कर सकते हैं। ऐसे घाटा कम करने का प्रयास
एजीएम दरबारा सिंह ने बताया कि सेना और बैंकों का पूरा सिस्टम बीएसएनएल पर निर्भर है, ऐसे में निगम बंद होने का सवाल ही नहीं है। घाटा पूरा करने के लिए निगम ने स्वैच्छिक सेवा निवृति स्कीम लागू की है। इस पर कर्मचारी को 125 फीसद पेंशन का प्रावधान है। सरकार 15000 करोड़ के बॉन्ड ईश्यू करने जा रही है, 38000 करोड़ की भूमि बिक्री की तैयारी है।