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भट्ठे चलाने पर एनजीटी की रोक, ईट का भाव पहुंचा छह हजार के पार

पर्यावरण प्रदूषण रोकने के मकसद से एनजीटी की तरफ से ईंट भट्ठों को चलाने पर रोक लगा रखी है। एनजीटी की ये रोक भट्ठा मालिकों के लिए नुकसान का कारण बन रही है। वहीं ईंटों का स्टाक कम होने पर भाव आसमान छू रहे है। इससे लोगों को भी अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है। भट्ठे कब से चालू होने है इसको लेकर एनजीटी की तरफ से फैसला सुरक्षित रखा गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Feb 2020 08:42 AM (IST)Updated: Sat, 01 Feb 2020 08:42 AM (IST)
भट्ठे चलाने पर एनजीटी की रोक, ईट का भाव पहुंचा छह हजार के पार
भट्ठे चलाने पर एनजीटी की रोक, ईट का भाव पहुंचा छह हजार के पार

संवाद सहयोगी, इसराना

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पर्यावरण प्रदूषण रोकने के मकसद से एनजीटी की तरफ से ईंट भट्ठों को चलाने पर रोक लगा रखी है। एनजीटी की ये रोक भट्ठा मालिकों के लिए नुकसान का कारण बन रही है। वहीं, ईंटों का स्टाक कम होने पर भाव आसमान छू रहे हैं। इससे लोगों को भी अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है। भट्ठे कब से चालू होने है, इसको लेकर एनजीटी की तरफ से फैसला सुरक्षित रखा गया है। तारीख 10 फरवरी तक रखी हुई है, लेकिन भट्ठा मालिकों ने मामले पर शनिवार को पानीपत के एक होटल में बैठक बुलाई है। इसमें रणनीति तैयार की जाएगी। एनसीआर में है 2600 भट्ठे

पानीपत भट्ठा एसोसिएशन के उपप्रधान रामकुमार जागलान ने बताया कि एनसीआर में 2600 के करीब ईंट भट्ठे हैं। एनजीटी की ओर से प्रदूषण का हवाला देकर इन्हें चलाने पर तीन माह से रोक लगाई है। इसमें अभी 10 फरवरी तक की नई तारीख दे रखी है। इसके बाद एनजीटी की तरफ से भट्ठे चलाने पर फैसला सुनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि भट्ठे बंद होने से उनको लगातार नुकसान झेलना पड़ रहा है। 15 जून के बाद होते है बंद

भट्ठा मालिक ने बताया कि भट्ठे 15 जून के बाद बंद हो जाते हैं। इस पर चौमासा के बाद अक्टूबर माह में काम करने वाली लेबर आनी शुरु हो जाती है, लेकिन दीपावली और धान की कटाई शुरूहोने से पर्यावरण प्रदूषण की मात्रा अधिक होने पर भट्ठों को रोक दिया जाता है। उन्होंने बताया कि एडवांस के तौर पर लेबर को बीस लाख रुपये तक देने पड़ते हैं। इसके बाद उसे हर सप्ताह खर्च देना पड़ता है। इस बार चार माह से लेबर भट्ठे चलने के इंतजार में बैठी है। इसकी खर्ची का बोझ उनके ऊपर बढ़ता जा रहा है। दिन-ब-दिन बढ़ रहा रेट

भट्ठा मालिक राजेन्द्र सिंह, जयभगवान, पालेराम और नरेंद्र ने बताया कि एनजीटी की रोक के साथ बारिश उनके लिए नुकसान बनी हुई है। बेमौसम बारिश होने से हर बार लाखों कच्ची ईंटे भीगने पर खराब हो जाती है। हाल में स्टाक बहुत कम बचा हुआ है। ऐसे में ईंट का 6 हजार को पार कर चुका है, जो जून में 4600 रुपये था। बढ़ते भाव की मार घर आदि निर्माण करने वाले पर भी पड़ रही है। बैठक कर लेंगे निर्णय

एनजीटी के भट्ठे चलाने पर रोक से मालिकों में रोष है। इसके चलते शनिवार को दोपहर दो बजे अभिनंदन होटल पानीपत में बैठक बुलाई गई है। उपप्रधान रामकुमार ने बताया कि डीसी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा जाएगा, जिससे कि समय रहते उनकी समस्या का समाधान हो सके।


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