ईंट भट्ठों को नहीं मिली राहत, फैसला सुरक्षित, महंगी होती ईंटें
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने प्रदूषण को देखते हुए ईंट भट्ठों पर लगाम लगने की सोची है। एनजीटी ने ईंट भट्ठों की क्षमता की जानकारी भी मांगी है। एनजीटी केवल जिग जैग तकनीकी लगी वाले ईंट भट्ठे की इजाजत दे सकता है। पानीपत में महज 98 ऐसे ईंट भट्ठे हैं।
पानीपत, जेएनएन। फिलहाल ईंट भट्ठों का राहत नहीं मिली। उत्कर्ष पंवार बनाम सीपीसीबी मामले में एनजीटी ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस मामले में गठित ज्वाइंट कमेटी ने जिग जैग प्रणाली वाले भट्ठों को एनसीआर में चलाने के लिए सिफारिश की है। एनजीटी (नेशनल ग्रीन टि्रब्यूनल) ने फैसला सुरक्षित रखते हुए ईंट भट्ठों की क्षमता की जानकारी मांगी है। भट्ठे चलाने से प्रदूषण का स्तर क्या रहेगा। ज्वाइंट कमेटी को अब यह रिपोर्ट देनी होगी। उसके बाद फैसला आएगा।
पानीपत में 98 ईंट भट्ठों में जिग जैग तकनीकी लगी हुई है। यदि फैसला इस तकनीक के भट्ठे चलाने के लिए आता है तो जिले के 98 ईंट भट्ठे चल सकेंगे। फिलहाल जजमेंट पेंडिंग होने के कारण ईंट भट्ठा मालिकों को धक्का लगा है। वायु प्रदूषण के चलते ईंट भट्ठों के चलाने पर रोक लगी है। उसके बाद भी चोरी छिपे कुछ भट्ठे चलते मिले थे। जिनको सील किया गया। ईंट भट्ठा मालिक को उम्मीद थी कि उनके हक में फैसला हो जाएगा। फिलहाल फैसले पर रोक लग गई है।
अभी प्रतिबंध जारी रहेगा
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कंवलजीत ने बताया कि पूरे एनसीआर के ईंट भट्ठों की क्षमता की रिपोर्ट देने के बाद ही फैसला आना है। फिलहाल भट्ठों के संचालन पर प्रतिबंध जारी रहेगा।
भाव 7100 से अधिक
ईंट भट्ठे बंद होने के कारण ईंटों का भाव 7100 से अधिक चल रहा है। दूसरे जिलों, राज्यों के ईंट भट्ठे मालिक एनसीआर में ईंट बेच रहे हैं। ईंट भट्ठा मालिकों का कहना है कि उन्हें पहले जिग जैग तकनीक लगाने के लिए कहा गया था। सभी भट्ठों में जिग जैग तकनीकी लगाई जा चुकी है।