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हरियाणा में रिश्वतकांड : ओवरलोडेड वाहनों से एसडीएम लेते थे मंथली, रिमांड में खुलेंगे और नए राज

हरियाणा में रिश्‍वतकांड का पर्दाफाश हुआ है। एसडीएम अमरेंद्र ओवरलोड वाहनों से मंथली लेता था। ओवलोडेड वाहनों से मंथली लेने के आरोपों में गिरफ्तार एसडीएम कैथल अमरेंद्र चल रहे हैं रिमांड पर। हरियाणा विजिलेंस ने कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया था।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 04:31 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 04:31 PM (IST)
हरियाणा में रिश्वतकांड : ओवरलोडेड वाहनों से एसडीएम लेते थे मंथली, रिमांड में खुलेंगे और नए राज
पुलिस रिमांड में कैथल के एसडीएम अमरेंद्र।

अंबाला, जागरण संवाददाता। ओवरलोडेड वाहनों से मंथली लेने के आरोपों में गिरफ्तार किए गए कैथल के एसडीएम अमरेंद्र सिंह को शुक्रवार फिर कोर्ट में पेश किया गया। विजिलेंस ने कोर्ट को अवगत करवाया कि आरोपित के आवास और अन्य जगह छापामारी की है, अब रुपये बरामद करने है। इसलिए एसडीएम का रिमांड फिर से मांगा गया। कोर्ट ने एसडीएम को एक दिन के रिमांड पर फिर से भेज दिया है। विजिलेंस ने 6.50 लाख रुपये रिकवर करने हैं। सूत्रों के मुताबिक एसडीएम से विजिलेंस ने रुपये बरामद कर लिए हैं।

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शनिवार को एसडीएम को फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा। पूछताछ में सामने आया है कि ट्रांसपोर्टरों से यह रुपया इकठ्ठा किया गया था। इन्हीं रुपयों को रिकवर करने के लिए विजिलेंस ने एसडीएम के मोहाली स्थित आवास और पंचकूला में भी छापामारी की थी। आरोपित के बैंक खातों को भी खंगाला जा रहा है। इस मामले में अभी एक और इंस्पेक्टर अजय सैनी की गिरफ्तारी बकाया है, जिसने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है।

बता दें कि पंचकूला के जिला परिवहन अधिकारी-कम-सचिव अमरेंद्र सिंह को अंबाला का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया था। अंबाला की डीटीओ छुट्टी पर थीं। इस बीच अमरेंद्र सिंह ने कर्मचारियों के माध्यम से ट्रांसपोर्टरों से मंथली इकठ्ठा करनी शुरू कर दी। ओवरलोडेड वाहनों को स्टीकर दिए जाते थे ताकि उनके चालान न हो सकें। कैथल के ट्रांसपोर्टर देवराज ने विजिलेंस को शिकायत दी थी कि एसडीएम अमरेंद्र सिंह ओवरलोडेड वाहनों को निकालने के लिए रिश्वत लेते हैं। ऐसे वाहन जिनकी मंथली जाती है, उनको फ्रेश फ्रूट के स्टीकर दिए जाते थे, जिससे पता चल जाता था कि इस वाहन का चालान नहीं करना है। देवराज के ट्रकों को रोक कर भी उससे हजारों रुपये की रिश्वत ली गई थी। विजिलेंस ने इस मामले में एएसआइ जसपाल सिंह को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में जसपाल ने बताया था कि रिश्वत की रकम डीटीओ विभाग के इंस्पेक्टर अजय सैनी को दी जाती थी।


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