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अवधि से पहले हटाए थे ब्रीडर चेकर, किरकिरी हुई तो बुलाया

जिला मलेरिया विभाग में अधिकारियों-कर्मचारियों के बीच तालमेल नहीं होने से बवाल मचा हुआ है। सबसे बड़ा मुद्?दा ब्रीडर चेकर भर्ती का है। 20 ब्रीडर चेकर पांच माह के लिए रखने थे तीन माह बाद ही हटा दिया था। चूक के कारण हुई किरकरी और चौतरफा दबाव में शुक्रवार को सभी चेकरों को वापस बुलाया गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Feb 2020 08:41 AM (IST)Updated: Sat, 01 Feb 2020 08:41 AM (IST)
अवधि से पहले हटाए थे ब्रीडर चेकर, किरकिरी हुई तो बुलाया
अवधि से पहले हटाए थे ब्रीडर चेकर, किरकिरी हुई तो बुलाया

जागरण संवाददाता, पानीपत

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जिला मलेरिया विभाग में अधिकारियों-कर्मचारियों के बीच तालमेल नहीं होने से बवाल मचा है। सबसे बड़ा मुद्दा ब्रीडर चेकर भर्ती का है। 20 ब्रीडर चेकर पांच माह के लिए रखने थे। इन्हें तीन माह बाद ही हटा दिया था। इससे हुई किरकरी और दबाव में शुक्रवार को चेकरों को वापस बुलाना पड़ा।

डायरेक्टर स्वास्थ्य सेवाएं (वेक्टर बोर्न डिजीज) ने 31 मई 2019 को सिविल सर्जन के नाम पत्र जारी कर 20 ब्रीडर चेकर की पांच माह (जुलाई से नवंबर तक) अस्थायी भर्ती के आदेश दिए थे।

प्रत्येक ब्रीडर चेकर को माह में 20 दिन काम करना था। रोजाना करीब 50 घरों में लार्वा चेकिग का लक्ष्य था। उन्हें 6600 रुपये हर माह मिलने थे। अधिकारियों ने तीन माह के लिए 18की भर्ती की और आगे विस्तार नहीं दिया और अनुमति भी नहीं ली। इस चूक का दुष्परिणाम यह रह कि मलेरिया केस सामने आते रहे।

शुक्रवार को सभी ब्रीडर चेकर को बुलाया गया। जिला मलेरिया अधिकारी डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. शशि गर्ग ने बापौली को हाई रिस्क एरिया बताकर ज्वाइन करने को कहा। दो बार बैठक के बाद कुछ ब्रीडर चेकर ज्वाइन के लिए तैयार हुए। दैनिक जागरण ने उठाया था मुद्दा

हजारों घरों में मच्छरों का लार्वा चेक नहीं होने, 20 युवाओं का रोजगार छिन जाने, उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवेहलना का मुद्दा दैनिक जागरण ने उठाया था। 23 नवंबर 2019 के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था। अधिकारी और वर्कर में ठनी

जिला मलेरिया अधिकारी डीएमओ) डॉ. शशि गर्ग ने डायरेक्टर स्वास्थ्य सेवाएं वेक्टर बोर्न डिजीज) के नाम भेजे विचाराधीन पत्र में चूक का ठीकरा बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य सुपरवाइजर (मेल) शमशेर के नाम फोड़ दिया है। पत्र में कहा गया कि घरेलू ब्रीडर चेकर की हाजिरी लगाने का काम वर्कर को सौंपा था। उसने अधिकारियों की अनुमति के बिना सभी को हटा दिया। शमशेर का कहना है कि किसी को लगाना और हटाना अधिकारियों का काम है। सत्यनारायण ने भी की शिकायत

बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य सुपरवाइजर (मेल) सत्यनारायण ने भी डीएमओ के खिलाफ चार पेज का शिकायत पत्र सिविल सर्जन को सौंपा। आरोप लगाए हैं कि डीएमओ कार्यालय बुलाकर बार बार अपमानित करती हैं। वाट्सएप के कुछ संदेशों का जिक्र भी शिकायत में किया है। वर्जन :

बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य सुपरवाइजर की चूक से ही ब्रीडर चेकर हटाए थे। जिला पानीपत को जीरो मलेरिया केटेगरी में लाना है। बापौली हाई रिस्क एरिया है, अन्य ब्लॉकों के भी हाई रिस्क गांवों की सूची बनाई जा रही है। दो माह की स्वीकृति और बजट है, इसलिए ब्रीडर चेकर को रखा जाना है।

डॉ. शशि गर्ग, डिप्टी सिविल सर्जन


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