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महिलाओं में ब्रेस्ट-सर्वाइकल, पुरुषों में मुख और गले का कैंसर ज्यादा

जिले की महिलाओं में ब्रेस्ट-सर्वाइकल पुरुषों में मुख-गले का कैंसर ज्यादा हैं। प्रथम से तृतीय स्टेज तक भी समय से सर्जरी हो जाए तो मरीज की जान बच सकती है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Feb 2021 06:28 AM (IST)Updated: Thu, 04 Feb 2021 06:28 AM (IST)
महिलाओं में ब्रेस्ट-सर्वाइकल, पुरुषों में मुख और गले का कैंसर ज्यादा
महिलाओं में ब्रेस्ट-सर्वाइकल, पुरुषों में मुख और गले का कैंसर ज्यादा

जागरण संवाददाता, पानीपत : विश्व कैंसर दिवस पर दैनिक जागरण की ओर से प्लाट नंबर 10, सेक्टर-29 पार्ट-टू स्थित कार्यालय में हेलो जागरण का आयोजन हुआ। प्रेम कैंसर अस्पताल में कीमोथेरेपी एवं रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विशेषज्ञ डा. अभिनव मुटनेजा ने सुधी पाठकों के प्रश्नों के उत्तर दिए। उन्होंने बताया कि जिले की महिलाओं में ब्रेस्ट-सर्वाइकल, पुरुषों में मुख-गले का कैंसर ज्यादा हैं। प्रथम से तृतीय स्टेज तक भी समय से सर्जरी हो जाए तो मरीज की जान बच सकती है। बता दें कि डा. मुटनेजा दो वर्षों में 500 से अधिक मरीजों का सफल इलाज कर चुके हैं। किशनपुरा से कुंवरपाल ने पूछा कि गला रुक गया है। सफेद रंग का बलगम आता है। एक अस्पताल में इलाज चल रहा है, लाभ नहीं है।

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बीड़ी-सिगरेट का सेवन नहीं किया है तो कैंसर की संभावना कम है। एक बार दूरबीन से टेस्ट जरूर कराएं। रोजाना सुबह-शाम गर्म पानी की भाप लेते रहें। सेक्टर-सात से अशोक कुमार ने कहा कि करीब छह माह तक गुटका का सेवन किया था। अब कुछ की चटपटा खाता हूं तो जीभ और मुंह के अंदर तेज जलन होती है।

गुटका में एडेबल एसिड होता है। यह मुंह की त्वचा के सेल्स को संवेदनशील बना देता है। मुंह में छाला नहीं है तो कैंसर की गुंजाइश बहुत कम है। गुटका न खाएं, छह माह में ठीक हो जाएंगे। जौंधन खुर्द से हेमराज ने कहा कि चार साल पहले गले के कैंसर का आपरेशन हुआ था। रोटी का छोटा सा टुकड़ा भी बिना पानी के गले से नीचे नहीं उतरता।

इलाज के दौरान रेडिएशन से लार वाली ग्रंथी सूख जाती है। सबसे पहले दूरबीन वाला सालाना चेकअप कराएं। लार बने, इसके लिए आप दिन में एक-दो टॉफी चूस सकते हैं। माडल टाउन से प्रिसी ने पूछा कि उनकी एक मित्र के स्तन में गांठ है। खुद को कैसे पता लगे कि यह कैंसर तो नहीं है।

सभी गांठ कैंसर नहीं होती। गांठ में दर्द होता है, दबाने पर मवाद या खून निकलता है तो यह कैंसर की प्रथम स्टेज हो सकती है। चेकअप जरूर कराना चाहिए। सेक्टर-छह से अभय ने पूछा कि पानीपत में कौन से कैंसर के रोगी अधिक हैं, इसका मुख्य कारण क्या है।

महिलाओं में ब्रेस्ट-सर्वाइकल, पुरुषों में मुख-गले का कैंसर ज्यादा हैं। खराब जीवनशैली, भूजल-वायु प्रदूषण और गलत खानपान इसकी मुख्य वजह है। सेक्टर-12 निवासी रजनी ने पूछा कि क्या कैंसर जेनेटिक रोग है। बच्चों में किस प्रकार का कैंसर अधिक पाया जाता है।

कैंसर जेनेटिक भी होता है, खासकर ब्रेस्ट कैंसर। मेरे पास अभी तक कैंसर के जो बाल रोगी आए हैं उन्हें ब्लड और लिम्फोमा के हैं। तहसील कैंप से श्रीकांत ने पूछा कि सर्जरी के बाद भी कैंसर दोबारा हो सकता है। रोगी के बचने की कितनी संभावना रहती है।

प्रथम स्टेज में 95, द्वितीय में 80, तृतीय में 70 फीसद जान बचने की संभावना रहती है। चतुर्थ स्टेज में यह उम्मीद शून्य हो जाती है। सर्जरी के बाद दोबारा कैंसर के मात्र पांच फीसद ही गुंजाइश है। संक्षिप्त परिचय :

नाम : डा. अभिनव मुटनेजा

एमडी : एफयूआइसीसी (इटली) रेडिएशन ऑन्कोलॉजी

अनुभव : वर्ष 2016-18 तक राजीव गांधी कैंसर अस्पताल, दिल्ली

अब प्रेक्टिस : मार्च 2019 से प्रेम कैंसर अस्पताल, पानीपत सर्वाइकल कैंसर से बचाव

ब्रेस्ट कैंसर के बाद सबसे अधिक महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर है। महिला के गर्भाशय की कोशिकाओं में अनियमित वृद्धि होने लगते है, जो धीरे-धीरे कैंसर का रूप ले लेती है। इसका मुख्य कारक ह्यूमन पेपिलोमा वायरस है। नौ साल से 25 साल की आयु में एचपीवी वैक्सीन के दो टीके लगने से सर्वाइकल कैंसर की संभावना बहुत कम रहती है। कैंसर के मुख्य प्रकार

यूं तो कैंसर 200 प्रकार का बताया गया है। भारत में मुख्यत: मुख का कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, ब्रेन कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, पैनक्रियाटिक कैंसर के मरीज ज्यादा हैं। पुरुषों को भी छाती का कैंसर

महिला और पुरुष दोनों के ब्रेस्ट में टिश्यू होते हैं। महिलाओं में कई तरह के हार्मोन्स होने से टिश्यू बढ़कर पूरे ब्रेस्ट का रूप ले लेते हैं। पुरुषों में ब्रेस्ट को बढ़ाने वाले हार्मोन नहीं होते। पुरुष वर्ग छाती में होने वाली गांठ-दर्द को नजरअंदाज कर देते हैं। यही कारण है कि पुरुषों में छाती के कैंसर की पहचान आखिरी स्टेज में होती है।


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