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योग से व्यापार भी स्‍वस्‍थ होता है, जानिये कैसे, पानीपत के इन लोगों करके दिखाया है

पानीपत के सेक्टर 13-17 और सुखदेव नगर में पतंजलि का योग शिविर लगाया जाता है। यहां आने वाले साधकों ने स्वास्थ्य सुधारा। स्‍वस्‍थ हुए तो कारोबार भी हिट हो गया। कहते हैं योग न होता तो कारोबार भी कमजोर रह जाता।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 08:05 AM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 08:05 AM (IST)
योग से व्यापार भी स्‍वस्‍थ होता है, जानिये कैसे, पानीपत के इन लोगों करके दिखाया है
पानीपत के सेक्टर 13-17 के पार्क और सुखदेव नगर के पार्क में योग शिविर लगते हैं।

पानीपत, जेएनएन।  योग करने से क्या फायदा हुआ, यह सवाल पूछते ही जवाब होता है कि अब शरीर फिट हो गया है। पर इसी सवाल के जवाब के साथ एक लाइन और जोड़ने लगे हैं, शरीर फिट हुआ तो व्यापार भी हिट होने लगा है। जहां नौकरी करते हैं, वहां पर चुस्ती-फुर्ती बनी रहती है। पानीपत के सेक्टर 13-17 का पार्क हो या फिर सुखदेव नगर का पार्क, इन दोनों ही जगहों पर योग साधकों ने खुद में बड़ा बदलाव कर लिया है। इसके लिए योग प्रशिक्षण शिविर को कारण मानते हैं।

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इस पार्क में पतंजलि योग समिति के अशोक अरोड़ा योगासन सिखाते हैं। उन्होंने इस पार्क के अलावा आसपास के पार्कों में भी योग शिविर शुरू करा दिए हैं। जो लोग उनके पास योग करने आते, उन्हें ही ट्रेनर बना देते हैं और नए शिविर उन्हीं से चलाते हैं। बरसत रोड पर फैक्ट्री चलाने वाले राजेश कहते हैं, योग करने से नई ऊर्जा मिली है। कारोबार में मन लगने लगा है। इसी तरह स्पेयर पार्ट्स की दुकाने चलाने वाले गुलशन कहते हैं- अगर स्वास्थ्य के साथ कारोबार में भी सुधार लाना है तो योग जरूर करें। क्योंकि शरीर फिट रहेगा तो काम भी हिट होगा।

नीद ठीक आने लगी

स्पीनिंग मिल चलाने वाले रोहित गुप्ता ने बताया कि वह परिवार के साथ सेक्टर 13-17 में योग करने आते हैं। पत्नी मोनिका, बेटा उदय व पांशुल भी साथ होते हैं। योग करने से नींद अच्छी आने लगी है। पहले शरीर में थोड़ा दर्द रहता था लेकिन अब ऐसा नहीं है। सिंह गर्जना, सूर्य नमस्कार का बड़ा फायदा है। स्वास्थ्य बेहतर हुआ है तो कारोबार पर फोकस और बढ़ा है। कहते हैं कि योग से कारोबार भी बेहतर होता है।

आलस अब आसपास भी नहीं : गुलशन गाबा

असंध रोड पर बाइक के स्पेयर पार्ट्स की दुकान चलाने वाले गुलशन गाबा कहते हैं, पहले पूरा दिन आलस्य लगता था। जब से योग शिविर में जाने लगे हैं, तब से आलस अब आसपास भी नहीं है। काम में ज्यादा मन लगता है। उन्हें देखकर परिवार के सभी सातों सदस्य योग शिविर में आने लगे हैं। वह सेक्टर 13-17 के पार्क में योग करने जाते थे। योग ट्रेनर अशोक अरोड़ा से निवेदन किया कि उनके घर के पास पार्क में भी शिविर शुरू करें तो आसपास के लोगों का उत्साह देखकर वहां भी शिविर लग गया है। अब लगता है कि अच्छा जीवन जी रहे हैं।

शरीर फिट है अब

रूपेश नागपाल कहते हैं, शरीर अब पूरी तरह से फिट है। रोजाना योग करने से एक बात जरूर हुई। अब किसी तरह की दवा लेने की जरूरत नहीं है। पहले घुटनों में दर्द रहता था लेकिन वो भी उड़न-छू हो गया है। कम से कम एक घंटे तक हम सभी को योग जरूर करना चाहिए।

हम मुस्कराते हुए सभी से मिलते हैं

राजेश ठकराल कहते हैं, जबसे योग शिविर में आने लगे हैं, तभी से चेहरे पर मुस्कुराहट भी बढ़ गई है। पहली बार शिविर में ही ठहाके मारकर हंसे थे। तनाव दूर होने लगा है। इसका असर व्यापार पर देखने को मिला है। वह बरसत रोड पर रैक्स इंडिया फैक्ट्री चलाते हैं। बेडशीट, कंफर्टर सेट बेचते हैं। शरीर स्वस्थ हुआ तो कारोबार भी ध्यान ज्यादा गया। शुगर अब नियंत्रण में है। पहले शुगर तीन सौ तक पहुंच गई थी। लाकडाउन में घर पर योग करते थे, अब शारीरिक दूरी का ध्यान रखते हुए पार्क में आने लगे हैं। उनके साथ पत्नी आरती भी आती हैं।

बरसत रोड पर रैक्स इंडिया फैक्ट्री के संचालक राजेश ठकराल।

तीन साल से कर रहे हैं योग : राकेश

राकेश वधवा रोजाना पत्नी सुमन के साथ सेक्टर 13-17 के पार्क में आते हैं। तीन साल से योग कर रहे हैं। कहते हैं कि पिछले दो साल से बीमारी नहीं हुई। कोई दवा लेने की जरूरत ही नहीं पड़ी। पहले आलस रहता था लेकिन योग करने से फुर्ति रहती है। इससे काम पर भी सकारात्मक असर पड़ा है। कपालभाति, अनुलोम-विलोम तो सभी को करना चाहिए। इससे तनाव दूर होता है, चुस्ती बढ़ती है।

सेक्टर 13-17 के पार्क में पत्नी सुमन के साथ योग करने पहुंचे राकेश।

आंतरिक क्षमता बढ़ाता है योग

सेक्टर 13-17 निवासी प्रवीण गोयल का कहना है कि योग करने से आंतरिक क्षमता बढ़ती है। उन्हें पहले चलने में दिक्कत होती थी। अब एक से दो किलोमीटर तक आसानी से चल सकते हैं। बुजुर्गों को रोजाना हल्केे आसन करने चाहिए। ठहाके लगाकर हंसना चाहिए।

बढ़ गई है क्षमता

रचना का कहना है कि योग करने से उनकी क्षमता बढ़ गई है। पहले पूरा दिन थकान रहती थी। अनुलोम-विलोम जैसे क्रियाओं से ही बड़ा फर्क पड़ गया है। पहले लगता था कि कुछ देर चलना भी मुश्किल है लेकिन योग करने से सब आसान हो गया है। अब पार्क तक पैदल ही आती और घर पैदल ही जाती हूं। किसी तरह की दवाई लेने की जरूरत नहीं पड़ी।

तनाव दूर होने लगा

निधि खुराना ने बताया कि पहले काफी तनाव रहता था। छोटी-छोटी बात पर झगड़ा करना या परेशान हो जाना, आम बात थी। सुखदेव नगर के पार्क में एक घंटे तक योग करने से तनाव वाले हालात उड़नछू हो गए हैं। योग ट्रेनर वीरा गोयल ने बताया है, मुस्कुराते रहेंगे तो आधी परेशानियां खुद ही दूर हो जाएंगी। योग करते-करते कई बार हंसने लगते हैं।

दवा की जरूरत नहीं : सरला

सरला ने बताया कि वह करीब डेढ़ साल से योग शिविर में आ रही हैं। कुछ हफ्तों में असर दिखने लगा। वैसे तो कोई बीमारी हुई नहीं। बुखार भी हुआ तो दवा की जरूरत नहीं पड़ी। जब लाकडाउन लगा था, तब घर पर योग करती थीं। अनुलोम-विलोम करने से तनाव दूर होने लगा है। घर के सदस्य भी योग करने लगे हैं।


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