Murder: फिल्मी स्टोरी से कम नहीं जींद में 19 साल का खूनी खेल, 4 की हो चुकी हत्या
जींद में टेंडर की वजह से जींद में 19 साल से खूनी खेल चल रहा है। चार लोगों की हत्या की जा चुकी हैं। ट्रक यूनियन के ठेकों को लेकर वर्ष 2002 में तीन भाइयों की गोली मारकर हुई थी हत्या। कई घायल भी हो चुकी हैं।
जींद, जागरण संवाददाता। जींद अनाज ढुलाई के टेंडर को लेकर जींद में पिछले 19 साल से खूनी खेल चल रहा है। इस दौरान तीन बार खून बह चुका है और चार लोगों की जान चुकी है और दो लोगों को गोली मारी गई और दो लोगों को गोली मारकर हत्या करने का प्रयास हुआ है। खूनी खेल की शुरुआत वर्ष 2002 में ट्रक यूनियन में ढुलाई के ठेके के विवाद को लेकर तीन भाइयों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
इस वारदात को अंजाम मंगलवार को बदमाशों द्वारा अंधाधुंध फायरिंग में मरने वाले रोहतक रोड निवासी श्यामसुंदर बंसल ने अपने साथियों के साथ मिलकर दिया था। उसके बाद से लगातार खींचतान चलती रही और इस मामले में श्यामसुंदर बंसल को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी, लेकिन श्यामसुंदर बंसल के परिवार ने इस दौरान टेंडर लेने का सिलसिला जारी रखा।
जेल से रिहा कर दिया गया था
जेल में उसके बेहतर चालन चलन को देखते हुए जेल प्रशासन ने लगभग एक साल पहले उसको जेल से रिहा कर दिया। उसे बाद से श्यामसुंदर लगातार फूडग्रेन के ठेके लेने के कार्य में फिर से लग गए। जहां पर ढुलाई के टेंडर को लेकर दूसरा गुट उनके साथ रंजिश रखता था और ढुलाई के टेंडर लेने में उनके सामने ठेकेदार गौरव रहता था।
श्यामसुंदर बंसल का फाइल फोटो।
टेंडर के लिए धमकी
इसमें श्यामसुंदर के भतीजे हन्नी बंसल का आरोप है कि जो गौरव ठेके लेता है, उसमें गांव पोकरीखेड़ी निवासी जुगती राम, उसके बेटे बलजीत पोकरीखेड़ी, रोशन व सुभाष नगर निवासी धर्मेंद्र पहलवान सहित दूसरे आरोपितों के हिस्सेदारी होती है, लेकिन उसको दिखाया नहीं जाता है। उनके मुकाबले में टेंडर न भरा जाए, इसलिए वह दूसरी पार्टियों को डरा धमकाते हैं, लेकिन उसके चाचा श्यामसुंदर टेंडर भरने से पीछे नहीं हटते थे, इसलिए उनके साथ रंजिश रखी जाती थी।
बच गई थी जान
इसी रंजिश के चलते 17 अप्रैल 2016 को इन आरोपितों ने किराये के बदमाशों से श्यामसुंदर के छोटे भाई पुरुषोत्तम पर उस समय हमला करवा दिया था, जब वह अपने कार्यालय के अंदर बैठा हुआ था। उस समय एक गोली लगी थी, लेकिन दूसरा फायर करना चाहा था तो वह चला नहीं था। इसमें पुरुषोत्तम की जान बच गई थी।
इनके नाम आए थे सामने
बाद में पुलिस जांच के दौरान गांव पोकरीखेड़ी निवासी जुगती राम, उसके बेटे बलजीत पोकरीखेड़ी, रोशन व सुभाष नगर निवासी धर्मेंद्र पहलवान सहित दूसरे आरोपितों का नाम सामने आया और पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद से अदालत में मामला विचाराधीन था और फिलहाल वह मामला गवाही पर आया हुआ था। उस मामले में ठेकेदार श्यामसुंदर मुख्य गवाह था और अदालत में उसकी फिलहाल गवाही थी। बुधवार को श्यामसुंदर ने अदालत में पेश होकर सबूत पेश करने थे, लेकिन उससे पहले ही किराये के बदमाशों से उस पर हमला करके हत्या करवा दी, जबकि उसके भतीजे हन्नी बंसल को एक गोली लगी, लेकिन उसकी जान खतरे से बाहर है।
वारदात के बाद भूमिगत हुए बदमाश, चार आरोपित पहले से ही जेल में
ठेकेदार श्यामसुंदर की हत्या के मामले में नामजद हुए चार आरोपित पहले से ही जिला जिले में बंद है। इसमें से आरोपित अशोक उर्फ गाठा, संदीप उर्फ डैनी, कुलदीप उर्फ कमांडो, अजय उर्फ डायमंड 17 अप्रैल 2016 को श्यामसुंदर के भाई पुरुषोत्तम को गोली मारने के बाद से जेल में बंद है। जबकि दूसरे आरोपित हाईकोर्ट से जमानत पर बाहर है। मंगलवार को हुई वारदात के बाद जमानत पर चल रहे दूसरे आरोपित धर्मेंद्र पहलवान, बलजीत पोंकरीखेड़ी, रोशन पोकरीखेड़ी, संजय उर्फ बत्तख, कुलदीप उर्फ कमांडो व गौरव भूमिगत हो गए है। डीएसपी धर्मबीर खर्ब ने बताया कि आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है और जो चार आरोपित जेल में बंद है उनको पूछताछ के लिए प्रोडक्शन वारंट पर लगाया जाएगा।