भाकियू ने ठुकराया बीरेंद्र सिंह का प्रस्ताव, चढूनी बोले-हमारे पास बिचौलिये बहुत
तीन कृषि सुधार कानूनों के विरोध में कैथल में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। भाकियू प्रधान गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह की पीएम को लिखी चिट्ठी पर तंज कसा। कहा कि पहले अपने सांसद बेटे से इस्तीफा दिलवाएं।
कैथल, जेएनएन। पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसान हित में लिखी चिट्ठी पर संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य भाकियू के प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि उनके पास बिचौलियों की कमी नहीं है। यहां कोई रिश्ता नहीं करवाना है, जो वह मध्यस्थता की बात कर रहे हैं।
चढ़ूनी ने कहा कि अगर बीरेंद्र सिंह सच में किसानों के हितैषी हैं तो सबसे पहले अपने सांसद बेटे से इस्तीफा दिलवाएं। वे क्यों अपने नाना सर छोटू राम को कलंकित कर रहे हैं। उधर, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला अपना इस्तीफा देकर किसानों के साथ आ जाएं। वे दावा करते हैं कि इन दोनों के इस्तीफे से भाजपा उसी दिन झुक जाएगी। बीरेंद्र सिंह केवल नाटक कर रहे हैं। गुरनाम सिंह चढूनी बहुजन महापंचायत कैथल में पहुंचे थे। यह दलित और पिछड़ा समाज की ओर से बुलाई गई महापंचायत थी।
किसानों को दिया सामाजिक समरसता का फार्मूला
इस मंच से किसानों को चढूनी ने सामाजिक समरसता का फार्मूला भी दिया। उन्होंने कहा कि सवर्ण जाति के लोग अपने घरों में बाबा साहेब डॉ. भीम राव आंबेडकर का चित्र लगाएं, जिन्होंने हमेशा दलितों और कमेरों के लिए लड़ाई लड़ी। इसके विपरीत दलित समाज के लोग अपने घरों में सर छोटू राम की फोटो लगाएं, क्योंकि यह दोनों अमीरों के विरुद्ध और गरीबों के पक्ष में थे।
कानूनों से हर वर्ग का होगा नुकसान
उन्होंने कहा कि तीन कानूनों से सिर्फ किसानों का ही नुकसान नहीं होगा, बल्कि हर उस वर्ग का है जो अनाज खरीद कर खाना खाते हैं। भाजपा और इसके नेता तो कॉर्पोरेट्स के दलाल हैं। कुरुक्षेत्र के सांसद का नाम लिए बिना गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि उनके पास कुछ भी नहीं था। पता नहीं क्या-क्या बेचकर आज वह अरबपति हो गए हैं। राजनीति को इन लोगों ने बिजनेस बना लिया है।
जहां चुनाव होंगे, वहां सरकार के खिलाफ करेंगे प्रचार
उन्होंने कहा कि देश में जहां-जहां चुनाव हैं। वहा पर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रचार किया जाएगा। सरकार की हठ पर वोट की चोट से प्रहार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार को तीनों कृषि कानूनों व बिजली बिल 2020 को वापस लेना होगा। जब तक सरकार तीनों कानूनों को वापस नहीं लेती, तब तक धरने प्रदर्शन जारी रहेंगे। सभी संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य जगह-जगह जाकर पंचायतें करेंगे और धरनों को और तेज किया जाएगा। मजदूर, आढ़ती, किसान सहित सभी लोग मैदान में आ चुके है। सरकार को हर हाल में बात माननी होगी।
कोरोना एक बड़ा घोटाला
गुुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि कोरोना नाम की कोई चीज नहीं है। यह एक बड़ा घोेटाला है। कोरोना की आड़ में यह किसानों के आंदोलन को प्रभावित करने का प्रयास कर सकते हैं, लेकिन ऐसा होने वाला नहीं है।
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