भाजपा की नई कार्यकारिणी का स्वागत के साथ सवाल भी उठने लगे
जागरण संवाददाता पानीपत भाजपा की नई कार्यकारिणी घोषित हो गई है। एक तरफ जहां स्वागत ह
जागरण संवाददाता, पानीपत : भाजपा की नई कार्यकारिणी घोषित हो गई है। एक तरफ जहां स्वागत हो रहा है, दूसरी तरफ फेसबुक और वाट्सएप पर कुछ सवाल भी उठ रहे हैं। मंडल अध्यक्षों को भी जगह नहीं मिली। मीडिया प्रभारी दीपक सलूजा समय नहीं दे पा रहे थे। सो, उनको मीडिया विग में नहीं रखा गया। उनकी जगह पर ईश राणा को नियुक्त किया गया है। राणा इससे पहले सह मीडिया प्रभारी थे। हालांकि पिछली कार्यकारिणी में उनके पास कोई पद नहीं था।
जागरण विश्लेषण : जानिये, किसे क्यों नियुक्ति, किसका नाम क्यों कटा
1- महिला मोर्चा समालखा के जिम्मे क्यों
जवाब : भाजपा की जिला अध्यक्ष चूंकि महिला हैं, पानीपत शहर से ही हैं, इस वजह से महिला मोर्चा की कमान पानीपत शहर से बाहर दी गई। समालखा की पार्षद काजल को महिला मोर्चा का जिम्मा इसी वजह से दिया गया है। पानीपत शहर, ग्रामीण, इसराना और समालखा के कार्यकर्ताओं को इस तरह कार्यकारिणी में लिया गया, जिससे लगे कि बराबरी के पदों का चयन हुआ है।
2- तरुण गांधी को फिर से उपाध्यक्ष क्यों
जवाब : तरुण गांधी जिला अध्यक्ष की दौड़ में थे। भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। सांसद संजय भाटिया के नजदीकी हैं। उन्हें कार्यकारिणी से बाहर करने का संदेश ठीक नहीं जाता। इसलिए दोबारा से उपाध्यक्ष बनाया गया। प्रदेश की कार्यकारिणी में भी जा सकते हैं।
3- सांसद संजय और विधायक प्रमोद विज के कितने नाम
जवाब : ज्यादातर कार्यकर्ता सांसद संजय भाटिया से जुड़े हैं। तत्कालीन जिला अध्यक्ष एवं वर्तमान में शहर से विधायक प्रमोद विज की तरफ से रमन छाबड़ा को सचिव बनाया गया था। छाबड़ा का इस सूची में नाम नहीं है।
4- क्या सांसद के नजदीकियों को ज्यादा जगह
जवाब : कह सकते हैं हां। प्राण रत्नाकर को जिला उपाध्यक्ष, रवींद्र भाटिया को महामंत्री बनाया गया है। प्राण रत्नाकर सांसद के मित्र भी हैं। हालांकि विधायक कार्यालय में वह विज का सोशल मीडिया एकाउंट संभालते हैं। रवींद्र भाटिया शुरू से ही संजय भाटिया से जुड़े हैं।
5- मीडिया प्रभारी दीपक सलूजा क्यों नहीं
जवाब : दीपक सलूजा ने पहले ही अनिच्छा जाहिर की थी। समय नहीं दे पा रहे थे। कई बार उन्हें कार्यक्रम के बारे में सूचित नहीं किया गया, जिससे वह असंतुष्ट भी थे।
काजल, बलविद्र और प्राण रत्नाकर ने चौंकाया
वैसे तो कई नाम पहली बार कार्यकारिणी में आए हैं। फिर भी महिला मोर्चा से काजल, युवा मोर्चा से बलविद्र और उपाध्यक्ष पद पर प्राण रत्नाकर के नाम ने चौंकाया है। बलविद्र का तो बहुत से कार्यकर्ताओं ने नाम ही पहली बार सुना। प्राण रत्नाकर पहले इनेलो में थे। हालांकि भाजपा नेता सफाई में ये भी कहते हैं कि कृष्णलाल पंवार भी तो इनेलो में थे। भाजपा ने उन्हें मंत्री तक बनाया।
दो नामों ने हैरत में डाला, क्यों नहीं कार्यकारिणी में
उत्तरी शहरी मंडल के अध्यक्ष थे राममोहन शर्मा। उनकी जगह प्रीतम गुर्जर को जगह मिली। दक्षिणी शहरी मंडल के अध्यक्ष थे महेश नारंग। उनकी जगह विजय शर्मा को बनाया गया। ये उम्मीद थी कि इन दोनों को जिला कार्यकारिणी में जगह मिलेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
मीडिया प्रभारी नाम का ही न रह जाए
अब तक मीडिया प्रभारी केवल नाम के ही बनते आए हैं। दीपक सलूजा अपनी मौजूदगी जरूर दर्ज कराते थे लेकिन उन्हें ही पार्टी के कार्यक्रमों की जानकारी नहीं होती थी। मंडल अध्यक्ष घोषित किए गए थे, तब दीपक सलूजा मीडिया प्रभारी थे। उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं थी। इसी तरह कई कार्यक्रम हो जाते थे, सलूजा तक संदेश ही नहीं पहुंच पाता था। अब ईश राणा को जिम्मेदारी मिली है।