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23 जनवरी को नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती, भाजपा पराक्रम दिवस मनाकर गुमनाम शहीदों को देगी सम्मान

23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती है। हरियाणा के भाजपा प्रदेशाध्‍यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव अभियान के माध्यम से आजादी आंदोलन इतिहास में गुमनाम शहीदों को सम्मान देने का काम करेंगे।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 04:42 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 04:42 PM (IST)
23 जनवरी को नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती, भाजपा पराक्रम दिवस मनाकर गुमनाम शहीदों को देगी सम्मान
सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर पराक्रम दिवस मनाया जाएगा।

जींद, जागरण संवाददाता। भारतीय जनता पार्टी 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में प्रदेश भर में बूथ स्तर पर मनाने जा रही है । इस कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा के लिए भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ आज जींद भाजपा जिला कार्यालय में प्रमुख कार्यकर्ताओं की बैठक लेने पहुंचे ।

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बैठक में प्रदेश के शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुज्जर, प्रदेश महामंत्री वेदपाल एडवोकेट, जिला प्रभारी व हरियाणा युवा आयोग के चेयरमैन मुकेश गौड़, जींद विधायक डॉ कृष्ण मिढ़ा व युवा के प्रदेशाध्यक्ष राहुल राणा ने बैठक को संबोधित किया ।

प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने देश के गुमनाम शहीदों और उन पर हुए अत्याचारों के बारे में विस्तार से कार्यकर्ताओं को बताया । उन्‍होंने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिंद फौज की स्थापना कर अपनी लड़ाई को नए मुकाम पर पहुंचाया।

ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा की आजादी के आंदोलन के इतिहास में लगभग 90 साल तक अंग्रेजों के साथ लड़ाई चली। देश के हजारों वीर शहीदों ने अपनी शहादत दी परंतु आजादी के बाद कांग्रेस देश की सत्ता में आई और कांग्रेस ने अपने नेताओं के अनुरूप इतिहास को रचा। कांग्रेस ने आजादी के इतिहास को अपनी सुविधा के अनुसार लिखा और अपने ही कुछ नेताओं का महिमामंडन कर उनका गुणगान कर इतिहास में उनको सर्वोपरि दिखा दिया किसी भी शहीद को उनका उचित मान सम्मान नहीं दिया।

उन्होंने कहा भाजपा में में सत्ता में आने के बाद शहीदों को उनका मान सम्मान देना शुरू किया इस कड़ी में मुंबई के एयरपोर्ट का नाम छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम किया गया, कोलकाता एयरपोर्ट का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर रखा गया, रांची के एयरपोर्ट का नाम बिरसा मुंडा के नाम पर रखा गया और नागपुर के एयरपोर्ट को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के नाम पर रखा गया।

ओमप्रकाश धनखड़ ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन और उनके द्वारा चलाए गए आंदोलन आंदोलन के बारे में विस्तार से कार्यकर्ताओं को बताया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस शुरू से ही बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे और बचपन से ही में देशभक्ति कूट-कूट कर भरी थी ।


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