हरियाणा के भाजपा प्रदेशाध्यक्ष धनखड़ ने कहा, कई बार आंदोलन वापस हुए, वापस लेना भी ताकत है
कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने राजस्थान और पंजाब सरकार पर निशाना साधा। साथ ही उन्होंने कहा कि आंदोलन करना ही ताकत नहीं है बल्कि उसे वापस लेना भी ताकत है।
पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। केवल आंदोलन करने में ही ताकत नहीं होती। आंदोलन वापस लेने में भी ताकत होती है। सभी मुद्दों पर बात हो गई है। अब आपकी ताकत आंदोलन को वापस लेने में है। महात्मा गांधी जी भी आंदोलन वापस लेते थे। रामजन्म भूमि आंदोलन भी कई दफा वापस लिया गया। उक्त शब्द भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने प्रेसवार्ता में कही।
उन्होंने कहा, तीनों कानून किसान हित में है। संशोधन इसलिए करना पड़ रहा है कि संविधान में भी कई बार संशोधन हो चुका। लोकतंत्र में संशोधन होता ही रहता है। राजस्थान सरकार व पंजाब के सीएम किसानों के समर्थक होने का ढोंग कर रहे हैं। इन्होंने किसानों का बाजरा नहीं खरीदा। हरियाणा सरकार 74 लाख क्विंटल बाजरा किसानों को लाभ देने के लिए खरीदा।
धनखड़ ने कहा कि हमारे ट्रेनिंग कैंप चल रहे हैं। प्रदेश में 300 मंडल है। हर मंडल में लगभग 100 सक्रिय कार्यकर्ता होते हैं। ऐसे 30 हजार कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण होना है। ऐसे ही कार्यक्रम में यमुनानगर आया हूं। इसमें किसानों के मुद्दों पर बातचीत रखी, जो भी तीनों कानूनों के संबंध में सरकार के सामने मुद्दे रखे गए थे। सभी का सरकार ने जवाब दे दिया। किसानों की जो भी शंकाएं थीं उनको दूर किया है। आगे भी बातचीत का विकल्प खुला है। अब कोई एजेंडा नहीं बचा है।
यह भी पढ़ें: Geeta Jayanti Festival 2020: धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के अली को कुरान संग गीता का भी अनोखा ज्ञान, सबको किया हैरान
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों की हर बात को मान ली है। चाहे वह एमएसपी की बात हो या एसडीएम कोर्ट की बात हो। मंडी फीस व व्यापारियों के रजिस्ट्रेशन पर भी बात हुई और इसको राज्य सरकार पर छोड़ दिया। सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के मामले में कमेटी बनाकर हल तलाशने को कहा है। इसमें कौन शामिल होगा, इस पर उनका कहना है कि यह तो वह सरकार तय करेगी जिसको कोर्ट ने कहा है।
किसानों ने शालीनता रखी है और सरकार ने भी सभी बिंदुओं को सुना है, यह बड़ी बात है। असली संगठन के सवाल पर उनका कहना था कि सभी किसान संगठन सरकार से बात कर सकते हैं। किसानों के बहुत संगठन हैं। सांसद के विरोध करने पर उन्होंने कहा कि हर आंदोलन की एक मर्यादा होती है। आंदोलन तभी ताकतवर होता जब अपनी मर्यादा में हो।
यह भी पढ़ें: Farmers Protest: सिंघू में चल रहे पिज्जा बर्गर तो टीकरी में सादी रोटी, पंजाब के किसानों के अलग अंदाज
यह भी पढ़ें: सपनों ने दी हिम्मत, चंडीगढ़ के सिक्योरिटी गार्ड का बेटा बना लेफ्टिनेंट, जानें संघर्ष की अनोखी कहानी
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए