भाजपा का नया कार्यालय बन रहा, कांग्रेसी वहीं की वहीं खड़ी
सेक्टर 13-17 में भारतीय जनता पार्टी का नया कार्यालय बन रहा है। 1500 गज के इस कार्यालय के लिए मुख्यमंत्री मनोहरलाल भूमि पूजन कर चुके हैं। गीता कालोनी से निकलकर भाजपा का कार्यालय सेक्टर में पहुंच जाएगा। दूसरी तरफ कांग्रेस के पास बरसों से अपना कार्यालय तक नहीं है। जो कार्यालय है वो भी शाह परिवार की ही संपत्ति है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : सेक्टर 13-17 में भारतीय जनता पार्टी का नया कार्यालय बन रहा है। 1500 गज के इस कार्यालय के लिए मुख्यमंत्री मनोहरलाल भूमि पूजन कर चुके हैं। गीता कालोनी से निकलकर भाजपा का कार्यालय सेक्टर में पहुंच जाएगा। दूसरी तरफ, कांग्रेस के पास बरसों से अपना कार्यालय तक नहीं है। जो कार्यालय है, वो भी शाह परिवार की ही संपत्ति है। इस कार्यालय को स्व.हुकूमतराय शाह ने खरीदा था। लालबत्ती के पास पहली मंजिल पर गणतंत्र-स्वतंत्रा दिवस या फिर चुनाव में ही कार्यालय खुलता है। आम दिनों में बंद रहता है। सवाल ये है कि जब विपक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण होनी चाहिए, उस समय में कांग्रेस के पास अपना कार्यालय तक नहीं है। जो कार्यालय है, वो सक्रिय नहीं है।
वर्ष 1969 में हुकूमत राय शाह ने नगर पालिका से दुकानों के ऊपर बने इस फ्लोर को खरीदा था। साथ लगती जगह को भारतीय मजदूर संघ ने खरीदा। कांग्रेस भवन के नीचे मियां बालों की 4 दुकानें (क्वालिटी) थी। 1972 में हुकूमत शाह जब विधायक बन गए तो उन्होंने इस पर निर्माण शुरू कराया। कृष्ण लाल मोंगा (साइकिल वालों) को निर्माण कार्य की जिम्मेदारी सौंपी। कांग्रेस भवन बनने के बाद इसकी जिम्मेदारी सौंपने की बात आई तो सेठी चौक के पास रहने वाले युवा रमेश पुहाल को योग्य समझा गया।
कांग्रेस भवन शाह परिवार का वर्चस्व केंद्र बना रहा। स्व.कस्तूरी लाल आहूजा ने कांग्रेस भवन पर अपनी सक्रियता बढ़ाई लेकिन उनकी एक नहीं चली। निजी स्वामित्व होने के कारण कांग्रेस भवन शाह परिवार के पास ही रहता है। क्या शाह राजनीति में विज की तरह चमकेंगे
पानीपत शहर में पहले फतेहचंद विज विधायक बनते रहे। तीन बार के विजेता विज को हुकूमतराय शाह ने हराया। इसके बाद उनके बेटे बलबीरपाल शाह ने चुनाव जीते। 2014 के चुनाव में रोहिता रेवड़ी ने बलबीर के भाई बुल्ले शाह को हराया। अगले चुनाव में शाह ने लड़ने से इन्कार कर दिया। तब फतेहचंद विज के बेटे प्रमोद विज ने जीत हासिल की। उन्हें लग रहा था कि भाजपा की हरियाणा में प्रचंड जीत होगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। चुनाव के बाद उनके समर्थकों ने कहा भी कि अगर शाह खड़े होते तो नतीजा कुछ और हो सकता था। इस वजह से बुल्ले शाह फिर से सक्रिय हुए हैं।
सवाल उठ रहा है कि क्या बुल्ले शाह शहर में कांग्रेस को जिताकर पुराना गढ़ा बचा सकेंगे। वैसे शाह के साथ ही संजय अग्रवाल जैसे नेता भी कांग्रेस में अब टिकट के मजबूत दावेदार हो चुके हैं। कार्यालय को सक्रिय करेंगे
वरिद्र उर्फ बुल्ले शाह ने जागरण से बातचीत में कहा कि यह सही है कि कांग्रेस कार्यालय उनकी संपत्ति है लेकिन समर्पित कांग्रेस को ही है। कांग्रेस भवन को फिर सक्रिय करेंगे। कार्यकर्ताओं की बैठकें होंगी। विपक्ष अपनी भूमिका निभाएगा।