Birju Maharaj: नहीं रहे कथक सम्राट, पढ़ें बिरजू महाराज, बाजीराव मस्तानी और पानीपत का कनेक्शन
कथक सम्राट नहीं रहे। भारतीय कला जगत का एक बड़ा सितरा टूट गया। पंडित बिरजू महाराज का निधन हो गया। उन्होंने बाजीराव मस्तानी में दीपिका पादुकोण पर फिल्माए गीत को कोरियाग्राफ किया था। मस्तानी का बेटा शमशेर बहादुर पानीपत में तीसरी जंग लड़ने पहुंचा था।
पानीपत जागरण, संवाददाता। पंडित बिरजू महाराज का 83 की उम्र में निधन हो गया। क्या आप जानते हैं कि कथक नृत्य के साथ ही शास्त्रीय गायक पंडित बिरजू महाराज ने बाजीराव मस्तानी फिल्म में डांस कोरियोग्राफ किया था। दीपिका पादुकोण पर फिल्माया गया था गीत, मोहे रंग दो लाल, नंद के लाल...। इसकी कोरियोग्राफी पंडित बिरजू महाराज ने की थी। क्या आप जानते हैं कि पंडित बिरजू महाराज का इस फिल्म के जरिये एक तरह से पानीपत से कनेक्शन हो गया था। दरअसल, पानीपत की स्मृति मस्तानी से जुड़ी है। आगे पढ़िए, किस तरह है ये कनेक्शन।
दरअसल, बाजीराव और मस्तानी का एक बेटा था। उसका नाम था शमशेर बहादुर। पानीपत की धरती पर जब 1761 की तीसरी जंग हुई, तब शमशेर बहादुर भी सदाशिव राव भाऊ के साथ पानीपत आया था। पुणे से जब मराठा फौज निकली, तब शमशेर बहादुर को भी भाऊ ने अपने साथ लिया। भाऊ को शमशेर पर बहुत भरोसा था। तलवारी बाजी में वह बेहद तेज तर्रार था। एकसाथ पांच से सात तलवारबाजों से मुकाबला कर लिया करता। कहते हैँ कि शमशेर के हाथ में तलवार रहते कोई उसे हरा नहीं सकता थ।
शहीद हो गया था शमशेर बहादुर
पानीपत की जंग में शमशेर बहादुर भी शहीद हो गया था। विश्वास पाटील की लिखित किताब पानीपत में शमशेर बहादुर का जिक्र है। किताब के अनुसार, शमशेर बहादुर घायल हो गया था। राजा सूरजमल ने उसका भरसक इलाज कराया। लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। होश में आने पर वह कहता था कि जंग में जाना है। मराठा ही जीतेंगे।
शमशेर के वंशज आते हैं पानीपत
शमशेर बहादुर के वंशज पानीपत की मिट्टी को नमन करने पानीपत आते हैं। अब भोपाल में रहते हैं शमशेर बहादुर के वंशज। कोरोना संक्रमण की वजह से इस वर्ष काला अंब नहीं आए। शमशेर बहादुर के वंशजों का कहना है कि पानीपत में हार नहीं, बल्कि जीत हुई थी। वो शौर्य का दिन था। अब्दाली जीतकर भी हिंदुस्तान पर कब्जा नहीं कर सका। उसे इतनी क्षति पहुंची कि वो अपने वतन ही लौट गया।