पटवारी और ग्राम सचिव के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी, गांव में घर-घर जाकर इन लोगों की करेंगे पहचान
कोरोना महामारी से बचाव के लिए यमुनानगर को नौ खंडों में बांटा गया है। प्रत्येक खंड में नोडल अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है। यह नोडल अधिकारी अपने-अपने खंडों में कोविड टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया पर नजर रखेंगे। इसके लिए पटवारी और ग्राम सचिव तैनात किए।
यमुनानगर, जागरण संवाददाता। यमुनानगर में कोरोना से बचाव के लिए प्रशासन टीकाकरण पर जोर दे रहा है। शत प्रतिशत टीकाकरण हो। इसके लिए अब पटवारी व ग्राम सचिवों काे जिम्मेदारी दी गई है। यह गांव में जाकर टीका न लगवाने वालों की पहचान करेंगे। इन लोगों को वैक्सीन की डोज दी जाएगी। जिससे शत प्रतिशत टीकाकरण हो सके। इसी तरह से शहरी क्षेत्र में अाशा वर्कर घर-घर जाकर टीकाकरण के बारे में जानकारी लेंगी। यदि किसी ने वैक्सीन नहीं लगवाई है, तो उसे घर से बुलाकर केंद्रों तक यह कर्मचारी लेकर आएंगे।
9 लाख 44 हजार 753 लाेग हैं पात्रता के दायरे में पंजीकृत
टीकाकरण को शत प्रतिशत करने के लिए डीसी पार्थ गुप्ता ने कानूनगो व नायब तहसीलदारों समेत अन्य विभागों के फील्ड वर्करों को भी जिम्मेदारी दी है। यह अधिकारी अपने माध्यमों के जरिए उन लोगों का पता करेंगे। जिन्होंने वैक्सीन की डोज नहीं ली है। जहां भी ऐसे लोग मिलेंगे। उन्हें वैक्सीन की डोज दी जाएगी।
नोडल अधिकारियों की रहेगी तैनाती
कोरोना महामारी से बचाव के लिए जिले को नौ खंडों में बांटा गया है। प्रत्येक खंड में नोडल अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है। यह नोडल अधिकारी अपने-अपने खंडों में कोविड टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया पर नजर रखेंगे। यदि किसी क्षेत्र में टीकाकरण कम हुआ है, तो वहां पर विशेष अभियान चलाया जाएगा। अभी तक समीक्षा में यही सामने आया है कि बिलासपुर व प्रतापनगर में काफी लोग ऐसे हैं। जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई है।
यह स्थिति वैक्सीनेशन की
जिले की बात करें, तो नौ लाख 44 हजार 753 पात्र वैक्सीनेशन के लिए पंजीकृत हैं। इनमें से नौ लाख 30 हजार 992 ने पहली डोज, सात लाख तीन हजार 397 ने दोनों डोज ली हुई है। 15 से 17 वर्ष आयु वर्ग में 59 हजार पंजीकृत हैं। इनमें से 37 हजार 946 को वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। चार हजार 736 ने बूस्टर डोज ली है।