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सरकारी खरीद एजेंसी हैफेड की बड़ी लापरवाही, आढ़तियों का 18 लाख रुपये का भुगतान अटका

सरकारी खरीद एजेंसी हैफेड की लापरवाही से अटका आढ़तियों का 18 लाख रुपये का भुगतान। सरकारी कार्यालय के चक्कर काट रहे आढ़ती। सरकारी खरीद एजेंसी हैफेड के अधिकारियों की लापरवाही से भुगतान अटक गया है। आढ़तियों में रोष है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 11:48 AM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 11:48 AM (IST)
सरकारी खरीद एजेंसी हैफेड की बड़ी लापरवाही, आढ़तियों का 18 लाख रुपये का भुगतान अटका
आढ़तियों का 18 लाख रुपये का भुगतान अटका।

कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। सरकारी खरीद एजेंसी हैफेड के अधिकारियों की लापरवाही से थानेसर की नई अनाज मंडी सैकड़ों आढ़तियों का 18 लाख रुपये का भुगतान अटक गया है। हैफेड की ओर से धान लोड करने की मजदूरी का भुगतान सीधे राइस मिलर को देने की बात कही जा रही है, जबकि आढ़तियों ने भी यह मजदूरी राइस मिलर को जारी कर दी है। आढ़ती एसोसिएशनों ने अधिकारियों से इस समस्या के समाधान की मांग की है। गत वर्ष की आढ़त से प्रति क्विंटल 1.88 रुपये का भुगतान काटे जाने पर आढ़तियों में रोष है।

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गत वर्ष धान के सीजन में थानेसर की नई अनाज मंडी से सरकारी खरीद एजेंसी हैफेड की ओर से भी खरीद की गई थी। इसी खरीद एजेंसी की ओर से 12 अक्टूबर से पहले की धान खरीद पर आढ़तियों को धान उठान के लिए मिलने वाली मजदूरी 1.88 रुपये काट ली गई है। हालांकि यही भुगतान आढ़तियों की ओर से राइस मिलर को पहले ही कर दिया गया है। अब अधिकारी भी इस भुगतान को राइस मिलर को ही जारी किए जाने की बात कह रहे हैं।

गौरतलब है कि धान खरीद के उठान की जिम्मेदारी संबंधित राइस मिलर को दी जाती है। इसी उठान की मजदूरी हर साल आढ़ती को ही पहुंचती थी। इसके बाद आढ़ती इस मजदूरी को राइस मिलर को दे देता था। कई बार आढ़ती के अपने मजदूरों से उठान करवाने पर मजदूरी आढ़ती के पास ही रहती थी। लेकिन गत वर्ष विभाग ने फैसला लिया कि यह उठान की मजदूरी राइस मिलर को ही जारी की जाएगी। इसकी जानकारी आढ़तियों को न मिलने पर उन्होंने अपनी ओर से राइस मिलर को यह मजदूरी जारी कर दी। अब विभाग भी इस मजदूरी को आढ़ती को देने की बजाय राइस मिलर को ही देने की बात कह रहे हैं।

आढ़तियों के अटके लाखों रुपये

थानेसर की नई अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के पूर्व प्रधान दयाल चंद ने बताया कि अधिकारियों के नए नियम के फेर में आढ़तियों के 18 लाख रुपये अटक गए हैं। उन्होंने कहा कि सालों से यह मजदूरी आढ़ती के पास ही आती रही है। इसके बाद आढ़ती ही हिसाब-किताब करने के बाद इस मजदूरी को राइस मिलर को देता रहा है। अब अधिकारियों ने नया नियम लागू करते हुए अपने आप ही उनकी आढ़त से 1.88 रुपये काट लिए हैं। इससे आढ़तियों में रोष हैं। उन्होंने जल्द इस राशि का भुगतान करने की मांग की है।


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