यमुनानगर में बड़ा फर्जीवाड़ा, फर्जी दस्तावेज पर बेंच दी दुकानें, तहसीलदार सहित 18 पर केस
हरियाणा के यमुनानगर में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। फर्जी दस्तावेज पर चर्च की 27 दुकानों को बेच दिया गया। चर्च के पादरी की शिकायत पर तहसीलदार सहित 18 लोगों पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।
पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। तहसील अधिकारियों की मिलीभगत से फव्वारा चौक पर चर्च की करोड़ों की दुकानों की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करा दी गई। चर्च के पादरी प्रमोद तांडी की शिकायत पर इस मामले में तहसीलदार छोटू राम समेत 18 लोगों पर केस दर्ज हुआ। रजिस्ट्री भी उन लोगों के नाम करा दी गई, जो यहां पर किरायेदार तक नहीं है। मामले का पता लगते ही चर्च के पदाधिकारियों ने इस संबंध में डीसी मुकुल कुमार व एसपी को शिकायत दी थी। इसके बाद से ही इकॉनॉमिक सेल जांच कर रहा था। अब जांच के बाद यह कार्रवाई हुई।
चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया दिल्ली यमुनानगर में चर्च की संपत्तियों पर 1951 से काबिज है। इन संपत्तियों का समय पर कर भी चर्च की ओर से दिया जा रहा है। इसके तहत ही यमुनानगर में भी फव्वारा चौक पर चर्च के पास दुकानें हैं। इन दुकानों का किराया चर्च के खाते में आ रहा है। इनमें से 27 दुकानों की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री हुई।
पुलिस को दी शिकायत के मुताबिक, उप्र के झांसी के खाटी बाबा निवासी स्टीफन सिंह ने नगर निगम से इस संपति की आइडी ली। उसने अपने एक जून 2017 को अपने नाम की नकली पावर ऑफ अटॉर्नी तैयार की। जिसमें उसने खुद को खुद को युनाइटेड चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया मुंबई का पदाधिकारी बताया। यहां उसने कलेक्टर रेट से कम पर चर्च की 27 दुकानों को बेच दिया। इसमें तहसील के अधिकारियों की भी मिलीभगत रही। 50 से 60 लाख रुपये की इन दुकानों को काफी कम कीमत पर बेचा गया। छह मार्च को इन सभी दुकानों की एक साथ रजिस्ट्री कराई गई। इसमें स्टीफन सिंह के नाम पर दार्जिलिंग के सिलिगुडी जिले के पटेल रोड निवासी मनीष संधयांग व पैनलुक ने फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी तैयार की।
इनके नाम हुई दुकानें
भाटिया नगर निवासी राजीव आनंद, माडल कालोनी निवासी सुशील कुमार जैन, सुभाष जैन, माडल कालोनी निवासी संजीव उप्पल, माडल कालोनी निवासी नरेश साहनी, माडल कालोनी निवासी गुलशन लाल, सतगोली निवासी दीदार सिंह, वीर नगर निवासी अमरेश देवी, करतारपुरा निवासी अजय जैन, सेक्टर 17 निवासी अलका सिंघल, माडल कालोनी निवासी अरूण सिंघल व दिल्ली निवासी अंकित बांगिया के नाम इन दुकानों की रजिस्ट्री हुई। इनमें से राजीव आनंद व सुशील कुमार जैन पहले से ही इन दुकानों के किरायेदार हैं, जबकि अन्य यहां पर किरायेदार नहीं है। इन दुकानदारों ने तहसील में लिखकर दे दिया कि वह 30 सालों से यहां पर किरायेदार हैं। इसकी तहसील स्तर से कोई जांच नहीं हुई। मौजूदा किरायेदारों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। वह चर्च को ही किराया देते रहे।
तहसीलदार यहां फंसे
तहसीलदार छोटू राम के साथ-साथ नंबरदार नरेंद्र, शिव राम के खिलाफ इस पूरे मामले में मिलीभगत होने के आरोप लगे हैं। तहसीलदार छोटू राम ने कमर्शियल बेल्ट में इन दुकानों की एक-एक लाख रुपये में रजिस्ट्री कर दी। मौके पर आकर जांच तक नहीं की। जिस वजह से पूरे मामले में तहसील के अधिकारियों की मिलीभगत सामने आ रही है। तहसीलदार ने मौके पर आकर किरायेदारों की वैरिफिकेशन तक नहीं की। जबकि मौके पर जो फिलहाल किरायेदार हैं, वह चर्च को ही दुकानों का किराया दे रहे हैं।