भारतीय किसान यूनियन ने क्यों फिर दी आंदोलन की चेतावनी, सरकार को भेजा पत्र
भारतीय किसान यूनियन ने एक बार फिर सरकार को आंदोलन की चेतावनी दी है। भारतीय किसान यूनियन ने मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री को भेजा पत्र। पिछले करीकब महीने भर से किसानों की समस्या का समाधान नहीं होने पर भाकियू ने कदम उठाया।
कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। पिछले करीब महीना भर से बाजार में सूरजमुखी के बीज की किल्लत चल रही है। बाजार में सूरजमुखी का बीज उपलब्ध न होने पर किसान दुकानों के चक्कर काट रहे हैं। लगातार बीज की किल्लत को देखते हुए किसानों को इस बार खेतों में सूरजमुखी का फूल खिलाना मुश्किल दिख रहा है। किसानों की इसी मुश्किल को आसान करने के लिए भारतीय किसान यूनियन पहले ही मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री को पत्र भी भेज चुकी है। लेकिन समस्या के समाधान को लेकर ठोस पहल न होने पर किसानों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। भाकियू ने समस्या का समाधान न होने पर आंदोलन का रुख अख्तियार करने की बात कही है। ऐसे में जल्द समाधान न होने पर मामला गर्मा सकता है।
जिला भर में 30 से 40 हजार एकड़ के करीब में सूरजमुखी की बिजाई होती है। इसमें से सबसे ज्यादा सूरजमुखी की बिजाई शाहाबाद क्षेत्र में होती है। जनवरी के अंतिम सप्ताह में किसान सूरजमुखी की बिजाई करना शुरू कर देते हैं। इसके लिए किसानों ने पिछले कई दिनों से तैयारियों भी शुरू कर रखी हैं। लेकिन बाजारों में बीज ही उपलब्ध नहीं हो रहा है। किसान सूरजमुखी का बीज लेने के बाद बार-बार दुकानदारों से संपर्क कर रहे हैं। लेकिन दुकानदार अभी कंपनियों की ओर से ही बीज न भेजने की बात कह रहे हैं। अगले 10 दिनों तक बाजार में सूरजमुखी का बीज न पहुंचने पर मामला गर्मा सकता है। किसानों का कहना है कि बिजाई में देरी होने पर पैदावार कम होती है। ऐसे में किसानों को नुकसान होगा।
गत वर्ष करीब 80 हजार क्विंटल की हुई थी खरीद
गत वर्ष शाहाबाद अनाज मंडी में ही करीब 80 हजार क्विंटल सूरजमुखी की सरकारी खरीद हुई थी। इस खरीद के लिए जून के पहले सप्ताह में ही शेड्यूल जारी किया गया था।
समस्या के समाधान के लिए मुख्यमंत्री को लिखा है पत्र
भाकियू के प्रदेश प्रवक्ता राकेश बैंस ने बताया कि जिला भर में हजारों किसान सूरजमुखी की बिजाई करते हैं। इस बार अभी तक दुकानों पर बीज नहीं पहुंचा है। सरकार को चाहिए कि किसानों की जरूरत को देखते हुए इस ओर ध्यान दे और समय से दुकानों पर बीज उपलब्ध करवाया जाए। बीज उपलब्ध होने में देरी पर भाकियू को आंदोलन की राह पकड़नी पड़ेगी।