भारतमाला परियोजना के तहत हरियाणा को सौगात, कुरुक्षेत्र-सहारनपुर फोरलेन का दूसरा फेज जल्द होगा शुरू
केंद्र सरकार भारतमाला परियोजना के दूसरे फेज में कुरुक्षेत्र सहारनपुर रोड को करेगी शामिल। हालांकि अभी फोरलेन के लिए करना होगा इंतजार। इस फोरलेन के बन जाने से दिल्ली उत्तर प्रदेश सहित पंजाब और उत्तराखंड़ के लोगों को फायदा होगा।
यमुनानगर, जागरण संवाददाता। दिल्ली, उप्र, पंजाब व उत्तराखंड को जोड़ रहे सहारनपुर-कुरुक्षेत्र रोड पर अभी सफर रिस्की रहेगा। इस रोड पर फोरलेन की सुविधा के लिए क्षेत्र के लोगों काे इंतजार करना पड़ेगा। वजह यह है कि यह रोड भारतमाला परियोजना के तहत दूसरे फेज में लिया जाएगा।
इस प्रोजेक्ट काे केंद्र सरकार पूरा कराएगा। इसलिए राज्य सरकार ने इसे फोरलेन बनाने की योजना को फिलहाल टाल दिया है। अब फोरलेन की योजना लंबा खिंचने की वजह से स्थानीय अधिकारी भी इस रोड पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस रोड की बरम तक दुरस्त नहीं कराई गई है।
यह रोड फिलहाल 33 फीट चौड़ा है। यदि फोरलेन होता, तो इसकी चौड़ाई और अधिक बढ़ जाती। जिससे वाहन चालकों को लाभ होता। अब पहले से ही संकरे इस रोड पर दोनों किनारों पर पेड़ व झाड़ियां उगी हैं। जिससे यह और भी संकरा हो गया है। ऐसे में यदि सड़क से वाहन उतर जाए, तो हादसा होने का पूरी संभावना है। हर रोज इस रोड पर ऐसे हादसे होते रहते हैं। हमीदा जोड़ियो से लेकर रादौर जेएमआइटी कालेज तक इस रोड पर दोनों तरफ पेड़ व झाड़ियां सड़क तक आ गई। कई जगह हालात काफी खराब हैं। हमीदा जोड़ियो से लेकर विश्वकर्मा चौक तक डिवाइडर कई जगह से टूट कर बिखर गया है। इन जगहों पर भी हादसों का खतरा बना रहता है।
सड़क पर आ रहा फैक्ट्रियों का पानी
इस रोड पर आैद्योगिक इकाईयां हैं। प्लाईवुड सहित कई अन्य फैक्ट्रियां यहां पर हैं। इन फैक्ट्रियों का गंदा पानी सड़क पर बह रहा है। जिससे सड़क टूट रही है। दामला में भी प्लाईवुड फैक्ट्रियों का पानी सड़क पर आ रहा है। जिससे सड़क समय से पहले टूट रही है।
भारी वाहनों की आवाजाही अधिक
कई राज्यों से जुड़ाव होने की वजह से इस मार्ग पर भारी वाहनों का दबाव अधिक हैं। खनन सामग्री लेकर चलने वाहन भी इस रोड से निकलते हैं। इन वाहनों से पानी टपकता रहता है। जिसकी वजह से सड़क जल्दी खराब हो जाती है। कई जगहों पर इन वाहनों की वजह से गड्ढ़े बन चुके हैं। दुर्घटनाएं भी हो रही हैं।
"लोक निर्माण विभाग के एक्सईन नवीन खत्री ने बताया कि फिलहाल इस रोड को फोरलेन नहीं किया जाएगा। इस रोड तारकोल व बजरी की पतली परत(कारपेटिंग) डाली जाएगी। जिससे रोड के गड्ढ़े भर जाएंगे और अन्य खामियां कराई जाएगी।"