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राज्य स्तरीय बैठक में भारत ट्रक एंड ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसो. हरियाणा का गठन, अमरजीत डांगी बने चेयरमैन

सरकार ने गाड़ियों को उनके ग्रास वेट के मुताबिक 25 फीसद ओवरलोड चलाने की अनुमति तो दे दी लेकिन इससे ट्रांसपोर्टरों को नुकसान पहुंचा है। सड़कों पर आरटीए अधिकारी अंडरलोड वाहनों का हजारों रुपये का ओवरहाइट का चालान काट देते हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Dec 2019 08:52 AM (IST)Updated: Mon, 16 Dec 2019 08:52 AM (IST)
राज्य स्तरीय बैठक में भारत ट्रक एंड ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसो. हरियाणा का गठन, अमरजीत डांगी बने चेयरमैन
राज्य स्तरीय बैठक में भारत ट्रक एंड ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसो. हरियाणा का गठन, अमरजीत डांगी बने चेयरमैन

जागरण संवाददाता, पानीपत : सरकार ने गाड़ियों को उनके ग्रास वेट के मुताबिक 25 फीसद ओवरलोड चलाने की अनुमति तो दे दी, लेकिन इससे ट्रांसपोर्टरों को नुकसान पहुंचा है। सड़कों पर आरटीए अधिकारी अंडरलोड वाहनों का हजारों रुपये का ओवरहाइट का चालान काट देते हैं। इससे ट्रांसपोर्ट का काम ठप पड़ गया है। ये बातें गोहाना रोड पर शुगर मिल के सामने पूनम ट्रांसपोर्ट में ट्रांसपोर्टरों को संबोधित करते हुए नवनियुक्त चेयरमैन अमरजीत डांगी ने कही।

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प्रदेशभर के ट्रांसपोर्टर रविवार को पूनम ट्रांसपोर्ट के कार्यालय में एकत्रित हुए। राज्य स्तरीय बैठक में अंबाला के इकबाल सिंह और यमुना नगर के ताराचंद सैनी ने भारत ट्रक एंड ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा का गठन किया। एसोसिएशन के माध्यम से ट्रांसपोर्टरों की मांग सरकार तक पहुंचाने की बात रखी। नवनियुक्त अध्यक्ष राजेश चौधरी ने बताया कि सरकार ने हाइट और डाला खुला होने का 21-21 हजार रुपये का चालान कर दिया है। अगर ट्रांसपोर्टर गाड़ी को अंडरलोड भी चलाता है, तो उसकी हाइट होना लाजमी है। पहले हाइट और डाले का एक-एक हजार रुपये का चालान कटता था। लेकिन तानाशाही के कारण आज ट्रांसपोर्टर ट्रक बेचने के लिए मजबूर हो चुका है। उपाध्यक्ष संजय गुलिया ने नए मोटर व्हीकल एक्ट में हाइट और ढाला खुला होने पर 21 हजार का चालान किए जाने के बारे कोई जानकारी नहीं होने की बात कही। नियमों में ढील नहीं करने पर सड़कों पर ट्रक खड़े करके उन्हें आग लगाने की चेतावनी दी। बैठक में काफी संख्या में स्थानीय ट्रांसपोर्टर भी मौजूद रहे। पासिग घटने पर जताया रोष

उपाध्यक्ष बगीचा सिंह और खजान सिंह ने बताया कि पानीपत जिले को एनसीआर में शामिल करके गाड़ियों की पासिग दस साल कर दी है। ट्रांसपोर्टर नई गाड़ियों को सस्ते दामों में बेचने के लिए मजबूर है। सरकार ने एनसीआर के नियम तेजी से लागू कर दिए है, लेकिन आज तक लोगों को एनसीआर जैसी कोई सुविधा नहीं दे पाई है।


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