Alert: साइबर ठगों से जरा बचके, जानिए किस तरह से वारदात को देते अंजाम
कैथल में साल 2021 में अब तक 39 लोगों से ठगे जा चुके हैं 37 लाख रुपये। स्वयं को बैंक अधिकारी बताकर एटीएम कार्ड की जानकारी लेते हैं आरोपित। लोगों को कार्ड ब्लाक होने या आधार कार्ड अपडेट करने की बात कहकर करते हैं ठगी।
कैथल, [सुनील जांगड़ा]। साइबर अपराध के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। यह एक आसान तरीका है भोले-भाले लोगों के साथ धोखाधड़ी करने का। फोन पर ही लोगों के खाते से लाखों रुपये निकाल लिए जाते हैं और उसके बाद आरोपितों के नंबर भी बंद हो जाते हैं।
कैथल जिले में 2020 में 15 साइबर अपराध के मामले सामने आए थे। इन मामलों में लोगों के साथ 17 लाख रुपये की धोखाधड़ी हुई थी। इस साल इनमें बढ़ोतरी हुई है। जनवरी 2021 में अब तक 39 मामले सामने आ चुके हैं। इन लोगों से 37 लाख रुपये की ठगी की जा चुकी है।
वर्ष 2021 में एक व्यक्ति के खाते से दो लाख 93 हजार रुपये निकाले गए हैं। पिछले साल के बजाय इस साल ढाई गुणा साइबर अपराध के मामले ज्यादा दर्ज किए गए हैं। आरोपित लोगों के पास फोन करके स्वयं को बैंक अधिकारी बताते हैं। लोगों को अपनी बातों में उलझा कर उनके एटीएम कार्ड या क्रेडिट कार्ड के बारे में जानकारी लेकर उनके खाते से पैसे निकाल लेते हैं। इसके अलावा खाते में पैसे डलवाने का लालच देते हैं या फोन में कोई बैंक की एप डाउनलोड करने के लिए कहते हैं।
केस स्टडी नंबर-एक
गांव गुहणा निवासी सुनील कुमार के साथ 29 अप्रैल 2021 को दो लाख 93 हजार रुपये की धोखाधड़ी हुई थी। सुनील ने बताया कि उसके पास एक आरोपित का फोन आया। आरोपित ने बताया कि वह एसबीआइ काल सेंटर का मैनेजर बोल रहा है। उसने एसबीआइ बैंक की योनो एप डाउनलोड करने के लिए कहा। वह आरोपित की बातों में आ गया और उसने उसके कहे अनुसार उसको फोन में आने वाले कोड नंबर बता दिए। कुछ देर बाद ही उसके पास मैसेज आने लगे। एक के बाद एक लगातार पांच बार में उसके एसबीआइ खाते से दो लाख 93 हजार रुपये निकल गए। पहली बार में 49999 दूसरी बार में 49999 रुपये, तीसरी बार में 99999 रुपये, चौथी बार में 24999 रुपये और पांचवीं बार में 67999 रुपये निकाल लिए गए। आरोपित का फोन मिलाया तो नंबर बंद हो गया। उसी दिन बैंक अधिकारी को फोन किया, लेकिन उसने भी फोन नहीं उठाया था। अब मामले की जांच सदर थाना पुलिस कर रही है।
केस स्टडी नंबर-दो
गांव कसान निवासी पवन कुमार ने बताया कि 15 जुलाई 2021 को उसके पास फोन आया। आरोपित ने बताया कि वह यादव बोल रहा है और उसे किसी दूसरे व्यक्ति से 20 हजार रुपये लेने हैं। वह व्यक्ति आपके खाते में पैसे डाल देगा और आप मुझे निकाल कर दे देना। आरोपित ने उसके वाट््सएप नंबर पर एक क्यूआर कोड भेज दिया। उसे गूगल-पे पर स्कैन करने के लिए कहा। स्कैन करते ही उसके खाते से तीन बार में 45 हजार रुपये निकल गए। पहली बार में दस हजार, दूसरी में 15 हजार और तीसरी में 20 हजार रुपये निकल गए। उसी समय आरोपित को फोन किया तो उसका नंबर बंद हो गया। अब इस मामले की जांच राजौंद थाना पुलिस कर रही है।
केस स्टडी नंबर-तीन
गांव सीवन निवासी किरण प्रकाश बताया कि 17 मई 2021 को उसके पास एक व्यक्ति का फोन आया। आरोपित ने कहा कि उसे उसके खाते में 20 हजार रुपये डालने हैं। वह अपना खाता नंबर उसे दे दे। वह आरोपित की बातों में आ गया और उसने गूगल-पे से उसके नंबर पर पांच रुपये भेज दिए। पांच रुपये भेजते ही उसके खाते से दो बार में 35 हजार रुपये निकल गए। अब इस मामले की जांच सीवन थाना पुलिस कर रही है।
एसपी लोकेंद्र सिंह ने बताया कि साइबर अपराध के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पुलिस की तरफ से समय-समय पर साइबर अपराध से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की जाती है। उनकी लोगों से भी अपील है कि कोई भी व्यक्ति फोन करके अगर बैंक से संबंधित जानकारी मांगे तो उसे जानकारी ना दें।