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आयुष्मान में बेहतर करने वाले अस्पताल होंगे सम्मानित, मॉनिटरिग शुरू

प्रधानमंत्री जन आरोग्य(आयुष्मान भारत)योजना के के तहत बेहतर कार्य करने वाले अस्पतालों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) सम्मानित करेगा। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट प्रदान की जा रही सुविधाओं मरीजों से फीड बैक पर रेटिग तय होगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Dec 2019 07:55 AM (IST)Updated: Mon, 16 Dec 2019 07:55 AM (IST)
आयुष्मान में बेहतर करने वाले अस्पताल होंगे सम्मानित, मॉनिटरिग शुरू
आयुष्मान में बेहतर करने वाले अस्पताल होंगे सम्मानित, मॉनिटरिग शुरू

जागरण संवाददाता, पानीपत : प्रधानमंत्री जन आरोग्य(आयुष्मान भारत)योजना के के तहत बेहतर कार्य करने वाले अस्पतालों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) सम्मानित करेगा। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट, प्रदान की जा रही सुविधाओं, मरीजों से फीड बैक पर रेटिग तय होगी। प्रथम तीन में आने वाले अस्पतालों को एनएचए प्रोत्साहित भी करेगी।

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आयुष्मान भारत योजना के जिला नोडल अधिकारी डॉ. मनीष पासी ने बताया कि वर्ष 2011 में हुई सामाजिक-आर्थिक गणना के आधार पर परिवारों को पात्र चुना गया था। एक परिवार प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक का पैनल अस्पताल में मुफ्त इलाज करा सकता है।मरीज को वर्ष में कितनी बार भर्ती रहना पड़ा, अस्पताल की गहन चिकित्सा यूनिट, ऑपरेशन थियेटर, वार्ड कितने अत्याधुनिक हैं, कितने गोल्डन कार्ड बनाए, स्चच्छता-पारदर्शिता आदि मानकों पर रेटिग तय होगी। एक बार इलाज करा चुके मरीज को दूसरी-तीसरी बार क्यों भर्ती होना पड़ा, देखा जाएगा। गुणवत्तापूर्ण इलाज के साथ डॉक्टर और स्टाफ के व्यवहार पर भी फोकस रहेगा। मरीज के टेस्ट अनावश्यक तो नहीं किए गए, इसकी सालाना रिपोर्ट भी देखी जाएगी।

डॉ. पासी के मुताबिक आयुष्मान योजना को एक साल पूरा होने पर एनएचए ने फीडबैक लेना शुरू कर दिया है। प्रथम स्थान पर रहने वाले अस्पताल को गोल्ड मेडल, द्वितीय को रजत और तृतीय को कांस्य पदक दिया जाना है। टॉप सिक्स में हैं ये अस्पताल :

जिले के छह अस्पतालों को इस समय टॉप सिक्स में माना जा रहा है। इनमें प्रेम अस्पताल, पार्क अस्पताल, आइबीएम अस्पताल, एपेक्स अस्पताल, सिग्नेस महाराजा अस्पताल और सिविल अस्पताल शामिल हैं। मेडल की दौड़ इन्हीं के बीच तय मानी जा रही है। हर सदस्य का बनेगा गोल्डन कार्ड :

योजना के जिले में 75, 372 परिवार पात्र हैं। इन परिवारों के करीब पौने चार लाख सदस्यों के गोल्डन कार्ड बनने हैं। अभी तक करीब 59 हजार के ही कार्ड बन सके हैं। डॉ. पासी ने पात्रों से अपील करते हुए कहा कि जल्द कार्ड बनवाएं, ताकि बीमार होने पर मुफ्त इलाज मिल सके।


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