Move to Jagran APP

गर्मी और उमस के लिए रहें तैयार, जानिए कब से हरियाणा में मानसून की संभावना

पश्चिमी हवाओं ने मानसून का रास्ता रोक दिया है। मौसम विभाग के मुताबिक रविवार से मौसम एक बार फिर पूरी तरह से हो जाएगा शुष्क हरियाणा पंजाब दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र को अभी मानसून की तेज बरसात के लिए करना होगा इंतजार।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 26 Jun 2021 01:34 PM (IST)Updated: Sat, 26 Jun 2021 01:34 PM (IST)
गर्मी और उमस के लिए रहें तैयार, जानिए कब से हरियाणा में मानसून की संभावना
रविवार से मौसम एक बार फिर पूरी तरह से हो जाएगा शुष्क।

करनाल, जागरण संवाददाता। काफी समय से मानसून की तेज बरसात की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को अभी ओर इंतजार करना पड़ सकता है। क्योंकि पश्चिमी हवाओं ने मानसून की गति पर ब्रेक लगा दी है। हालांकि जून माह के पहले पखवाड़े में मानसून तेजी से आगे बढ़ा था, जो पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर हरियाणा में भी एंट्री कर गया था। लोगों को उम्मीद थी कि समय से पहले मानसून की दस्तक से झमाझम बरसात होगी, लेकिन मौसम की बदली परिस्थितियों के कारण मानसून जून माह के दूसरे पखवाड़े में ज्यादा प्रगति नहीं कर पाया है। इस समय मौसम की जो परिस्थितियां बनी हुई हैं, उनसे संभावना है कि मानसून पांच या छह जुलाई से पहले आगे नहीं बढ़ेगा। इसके बाद मौसम की परिस्थितियां बदलती हैं तो संभवत: मानसून आगे बढ़ेगा।

loksabha election banner

जुलाई माह के पहले सप्ताह तक झेलनी पड़ेगी उमस व गर्मी

केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक इस समय मौसम की परिस्थितियां मानसून के अनुकूल नहीं है। इसलिए जुलाई माह के पहले सप्ताह तक संभव है कि हरियाणा, पंजाब, दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र के लोगों को उमस व गर्मी झेलनी पड़े। किसान धान रोपाई में लगे हुए हैं, लेकिन बरसात नहीं होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि अच्छी बात यह है कि पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने का सिलसिला अभी जारी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र में धूल भरी आंधी व गरज के साथ बौछार गिरने की संभावना है, लेकिन 27 जून को मौसम एक बार फिर शुष्क हो जाएगा।

इस समय यह है मानसून की प्रगति रिपोर्ट

झारखंड और आसपास के इलाकों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। यह औसत समुद्र तल से 5.8 किमी तक की ऊंचाई तक फैला हुआ है। ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है। एक ट्रफ रेखा उत्तरी पंजाब से लेकर हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश, उत्तरी झारखंड और गंगीय पश्चिम बंगाल होते हुए बंगाल की पूर्वोत्तर खाड़ी तक फैली हुई है। एक ट्रफ रेखा झारखंड पर बने चक्रवाती परिसंचरण से लेकर आंतरिक ओडिशा होते हुए आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तट तक फैली हुई है। एक और पूर्व पश्चिम ट्रफ रेखा झारखंड पर बने चक्रवाती परिसंचरण से उत्तरी छत्तीसगढ़ और दक्षिण मध्य प्रदेश होते हुए गुजरात तक जा रही है। पाकिस्तान के मध्य भाग पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर-पश्चिम और उत्तर पूर्व राजस्थान, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में धूल भरी आंधी के साथ हल्की बारिश हो सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.