Online Fraud: पानीपत में पढ़े-लिखे लोगों को साइबर ठग बना रहे शिकार, आप रहें सावधान, इस तरह बचें
पानीपत में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। साइबर सेल के गठन के बावजूद साइबर ठग न कपड़ में आ रहे न मामलों में कमी आ रही। साइबर ठगी के शिकार पढ़े लिखे लोग तक हो रहे हैं। ऐसे में सावधान रहने की जरूरत है।
पानीपत, जागरण संवाददाता। साइबर ठग लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं। वह कभी रिश्तेदार तो कभी बैंक कर्मचारी व कस्टमर केयर कर्मचारी बताकर ठगी कर रहे हैं। महीने में ठगी के आठ से दस मामले सामने आ रहे हैं। एसपी शशांक कुमार महीने में दो बार पुलिस एडवाइजरी जारी कर लोगों को आह्ववान कर चुके हैं कि किसी भी अनजान व्यक्ति को खाते से संबंधित जानकारी न दें। न ही किसी लिंक पर क्लिक करें। इसके बावजूद शिक्षित लोग ठगों के जाल में फंस कर रुपये गंवा रहे हैं। डीएसपी स्तर के अधिकारी व दुकानदार भी ठगों का शिकार हो रहे हैं।ठगों का पता लगाने के लिए पुलिस ने साइबर सैल का गठन कर रखा है। इसके बावजूद ठग सिलसिलेवार घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।
केस-एक : जेल डीएसपी से कर ली ठगी
पानीपत जेल के डीएसपी जोगिंद्र देशवाल ने पुलिस को शिकायत दी कि उन्होंने अपने दोस्त को पेटीएम किया था। नकदी दोस्त को नहीं मिली। इसके बाद कस्टमर केयर पर काल किया। ठग ने बैंक कर्मी बताकर एप डाउनलोड कराया और उनके खाते से इसके बाद उनके खाते से 43 हजार रुपये निकाल लिए गए। सेक्टर-29 थाना पुलिस ठगों की तलाश कर रही है।
केस : दो- लाटरी लगने का झांसा देकर महिला से 1.47 लाख रुपये ठगे
माडल टाउन की बरखा रानी ने पुलिस को शिकायत दी कि उनके फोन पर फेसबुक के मैसेंजर से केबीसी के जरिये मैसेज आया कि आपकी 25 लाख रुपये की लाटरी लगी है। इसके लिए टैक्स के रुपये जमा कराने को कहा। उन्होंने 12 हजार तो कभी 32 हजार रुपये ठग के खाते में जमा कराए। ठग उनके खाते से 1.47 लाख रुपये निकाल लिए।
केस : तीन - क्रेडिट कार्ड चालू रखने का आश्वासन देकर 46 हजार रुपये ठगे
दीनानाथ कालोनी के मनोज कुमार ने पुलिस को शिकायत दी कि वह निंबरी गांव स्थित एक कंपनी के कार्यालय में कार्यरत है। ठग ने काल कर उन्हें एसबीआइ केयर सेंटर से बोल रहा और आपने क्रेडिट कार्ड बंद है। अंतिम के आठ नंबर बता देने को बोला। उन्होंने नंबर बता दिए। नंबर बताते ही उनके क्रेडिट कार्ड से 47 हजार रुपये की ट्रांजेक्शन कर ली।