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आप इस शहर में हैं तो जरा संभलकर, यहां फैला Cyber ठगों का जाल Panipat News

साइबर ठग हर प्रकार के ई-कार्यों में सेंधमारी कर चुके हैं। ऑनलाइन शॉपिंग ऑनलाइन बैंक ट्रांजेक्शन ई-शॉपिंग और बैंक धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 04:33 PM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 10:46 AM (IST)
आप इस शहर में हैं तो जरा संभलकर, यहां फैला Cyber ठगों का जाल Panipat News
आप इस शहर में हैं तो जरा संभलकर, यहां फैला Cyber ठगों का जाल Panipat News

पानीपत, जेएनएन। शहरवासी ठगों के चक्रव्यूह में फंसकर रह गए हैं। लोग लुट जाते हैं और पुलिस के चक्कर लगाते रहते हैं। ज्यादातर एंड्रॉयड फोन रखने वाले खून-पसीने की कमाई खो रहे हैं। बचता है तो सिर्फ पछतावा। पुलिस के चक्कर काटने के अलावा कोई चारा नहीं रहता। अपनी पुलिस की कार्यप्रणाली भी लाजवाब है। कोई भी आरोपित पकड़ नहीं पाई है। सवाल उठना तो लाजिमी है..।

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OLX के जरिए कार बेच 2.85 लाख की ठगी

फरीदाबाद के छह लोगों ने उग्राखेड़ी गांव के व्यवसायी से 2.85 लाख रुपये की धोखाधड़ी कर डाली। सनौली रोड पर स्पेयर पाट्र्स की दुकान चलाने वाले उग्राखेड़ी के मान सिंह ने बताया कि जून 2018 में उसने ओएलएक्स पर आई-10 ग्रैंड का विज्ञापन देख  मालिक फरीदाबाद के झाड़सैंतली सेक्टर-58 के महेश कुमार से संपर्क किया। कार का सौदा तीन लाख पांच हजार रुपये में तय हो गया। महेश ने बताया कि कार की ढाई लाख रुपये की बैंक की किश्त बाकी हैं। जो वह खुद भरेगा। इसका शपथपत्र भी दिया। करीब दो महीने बाद महेश ने बैंक से लोन सैटलमेंट का पत्र भी दिया। 

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किश्त सेटलमेंट का लेटर फर्जी

मानसिंह ने महेश से कार अपने नाम कराने को कहा तो वह टरकाता रहा। उसने बैंक से कार के लोन की जानकारी ली तो पांच लाख रुपये की 28 किस्त बकाया मिली। किश्त सेटलमेंट का लेटर फर्जी निकला। मानसिंह ने बताया कि करीब पांच माह पूर्व पुलिस को शिकायत की, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। अब सीएम विंडो के माध्यम से चांदनी बाग थाना पुलिस ने महेश समेत छह आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया है।

मनी ट्रांसफर संचालक से 25 हजार ठगे

खुखराना गांव में एक युवक ने मनी ट्रांसफर की दुकान के संचालक से 25 हजार रुपये ठग लिये। वैसरी गांव के रविंद्र कुमार ने खुखराना गांव में मोबाइल और मनी ट्रांसफर की दुकान खोल रखी है। उसने बताया कि मंगलवार की शाम को एक युवक कार से उसकी दुकान पर पहुंचा। फोन और बैंक खाता नंबर देकर 25 हजार रुपये ट्रांसफर करने को कहा। युवक रुपये गिनने लगा तो रविंद्र ने उसके बताए खाते में रुपये ट्रांसफर कर दिए। जैसे ही ट्रांसफर का मैसेज मोबाइल फोन पर आया तो युवक कार लेकर फरार हो गया। रविंद्र ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी। मौके पर पहुंची असंध चौकी पुलिस और सीआइए-थ्री ने आरोपित के नंबर पर फोन किया तो उसने खुद को नारायण दत्त अस्पताल में बताया। पुलिस को गुमराह कर फोन बंद कर लिया। 

प्योंत गांव का है आरोपित

व्यापारी रविंद्र ने बताया कि उसने आरोपित के बैंक खाते के माध्यम से एक्सिस बैंक में पता किया। खाता करनाल के प्योंत गांव के रविंद्र पुत्र शमशेर ङ्क्षसह के नाम पर मिला। 

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फोन हैक कर खाते से 45 हजार रुपये ट्रांसफर किए

शुगर मिल निवासी अक्षय दूहन ने रोजगार साइट शाइन डॉट कॉम पर नौकरी के लिए पंजीकरण किया था। फोन करने वाले ने खुद को रोजगार साइट से बताकर इंटरव्यू के शेड्यूल की जानकारी देने के लिए अपना ई-मेल और पासवर्ड दिया। ई-मेल लॉग इन करते ही ठगों ने अक्षय का फोन हैक कर मोबाइल नंबर से ङ्क्षलक खाते से दो बार में 45 हजार रुपये ट्रांसफर कर लिये। अक्षय ने बताया कि ठग ने उसके बैंक खाते से संबंधित कुछ बात नहीं की, जिस कारण उसे शक नहीं हुआ। फोन कटने के बाद अक्षय के फोन पर खाते से रुपये कटने का मैसेज आया। अक्षय ने बताया कि ठगों के ई-मेल पर लॉग इन करते ही उसका मोबाइल हैक हो गया। ठग उससे बात करते रहे और करीब 15 सेकेंड में ही जीवाईएफटीआर वेबसाइट पर 40 हजार और फिर मोबीङ्क्षवक एप पर पांच हजार रुपये ट्रांसफर कर लिये। ठगों ने करीब सात बार प्रयास किया, लेकिन खाते में रुपये नहीं होने से सफल नहीं हो पाए। 

249 रुपये में कराया था रजिस्ट्रेशन

शाइन डॉट कॉम पर अक्षय ने 249 रुपये में पंजीकरण कराया था। एक माह तक कंपनी के कर्मचारी लगातार अक्षय से बात करते रहे। इस कारण ठगों का फोन आने पर अक्षय को शक नहीं हुआ। 

ठगों ने फोन से हटा दिए सभी सुबूत

अक्षय का फोन हैक करने के दौरान ठगों ने 15 सेकेंड के अंदर रुपये ठगने के साथ एक माह से अक्षय और कंपनी के बीच हुए ई-मेल और वाट्सएप चैटिंग भी ठगों ने डिलीट कर दी। अक्षय ने बताया कि फोन करने वालों ने अपना नाम रणविजय और सरोज बताया था।

ऐसे दिया वारदात को अंजाम

अक्षय ने जैसे ही ठगों की तरफ से दी गई ई-मेल आइडी से लॉग इन किया तो एक एप अपने आप डाउनलोड हो गई। साइबर एक्सपर्ट रचिता जैन ने बताया कि केवल ई-मेल लॉग इन करने से फोन हैक नहीं किया जाता। ठग ने अपनी ई-मेल के माध्यम से अक्षय के फोन में टीम व्यूवर जैसी एप डाउनलोड की। उसके बाद फोन हैक कर लिया।  

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टयूशन फीस भरने को एप डाउनलोड करा शिक्षक से ठग लिये 50 हजार

विकास नगर के शिक्षक राजू ने बताया कि उसके पास इंटरमीडिएट का टयूशन पढऩे वाली छात्रा का पिता बनकर ठग ने भारत पे एप बता ङ्क्षलक भेजा। ङ्क्षलक ओपन करने के बाद उसके खाते से 50 हजार रुपये कट गए। बिहार के औरंगाबाद का राजू विकास नगर में रहता एक स्कूल में शिक्षण कार्य करता है। इसके साथ वह घर पर बीएससी तक के विद्यार्थियों को टयूशन पढ़ाता है। विकास नगर की बारहवीं कक्षा की छात्रा भी उसके पास टयूशन पढ़ती है। राजू ने बताया कि छात्रा पर टयूशन फीस के 20 हजार रुपये बकाया हैं। मंगलवार सुबह वह स्कूल जाने के लिये तैयार हो रहा था। तभी उसके पास छात्रा के पिता के नाम से किसी व्यक्ति का फोन आया। बकाया टयूशन फीस देने की बात कही। शिक्षक ने बाद में आने को कहा। फोन करने वाले ने अकाउंट में रुपये भेजने की बात कही और भारत पे एप से पेमेंट करने को कहा। उसने मोबाइल में एप होने से इन्कार किया। उसने ङ्क्षलक भेजकर एप डाउनलोड करने का दबाव बनाया। छात्रा और उसके बारे में पूरी जानकारी होने के कारण शिक्षक ने विश्वास कर फोनकर्ता द्वारा भेजा गया ङ्क्षलक अपने मोबाइल पर ओपन कर लिया। ङ्क्षलक ओपन करते ही शिक्षक के बैंक खाते से 50 हजार रुपये कट गए। 

पत्नी की डिलीवरी के लिये रखे थे रुपये

राजू ने बताया कि 15 दिन के अंदर उसकी पत्नी की डिलीवरी होनी है। पहला बच्चा भी बड़े ऑपरेशन से हुआ था, तो दूसरा बच्चा भी ऑपरेशन से होने की संभावना है। इस कारण पिता से रुपये लिये थे।

पिता की छुड़वाई थी नौकरी

राजू के पिता एक फैक्ट्री में मजदूरी करते थे। उसका सपना था कि खुद के नौकरी करने के बाद पिता को मजदूरी नहीं करने दूंगा। कई साल पहले पिता को मजदूरी से हटा दिया था, लेकिन अब न तो पिता के पास रुपये हैं और न ही उसके पास।

विकास नगर में ही मिली ठग के फोन की लोकेशन

ठगी होने के बाद पुलिस ने ठग के नंबर को ट्रेस किया तो उसकी लोकेशन कॉलोनी के शिव मंदिर के पास मिली। इसके बाद लोकेशन चेक की तो ठग फरीदाबाद पहुंच चुका था। राजू ने बताया कि ठग ने उससे एक परिचित का नंबर मांगा था। 

साइट््स पर रोजगार ढूंढ रहे अरबों बेरोजगारों पर है ठगों की नजर

साइबर ठग हर प्रकार के ई-कार्यों में सेंधमारी कर चुके हैं। अभी तक आपने ऑनलाइन शॉपिंग, ऑनलाइन बैंक ट्रांजेक्शन, ई-शॉपिंग और बैंक धोखाधड़ी के मामले सुने होंगे, लेकिन अब ठगों की नजर रोजागार साइट्स पर नौकरी ढूंढ रहे देश के अरबों बेरोजगारों पर है। ठग लोगों से बैंक खाता संबंधी कोई जानकारी लिये बिना ही बैंक खातों में सेंधमारी कर रहे हैं। इस तरह का पहला मामला पानीपत में सामने आ चुका है।

इससे जरा बचकर

रोजगार तलाशने के लिये गूगल पर नौकरी डॉट कॉम, साइन डॉट कॉम, फस्र्ट नौकरी डॉट कॉम और मॉन्स्टर डॉट कॉम जैसी ढेरों रोजगार साइट्स उपलब्ध हैं। देश के करोड़ों-अरबों युवा इन रोजगार साइट्स के माध्यम से रोजगार तलाशते हैं। सभी रोजगार साइट्स पर पंजीकरण शुल्क जमा करके आवेदनकर्ता अपनी डिटेल उपलब्ध कराता है। रोजगार साइट्स से डिटेल चुराकर ठग युवाओं से संपर्क कर रहे हैं। लोगों को शक न हो इसलिए ठग उनसे बैंक खाता संबंधी कोई जानकारी नहीं लेते, लेकिन खुद की वेबसाइट से संबंधित के फोन से लॉग इन कराते हैं। ठगों की ई-मेल से लॉगइन करते ही एक एप खुद डाउनलोड होती है। जिसके माध्यम से ठग फोन हैक कर रहे हैं। मोबाइल हैक करने के कुछ ही सेकेंड में ठग आपका बैंक खाता पूरी तरह खाली कर देते हैं। 

रोजगार साइट्स केवल आधिकारिक मेल से करती हैं संवाद

पानीपत में रोजगार साइट्स के माध्यम से ठगी के मामले में पीडि़त को ठगों ने खुद की ई-मेल पर लॉगइन कराया था। साइबर एक्सपर्ट रचिता जैन ने बताया कि रोजगार साइट्स कंपनी केवल अपनी आधिकारिक ई-मेल से संवाद करती हैं। वह कोई अन्य ई-मेल या वाट्सएप से संवाद नहीं करती। इससे बचने के लिये फोन पर किसी की ओर से दी गई ई-मेल को अपने फोन से लॉगइन न करके संबंधित साइट्स के आधिकारिक वेबपेज पर संपर्क करें। गूगल पर कंपनी का आधा-अधूरा नाम डालकर सर्च न करें, संबंधित कंपनी का अधिकारिक वेबपेज ढूंढ़े। उसपर दी गई ई-मेल या फोन पर संपर्क करें। 


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