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बैंक ग्राहक रहें अलर्ट, साइबर ठगों तक नहीं पहुंच पा रही हरियाणा पुलिस, न करें ये बड़ी गलती Panipat News

पानीपत में साइबर ठग ने डेढ़ माह में 12 फ्रॉड कर 12 लाख से अधिक ठगे। वहीं हरियाणा पुलिस भी अब तक एक भी केस नहीं सुलझा पाई।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 09:59 AM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 10:03 AM (IST)
बैंक ग्राहक रहें अलर्ट, साइबर ठगों तक नहीं पहुंच पा रही हरियाणा पुलिस, न करें ये बड़ी गलती Panipat News
बैंक ग्राहक रहें अलर्ट, साइबर ठगों तक नहीं पहुंच पा रही हरियाणा पुलिस, न करें ये बड़ी गलती Panipat News

पानीपत, [कपिल पूनिया]। साइबर क्राइम तेजी के बढ़ रहा है। अनपढ़ और साक्षर ही नहीं, शिक्षित वर्ग भी साइबर ठगों के संजाल में फंस रहा है। गत डेढ़ महीने में ही साइबर ठगों ने 12 मामलों में 12 लाख से अधिक रुपये ठग लिये। ठगी का शिकार लोगों के रुपये वापस मिलना तो दूर, उन्हें एफआइआर कराने के लिये भी थानों के चक्कर काटने पड़ते हैं। सीएम विंडो की शरण ले केस दर्ज कराने पड़ते हैं। एफआइआर में देरी के कारण संबंधित बैंक भी पल्ला झाड़ लेते हैं।

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कैशलेस शॉपिंग और ई-बैंकिंग ने जहां लोगों को हर समय रुपये साथ न लेकर चलने की आजादी दी है वहीं, साइबर ठगों की पोबारह कर दी है। ठग सुपर कार्ड, क्रेडिट व डेबिट कार्ड पर कैश बैक और ऑफर का लालच दे फंसाते हैं। जैसे ही ग्राहक बैंक खाते या कार्ड संबंधी जानकारी ठग के साथ शेयर करते हैं, ठग उनके बैंक खातों पर झाडू फेर देते हैं। इसके अलावा साइबर ठग एटीएम मशीन और शॉपिंग के दौरान स्वाइप कार्ड पर स्कीमर लगा आपके क्रेडिट-डेबिट कार्ड की डिटेल कॉपी कर रहे हैं। क्लोन कार्ड तैयार कर डिटेल निकाल लेते हैं। सफेद हाथी जिले की साइबर सेल एक भी मामले में कार्रवाई नहीं कर पाई है। शिकायत करने के बाद भी रुपये वापस नहीं मिल पा रहे।

किसी से साझा न करें जानकारी

साइबर एक्सपर्ट रचिता जैन ने बताया कि किसी से बैंक संबंधी जानकारी साझा ना करें। बैंक, कार्ड प्रदाता कंपनी और इंश्योरेंस कंपनी कभी भी फोन पर कोई जानकारी नहीं लेती।

जागिये, सुरक्षित रहेगी पूंजी

एटीएम मशीन में कार्ड स्वाइप करने की जगह की हिलाकर जांच करें

कार्ड स्वाइप के खाचे से कुछ अलग होने पर प्रयोग न करें

एटीएम कैबिन में अकेले ही  गोपनीय कोड डाले

 ई-पेमेंट के दौरान मशीन की जांच कर खुद स्वाइप कर कोड डालें

कहीं भी एटीएम का पिन न लिखें

फ्रॉड होने के तुरंत बाद बैंक व पुलिस से शिकायत करें

  • बीते डेढ़ माह में ये हुए फ्रॉड
  • 3 अक्टूबर : मांडी गांव के देवेंद्र सिंह से ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान खाते से ङ्क्षलक मोबाइल नंबर पूछकर 99949 रुपये ठगे।
  • 10 अक्टूबर : सेक्टर-18 के सुरेंद्र कुमार को क्रेडिट कार्ड में बोनस प्वाइंट का लालच दे 30875 ठगे।
  • 12 अक्टूबर : छाजपुर खुर्द के सतीश के एटीएम की डिटेल स्कीमर में स्वाइप कर 12 हजार निकाले।
  • 15 अक्टूबर : महाबीर कॉलोनी के रमेश कुमार का डेबिट कार्ड चालू करने के लिए डिटेल पूछी और 38 हजार निकाले।
  • 26 अक्टूबर : उग्राखेड़ी गांव के विजय की ऑनलाइन शॉङ्क्षपग के दौरान पेमेंट फेल दिखाकर मोबाइल पर आया मैसेज मांगा और 9758 ठगे।
  • चार नवंबर : सनौली रोड के अमरपाल के एटीएम की डिटेल स्कीमर में कॉपी करके 50 हजार निकाले।
  • पांच नवंबर : बुड़शाम के राममेहर से ओएलएक्स पर स्कूटी खरीद के दौरान 14 हजार ठगे।
  • सिवाह के बृजशंकर क्रेडिट कार्ड डिलीवर कराने को लेकर तीन रुपये की पेमेंट कराई, फिर खाते से 80 हजार निकाले।
  • 12 नवंबर :तनेजा डेवलपर्स के एमडी कमल तनेजा की ई-मेल हैक करके कर्मचारियों से खाते में 4.80 लाख डलवाये।
  • 13 नवंबर : हाउसिंग बोर्ड के कुमार गौरव को पेटीएम पर सात सौ रुपये कैश बैक का लालच दे ढाई लाख ठगे।
  • 15 नवंबर : नांगलखेड़ी की सरला को सुपर कार्ड में आठ हजार ऑफर का लालच देकर सवा लाख ठगे।
  • 17 नवंबर :जगदीश नगर के कमर आलम को रीवार्ड प्वाइंट का लालच देकर पिन कोड पूछा और 13650 निकाले।
  • ये भी जानें 
  • बैंक ग्राहकों को कैश बैक और अवॉर्ड का दिया गया लालच
  • कई मामलों में ई-मेल और अकाउंट हैक कर निकाली रकम
  • एफआइआर दर्ज कराने को पीडि़तों को काटने पड़ते चक्कर
  • एफआइआर में देरी होने पर बैंक झाड़ लेता है पल्ला

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