बैंक उपभोक्ता हो जाएं सावधान! जानिए किस तरह बैंक मैनेजर ने लोन के नाम पर की हेराफेरी
लोन दिलाने के नाम पर यूनियन बैंक मैनेजर ने लाखों रुपये की धोखाधड़ी की। मैनेजर ने उद्यमी दोस्त और नौकरानी के पति के साथ मिलकर दो उपभोक्तओं से लोन के नाम पर फर्जीवाड़ा किया।
पानीपत, जेएनएन। ई-रिक्शा के नाम पर 50 लाख रुपये का लोन दिलाने का झांसा दे यूनियन बैंक के मैनेजर ने दोस्त के साथ मिलकर दो लोगों से 46.60 लाख रुपये की धोखाधड़ी कर ली। मैनेजर ने पीडि़तों के मकान की रजिस्ट्री पर लोन किया और राशि दोस्त के खाते में डाल दी। दो महीने तक पीडि़तों की किला थाना में सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने एसपी को शिकायत दी। इसके बाद मामला दर्ज किया गया।
गीता कालोनी की कलाशो देवी ने एसपी को दी शिकायत में बताया कि उसका 100 गज का मकान है। इसमेंं से आधा हिस्सा देवर गुलशन को बेच रखा है। उसका पति पालाराम लोडिंग टेंपो चलाता है। एक साल पहले पति के लिए ई-रिक्शा खरीदनी थी। इसके लिए 1.50 लाख रुपये का लोन लेना था। पड़ोसी घनश्याम ने बताया कि सेक्टर 13 स्थित यूनियन बैंक के मैनेजर सतीश की कोठी पर उसकी पत्नी गुलाबो काम करती है। वह उसका लोन करा देगा।
मैनेजर ने कोठी में बुलाकर दी लोन की राशि
घनश्याम उसे व उसके पति को मैनेजर सतीश के पास ले गया। उसने मकान के कागजात ले लिये। पांच दिन बाद मैनेजर ने कोठी पर बुलाकर उसे 1.50 के बजाय दो लाख रुपये दिए। इनमें से आरोपित ने 30 हजार रुपये कमीशन के काटकर हर महीने पांच हजार रुपये की किश्त भरने को कहा। उसने पांच किश्त भी मैनेजर को दे दी।
नोटिस आया तो हुआ पर्दाफाश
कलाशो ने बताया कि कुछ दिन बाद बैंक का नोटिस आया तो पता चला कि मैनेजर ने 1.50 लाख नहीं, 25 लाख रुपये का लोन किया है। इसमें 23 लाख रुपये संजय के खाते में ट्रांसफर किए गए। संजय की सेक्टर-25 में फैक्ट्री है और वह मैनेजर का दोस्त है। उसने लोन के लिए 50 वर्ग गज मकान के कागजात दिए थे, जबकि लोन 100 वर्ग गज पर कर दिया गया। अब बैंक मकान खाली करने का दबाव बना रहा है। आरोपित सतीश ने संजय व घनश्याम के साथ मिलकर उससे धोखाधड़ी कर ली है।
पुलिसकर्मियों ने भगाया तो एसपी को दी शिकायत
कलाशो ने बताया कि 23 जनवरी को इसकी शिकायत उसने किला थाना में की, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें भगा दिया। इसके बाद एसपी से शिकायत की। किला थाना प्रभारी प्रवीन कुमार ने बताया कि आरोपित सतीश, संजय और घनश्याम के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
सुरेश से भी की धोखाधड़ी
कलाशो देवी के पति पालाराम ने बताया कि गीता कॉलोनी का सुरेश ई-रिक्शा चलाता है। एक साल पहले सुरेश के भी 80 वर्ग गज मकान पर मैनेजर सतीश ने 1.40 लाख रुपये का लोन किया था। सुरेश लोन की किश्त भी चुका था। एक दिन उसके पास किश्त न चुकाने का नोटिस आया। सुरेश बैंक गया तो पता चला कि उसके नाम से 25 लाख रुपये का लोन है। यहां भी लोन की राशि सतीश ने संजय के खाते में ट्रांसफर कर रखी थी।
बैंक के बाहर और कोठी पर लेता था किश्त
कलाशो देवी ने बताया कि मैनेजर सतीश बैंक के अंदर किश्त नहीं लेता था। वह या तो बाहर या फिर सेक्टर 13-17 की किराये की कोठी में किश्त के पैसे लेता था। उसे दो किश्त की रसीद भी नहीं दी गई। रसीद मांगने पर धमका देता था। आरोपित ने उसके अशिक्षत होने फायदा उठाया। पांच महीने पहले आरोपित मैनेजर पानीपत से बदली कराकर मेरठ चला गया।
पंचायत में किया रुपये लौटाने का वादा, बाद में मुकरे
कलाशो देवी व पालाराम ने बताया कि वे सुरेश और पड़ोसियों को लेकर मेरठ गए थे। वहां पर उन्होंने पंचायत की। इसमें आरोपित मैनेजर सतीश ने शपथपत्र पर लिखकर दिया कि वह उसके मकान की कीमत 18 लाख रुपये लगाता है। उन्हें 18 लाख रुपये और बैंक से मकान के कागजात लाकर दे देगा। आरोपित ने न तो रुपये लौटाए और न कागजात। आरोपित अब धमकी दे रहा है। इसी पंचायत में आरोपित संजय ने पीडि़त सुरेश को पांच-पांच लाख रुपये के तीन चेक दिए थे। सुरेश ने एक चेक बैंक में लगा दिया है, लेकिन अभी तक भुनाया नहीं गया है।