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Gangwar in Ambala: लॉरेंस गैंग का नहीं था हाथ, चंडीगढ़ नंबर की गाड़ी के फेर में मारे पंजा और राहुल

अंबाला में हुई गैंगवार में नए खुलासे हो रहे हैं। बंबीहा गैंग की पोस्ट ने पुलिस को असमंजस में डाल दिया है। पंजा और राहुल चंडीगढ़ नंबर की गाड़ी के फेर में मारे गए। जबकि निशाने पर जमानत पर आए हुए मनीष और मन्नी थे।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Sun, 28 Mar 2021 02:19 PM (IST)Updated: Sun, 28 Mar 2021 02:19 PM (IST)
अंबाला में हुई गैंगवार में अब पुलिस बंबीहा गैंग के सदस्यों की तलाश कर रही है।

अंबाला शहर [दीपक बहल]। अंबाला में गैंगवार के मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। पुलिस इस हत्याकांड में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का हाथ मान रही थी। लेकिन, अब तहकीकात में दूसरे गैंग का नाम आया है। इसके बाद पुलिस ने भी चुप्पी साध रखी है। 

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कालका चौक पर अंधाधुंध गोलियां चली थीं। भुप्पी राणा गैंग के प्रदीप उर्फ पंजा और राहुल को मौत के घाट उतार दिया गया था। अब तक पुलिस इस हत्याकांड में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का हाथ मान रही थी। लेकिन फेसबुक पर लगातार बंबीहा गैंग की पोस्ट ने रहस्य से पर्दा उठा दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि चंडीगढ़ नंबर की प्लेट देखकर राहुल और पंजा को मौत के घाट उतार दिया गया। जबकि हत्या मनीष और मन्नी की करनी थी।

अब बंबीहा गैंग के गुर्गों की तलाश में पुलिस

मनीष और मन्नी भी कोर्ट में पेशी पर चंडीगढ़ से आए थे। चंडीगढ़ की नंबर की गाड़ी की फेर में बंबीहा गैंग के शूटरों ने दूसरे लोगों पर गोलियां चला दीं। इनमें मरने वाले पंजा और राहुल भूप्पी राणा के साथी बताए जाते हैं। अब पुलिस बंबीहा गैंग के सदस्यों की तलास कर रही है। जो पोस्ट फेसबुक पर अपलोड किए जा रहे हैं, उसको लेकर भी सइबर सेल की मदद से जांच शुरू कर दी गई है।

जुलाई 2019 में हुआ था जेल में खूनी संघर्ष

बता दें कि जुलाई 2019 में अंबाला शहर जेल में लारेंस और भुप्पी राणा गैंग के गुर्गों के बीच में जेल में खूनी संघर्ष हो गया था। दोनों ही पक्ष के लोग घायल हुए थे। करीब 84 लोगाें के खिलाफ बलदेवनगर पुलिस ने मामला दर्ज किया था। इसी मामले में राहुल और प्रदीप उर्फ पंजा पेशी पर आए थे, जिनकी कालका चौक पर हत्या कर दी गई। ऐसे में पुलिस की प्रारंभिक जांच में माना जा रहा है कि इन लोगों को लाॅरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गो ने मौत के घाट उतारा है।

बंबीहा गैंग ने फेसबुक पोस्ट कर मांगी माफी 

इसी बीच बंबीहा गैंग ने बाउंसर अमित शर्मा उर्फ मीत हत्याकांड के मन्नी और मनीष की हत्या बदला लेने की पोस्ट फेसबुक पर अपलोड की और कुछ देर बाद ही हटा दी। तब तक बंबीहा गैंग समझ रहा था कि मन्नी और मनीष की मौत हुई है, जबकि मरने वाले पंजा और राहुल थे। ऐसे में बंबीहा गैंग ने फिर से पोस्ट कर कहा कि गलतफहमी में बेकसूरों की हत्या कर दी इसके लिए उनके स्वजनों से माफी मांगते हैं और साथ में चेतावनी भी दी कि जिनका काम करना था उनको बिल्कुल नहीं छोड़ेंगे। फेसबुक पर एक के बाद एक अपलोड हो रही पोस्ट पर भी अंबाला पुलिस जांच कर रही है।

ऐसे हुई थी मीत की हत्या

मीत अपनी मां के साथ सकेतड़ी के महादेव मंदिर से पूजा अर्चना के बाद लौट रहा था। मनीष, लाडी और मनी वही एक ऑटो के पीछे छिपे गये थे। मौका मिलते हे मुनीष ने मीत पर पहला फायर किया, फिर इसके बाद लाडी ने फायर किया। मीत को कुल 6 गोलियां मारी गयी थी। मनीष ने कार का टायर भी पंक्चर कर दिया था, ताकि गोली लगने के बाद मीत को अस्पताल ना पहुंचाया जा सके। पटियाला की नाभा जेल से वाट्सएप कॉलिंग के जरिये गगन ने मीत के मर्डर की सारी प्लानिंग की थी।

मुनीष ने मोहाली में लाडी और मनी से की थी मुलाकात

मर्डर के दो महीने पहले गगन के दोस्त मुनीष ने मोहाली में लाडी और मनी से मुलाकात की थी। मुनीष ने दोनों की गगन से बात करवाई और उसके बाद नंबर भी दे दिए। इसके बाद वॉट्सएप कॉलिंग के जरिए गगन इनसे संपर्क करता रहा। गगन ने दोनों को मुनीष के साथ मिलकर मीत का मर्डर करने के लिए कहा। लाडी और मनी मीत को पहचानते नहीं थे, इसलिए पहचान के लिए मुनीष को साथ लिया गया। गगन ने मीत की फोटो भी लाडी और मनी को वॉट्सएप पर भेजी थी।

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