Ayodhya Ram Mandir Bhumi Pujan News: श्रीराम ज्योति से रोशन हुई थी 1992 की दीपावली
Ayodhya Ram Mandir Bhumi Pujan News 1992 से आठ साल पहले ही श्रीराम मंदिर के लिये आंदोलन शुरू हो गये थे। ऐसे में 1992 की दीपावली श्री राम ज्योति से रोशन हुई थी।
पानीपत/अंबाला, [अवतार चहल]। भव्य राम मंदिर की आधारशिला आज रखी गई। मंदिर से लेकर घर तक को दीयों से रोशन किए जा रहे। कुछ इसी तरह 1992 को भी हुआ था। जिसमें श्रीराम जन्म भूमि मंदिर अयोध्या में श्रीराम ज्योति अरणिमंथन ने प्रज्जवलित की थी, जिसे देश के कोने-कोने तक भेजा गया था। जिसमें अपील की गई थी इस ज्योति से दीपावली पर अपने घरों में दीपक जगाये। इसके बाद 30 अक्टूबर को अयोध्या में राम मंदिर पुननिर्माण की कार सेवा शुरू करने का प्लान बनाया था। मंगलवार को भी रामायण प्रसार प्रतिशोध प्रतिष्ठान पर न्यासियों ने सामुहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ किया। जिसमें चमन अग्रवाल, नरेश अग्रवाल, प्रकाश चंद गुप्ता, हितेश बत्तरा, सतीश चावला, विनोद बंसल, मुकेश एबट ने दीपक जलाया।
हनुमान चालीसा के जाप का बना था कैलेंडर
इतिहास शोधार्थी अभिनव गुप्त ने बताया कि भव्य मंदिर की नींव से पहले मंगलवार को दिनभर हनुमान चालीसा का जाप हुआ और बुधवार भी शहर के नाहन हाउस में जाप होगा। 1992 में भी हनुमान चालीसा के जाप का कैलेंडर बनाया गया था। 71 दिनों का प्लान बनाया था जिसमें तारीख के साथ यह लिखना था कि उस दिन कितने बार माला जाप किया गया।
मशाल निकालकर मनाया था ललकार दिवस
अंबाला शहर के तदूंरा बाजार में 25 नवंबर 1992 को नोहरियां मंदिर में साध्वी शिवासरस्वती का उद्बोधन हुआ था। इससे एक दिन पहले 24 नवंबर को मीटिंग हुई थी, जिसमें 1 दिसंबर को ललकार दिवस कार्यक्रम पर रणनीति बनाई थी। जिसमें शहर में मशाल जलूस निकाला गया था।
1992 से आठ साल पहले ही शुरू हो गया था आंदोलन
भले ही श्रीराम मंदिर की आवाज कभी से हो, लेकिन आंदोलन 1992 से भी आठ साल पहले शुरू हो गया था। जिसमें 1986 में राम जन्म भूमि पर लगा ताला खुला। 1989 में हरिजन बंधू कामेश्वर चौपाल व साधु-संतों की ओर से राम मंदिर का शिलान्यास किया गया। 1990 में जन्मभूमि के शिखरों पर भगवा ध्वज लहरा कर कार सेवा प्रारंभ की गई थी।
अक्टूबर में ही संतों की धर्म संसद ने ले लिया था दिसंबर में कारसेवा का निर्णय
9 जुलाई 1992 से कार सेवा प्रारंभ करके राम चबूतरे का निर्माण कर दिया गया था। 30, 31 अक्टूबर को दिल्ली में संतों ने धर्म संसद की थी, जिसमें संतों ने निष्कर्ष निकाला था कि 6 दिसंबर 1992 को श्रीराम जन्म भूमि मंदिर कार सेवा प्रारंभ होगी। इसमें रामकथा पार्क के लिए 42 एकड़ भूमि का मिलना, मंदिर भूमि का समतलीकरण, आसपास के भवनों को हटाना और श्रीराम दीवार का निर्माण करना था।
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