गेहूं की आवक बढ़ी, उठान धीमा, किसानों की पेमेंट फंसी
मंडियों से गेहूं के उठान की धीमी गति किसानों पर भारी पड़ रही है। एजेंसी के गोदाम में गेहूं पहुंचने के 48 घंटे बाद किसानों के खाते में पैसे आते हैं।
जागरण संवाददाता, समालखा : मंडियों से गेहूं के उठान की धीमी गति किसानों पर भारी पड़ रही है। लाखों रुपये एजेंसी के पास अटके हैं। एजेंसी के गोदाम में गेहूं पहुंचने के 48 घंटे बाद किसानों के खाते में पैसे आते हैं। अभीतक कुल खरीद का 15 फीसद ही उठान हो सका है।
अनाज मंडी में गेहूं आवक की रफ्तार एक लाख क्विंटल प्रतिदिन तक पहुंच चुकी है। रविवार को 92 हजार क्विंटल की आवक हुई है। 786 गेटपास कटे हैं। शनिवार को तीन एजेंसियों की ओर से रिकॉर्ड दो लाख 7 हजार क्विंटल की खरीद की गई थी। तीन अप्रैल से अबतक मंडी में 4 लाख, साढ़े 19 हजार क्विंटल की आवक हो चुकी है। एजेंसियों ने 3,75, 454 क्विंटल की खरीद भी की है, जिनमें केवल 57,542 क्विंटल का उठान संभव हो सका है। शेष गेहूं मंडी में पड़े हैं। हैफेड खरीद में पहले और उठान में दूसरे तो डीएफएससी खरीद में दूसरे और उठान में पहले नंबर पर है। वेयर हाऊस ने अभीतक उठान शुरू नहीं किया है। इसकी खरीद भी 20 हजार क्विंटल से कम है। उठान के आनलाइन होने से भी दिक्कत आ रही है।
जगह के अभाव से किसानों को हो रही परेशानी
किसान रणधीर सिंह समालखा, नारायण सिंह पावटी, राजीव पट्टीकल्याणा कहते हैं कि एजेंसियों द्वारा उठान नहीं करने से उनकी पेमेंट अभीतक नहीं आई है, जबकि उन्हें गेहूं बेचे चार से पांच दिन हो चुके हैं। वहीं किसान हुकुम सिंह, प्रवीण कुमार, राममेहर कहते हैं कि उठान नहीं होने से किसानों को अनाज रखने की जगह नहीं मिल रही है। शेड और चबूतरों पर जगह नहीं होने से वे रोड व किसान भवन परिसर में गेहूं जमा कर रहे हैं। बारिश होने पर उन्हें नुकसान हो सकता है।
मार्केट कमेटी के प्रभारी सचिव कृष्ण कुंडू कहते हैं कि लिफ्टिग में तेजी लाने के लिए उच्चाधिकारी सहित एजेंसी को लिखा गया है।