आसाराम पर दुराचार मामले के मुख्य गवाह चावला के समर्थन में उतरा मंच
पानीपत में आसाराम पर यौन उत्पीड़न मामले के मुख्य गवाह महेंद्र चावला के समर्थन आरटीआइ संगठन उतर आया है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : आसाराम पर यौन उत्पीड़न मामले के मुख्य गवाह महेंद्र चावला के समर्थन में जन अभियान मंच (आरटीआइ कार्यकर्ताओं का संगठन) उतर आया है। मंच के प्रदेशाध्यक्ष पीपी कपूर ने एडीसी को ज्ञापन सौंपा और महेंद्र चावला पर पहले मुकदमा दर्ज कराने और फिर उन पर रुपये मांगने के आरोपों को षडयंत्र बताया। एसपी ने मामले की जांच डीएसपी मुख्यालय को सौंपकर पांच दिन में रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं।
जन अभियान मंच के प्रदेशाध्यक्ष पीपी कपूर डीसी और एसपी से मिलने से पहले महेंद्र चावला के साथ मीडिया सेंटर में पत्रकारों से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि आसाराम के खिलाफ मुख्य गवाह महेंद्र चावला का दमन और उत्पीड़न किया जा रहा है। सरकार द्वारा भी उनको सुरक्षा के नाम पर गनमैन दिए गए हैं, जबकि उनको 25 हजार रुपये प्रति माह पेंशन भी दी जानी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सनौली खुर्द की सरपंच ¨पकी शर्मा ने करनाल में महेंद्र चावला पर मुकदमा दर्ज कराया है और उनके ससुर पूर्व जिला पार्षद सुरेंद्र शर्मा ने महेंद्र चावला पर रुपये मांगने के आरोप लगाए हैं। ये सब आरोप निराधार हैं।
उन्होंने प्रशासन से सरपंच ¨पकी के कार्यकाल में कराए गए विकास कार्यों की विजिलेंस जांच और पूर्व पार्षद सुरेंद्र शर्मा और उनके भाई का नार्को टेस्ट कराने की मांग की। चावला ने आरोप लगाया कि उक्त लोगों ने आसाराम के खिलाफ गवाही न देने पर उनको रुपये का लालच दिया था। उसने उनकी पेशकश को ठुकरा दिया है। अब 12 जून को सूरत में होने वाली गवाही को प्रभावित करना चाहते हैं। चावला ने आरोप लगाया कि सरपंच की कोठी तालाब की जमीन पर बनाई गई है। उन्होंने ग्राम पंचायत चुनाव के वक्त दिया जाने वाला शपथपत्र भी नहीं जमा कराया। आरटीआइ की सूचना में इसका पर्दाफाश हुआ है। डीसी ने कोठी की पैमाइश करने के आदेश दिए हैं।
------
आरटीआइ की सूचना देने से बच रहीं सरपंच
चावला ने बताया कि उन्होंने सरपंच से विकास कार्यों की आरटीआइ के तहत पांच-छह सूचनाएं मांगी हैं। सरपंच इसका जवाब नहीं दे रही हैं। उन्होंने सरकार से सरपंच को जन सूचना अधिकारी से हटाने की मांग की है। इस अवसर पर भूपेंद्र शर्मा, दिनेश कूंडू, राजेंद्र राठी मनाना, जोगेंद्र स्वामी, मोजीराम और मास्टर जयभगवान मौजूद रहे।