Move to Jagran APP

एनसीईआरटी के अलावा दूसरे पब्लिशर की किताबें नहीं पढ़ा सकते स्कूल, जानिये क्या है नया नियम

नए शैक्षणिक सत्र से नया नियम लागू होने जा रहा है। स्कूल निजी प्रकाशकों की पुस्तकें नहीं पढ़ा सकेंगे। कमीशन के फेर में स्कूल प्राइवट प्रकाशन की पुस्तकें पढ़ाते हैं। मनमाने दामों पर किताबें बेची जाती हैं। नए सत्र से इस पर रोक लग जाएगी।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Wed, 31 Mar 2021 05:41 PM (IST)Updated: Wed, 31 Mar 2021 05:41 PM (IST)
एनसीईआरटी के अलावा दूसरे पब्लिशर की किताबें नहीं पढ़ा सकते स्कूल, जानिये क्या है नया नियम
निजी पब्लिशर प्राइवेट स्कूलाें में किताबों के सैंपल पहुंचा चुके हैं, उन्हें इस फैसले से धक्का लगा है।

यमुनानगर, जेएनएन। नया शैक्षणिक सत्र एक अप्रैल से शुरू हो रहा है। इसके शुरू होते ही प्राइवेट स्कूलों में निजी पब्लिशरों की किताबें बेचने का खेल भी शुरू होने वाला है। किस पब्लिशर की किताबें स्कूल में पढ़ाई जानी हैं इसे लेकर स्कूलों में मंथन चल रहा है।

loksabha election banner

निजी पब्लिशर अपनी-अपनी किताबों के सैंपल लेकर स्कूल मैनेजमेंट के पास पहुंच रहे हैं। परंतु शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसे लेकर शिक्षा विभाग ने आदेश दिया है कि कहीं भी स्कूल को किताबें न बेचने दें। यदि किसी स्कूल परिसर में किताबें बेची जाती हैं तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

मनमाने दाम पर बेची जाती हैं किताबें

हर साल प्राइवेट स्कूलों द्वारा मनमर्जी के दामों पर किताबें अभिभावकों को बेची जाती हैं। अधिकतर किताबों पर तो एमआरपी भी नहीं होता। एमआरपी के नाम पर किताबों पर केवल एक स्लिप चिपका दी जाती है। जिस पर पैन से रेट लिख कर बेच दिया जाता है। पहली कक्षा की किताबें ही चार से पांच हजार रुपये में मिलती है।

कमीशन का चलता है खेल

सूत्रों की मानें तो जो पब्लिशर ज्यादा कमीशन देता है उसकी ही किताबें बच्चों को पढ़ाई जाती हैं। इस बार तो कुछ स्कूलों ने सरकार से जीएसटी नंबर व किताबें बेचने का लाइसेंस भी लिया है ताकि कोई अधिकारी उन पर हाथ न डाल सके। परंतु ये किताबें दाखिले के दाैरान ही लगती है। इसके बाद मार्केट में खोजने पर भी नहीं मिलती।

नोटिस बोर्ड व वेबसाइट पर लगानी होगी लिस्ट

निदेशालय ने सभी स्कूलों को आदेश दिया है कि नए शैक्षणिक सत्र में बच्चों को जो किताबें पढ़ाई जाएंगी उनकी लिस्ट न केवल स्कूल की वेबसाइट पर बल्कि नोटिस बोर्ड पर भी लगानी होगी। ताकि किताबें बेचने में पारदर्शिता आए। कुछ दिन पहले ही शहर के लोग डीसी से उनके कार्यालय में मिले थे। जिन्होंने स्कूलों में प्राइवेट पब्लिशर की किताबें नहीं बिकने देने की अपील की थी। डीसी ने उन्हें ऐसा मामला संज्ञान में आने पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया था।

किताबें खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकते : शिवकुमार

डिप्टी डीईओ शिवकुमार धीमान ने बताया कि प्राइवेट स्कूल केवल एनसीइआरटी की किताबें ही बच्चों को पढ़ा सकेंगे। ये आदेश सीबीएसई व भिवानी बोर्ड सभी पर लागू होंगे। कोई भी स्कूल बच्चों को किसी किसी एक दुकान से किताबें खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकता।

पानीपत की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.