पानीपत में एक और कारोबारी ने दी जान, सूदखोरों के ज्यादती से आहत लोग कर रहे हैं आत्महत्या
पानीपत में एक और कारोबारी ने आत्महत्या कर ली। सूदखोरों के जाल से परेशान होकर कारोबारी ने ये कदम उठाया। इससे पहले भी कारोबारी सूदखोरों से परेशान होकर आत्महत्या कर चुके हैं। अब परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है।
जागरण संवाददाता, पानीपत। पानीपत सूदखोरों की धमकी से परेशान लोग आत्महत्या कर रहे हैं। शहर में दो महीने में दो लोग जान दे चुके हैं। तहसील कैंप के एक दुकानदार ने नहर में छलांग लगाकर जान दे दी। वहीं
हरिसिंह कालोनी में एक वकील ने जहर खाकर जान दे दी। पुलिस आरोपितों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। स्वजन इंसाफ के लिए थाने के चक्कर लगा रहे हैं। उधर कच्चा कैंप में घर में घुसकर फाइनेंस कंपनी वालों ने एक महिला व उसके दो बेटों की जमकर पिटाई कर दी। जाटल रोड से भी एक डेयरी मालिक का सूदखोरों ने अपहरण कर लिया था और मारपीट की थी। पुलिस सूदखोरों को काबू नहीं कर पाई। शहर में बेखौफ सूदखोर सरेआम लोगों के साथ मारपीट करते हैं। सूदखोरों को पुलिस का भय नहीं है। तभी तो वे सरेआम घटना को अंजाम देते हैं। सूदखोरों की ज्यादती से शहरवासी परेशान हैं।
केस-एक : जान से मारने की धमकी दी तो दुकानदार नहर में कूदा
तहसील कैंप के दुष्यंत नगर के दुकानदार नरेंद्र सिंह का आठ सूदखोरों से रुपयों का लेनदेन था। इनसे परेशान होकर नरेंद्र में छलांग लगा दी। आठ दिन बाद नरेंद्र का शव सोनीपत के खूबडू के पास नहर में मिला। उससे मिले सुसाइड नोट में आठ सूदखोरों के नाम लिखे थे। सूदखोरों पर आरोप है कि उस पर दबाव डाला गया। जान से मारने की धमकी दी है। इसलिए आत्महत्या कर रहा है।
केस-दो : वकील ने जहर खाकर जान दी
हरिसिंह कालोनी में रहने वाले वकील ललित ने खा लिया। वकील की एक निजी अस्पताल में मौत हो गई। वकील के स्वजनों ने शहर के ही दो सूदखरों पर रुपयों के लेन-देन के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया। स्वजनों ने आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पुलिस की ढीली कार्रवाई से खपा स्वजनों ने थाने के बाहर भी रोष जताया।