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Haryana budget 2020 : मनोहर बजट की घोषणा, जानिए आपके लिए क्या है खास

हरियाणा का बजट 2020 की घोषणा कर दी गई है। सरकार ने चार लक्ष्यों को तवज्जो दिया है। शिक्षा स्वास्थ्य सुरक्षा और स्वावलंबन को बजट में स्थान दिया।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 28 Feb 2020 03:44 PM (IST)Updated: Fri, 28 Feb 2020 04:35 PM (IST)
Haryana budget 2020 : मनोहर बजट की घोषणा, जानिए आपके लिए क्या है खास

पानीपत, जेएनएन। हरियाणा में बजट 2020 की घोषणा कर दी गई है। सीएम मनोहर लाल ने किसान से लेकर युवा वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए मनोहर पिटारा खोला। हालांकि बजट को लेकर कुछ टिप्पणी भी सामने आई हैं। आइए जानते हैं किसने क्या कहा।

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प्रोफेसर मदन मोहन गोयल, पूर्व कुलपति और  अर्थशास्त्री ने   कहा कि  हरियाणा बजट 2020-21 में किए गए प्रावधान आवश्यक हैं, लेकिन व्यावहारिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं जो उसमें कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में ईमानदार प्रयासों के लिए कहते हैं।

प्रोफेसर गोयल ने बताया कि अंतिम वर्ष के छात्रों को मुफ्त पासपोर्ट प्रदान करने पर अधिक जोर सीएम का स्वयं-आत्म स्वीकार है कि शिक्षित बेरोजगारी है और विदेशी भूमि को निर्यात करने की आवश्यकता है, लेकिन संस्थानों में भाषा प्रयोगशालाओं को मजबूत करने के लिए विदेशी भाषाओं में प्रशिक्षित होने की आवश्यकता है।

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प्रोफेसर गोयल ने कहा कि जीवनयापन में सुधार के लिए, सरकार ने निश्चित रूप से सूचना प्रौद्योगिकी को अपनाया है, लेकिन बिना रिश्वत के सरकारी सेवाओं को प्राप्त करने की प्रक्रिया को कारगर बनाने की जरूरत है जो दुखद रूप से विद्यमान है और सार्वजनिक क्षेत्र में है।

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प्रदेश के विकास में होगा मील का पत्थर साबित-जगमोहन आनंद

करनाल के भाजपा जिलाध्यक्ष जगमोहन आनंद ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बेहद ही विकासपरक बजट पेश किया है। यह बजट प्रदेश के विकास में मील का  पत्थर साबित होगा। बजट में प्रत्येक वर्ग के हितों का ध्यान रखा गया है और लोगों की आशा के अनुसार ही यह बजट आया है।

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जनहितैषी बजट किया पेश -डा. रामपाल सैनी

डीएवी कॉलेज करनाल के प्राचार्य डा. रामपाल सैनी ने कहा कि यह बजट पूरी तरह से जनहितैषी है। जनता से जुड़े तमाम पहलूओं को इस बजट में जोड़ा गया है। सीएम मनोहर लाल ने फिर साबित किया है कि वह पूरे प्रदेश का समान विकास करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह इस बजट में साफ तौर देखा गया है।

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बजट में इस बार किसानों का बिशेष ध्यान रखा गया है। मोबाइल एप से किसानों को घर बैठे सुविधा मिलेगी। पहली बार बजट में महिला किसानों को लाभान्वित करने की दृष्टि से प्रावधान किया गया है। 

सुरेश काला, जेजेपी जिलाध्यक्ष पानीपत

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बजट में सरकार ने पब्लिक को कुछ नहीं दिया है। रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की बात कही गई है लेकिन ठोस कार्ययोजना बजट में नहीं है। आमजनों को प्रदेश सरकार के इस बजट से बहुत उम्मीदें थी। 

ओमवीर पंवार, कांग्रेस, प्रदेश प्रवक्ता, पानीपत

प्रोफेसर गोयल ने बताया कि राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए, हरियाणा पर्यटन निगम को एक सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम को समेटने का आह्वान है, जिसमें 44 पर्यटक परिसरों को बनाए रखा गया है, जो सरकार के विरोधाभास से मुक्त सवार समस्या के कारण नुकसान में चल रहे हैं।

महिलाओं और किशोरियों के लिए पहल

प्रोफेसर गोयल ने बताया कि हरियाणा सरकार ने 10 से 45 वर्ष की आयु वर्ग की किशोरियों और महिलाओं के बीपीएल श्रेणी के बीच स्वच्छता को बढ़ावा देने की नई पहल की है, जो राज्य में बीपीएल परिवारों को 2020-21 के दौरान 30 करोड़ रुपये के साथ मुफ्त में सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराती है। निश्चित रूप से महिला सशक्तीकरण में सुधार की गुंजाइश है, जो लिंग बजट के लिए आह्वान करती है जो दुखद रूप से गायब है।

सेवा वितरण में सुधार की जरूरत

प्रोफेसर गोयल ने कहा कि एक अनुष्ठान से अधिक 2020 को सुशासन संकल्प वर्षा के रूप में मनाने के लिए, सरकार को सड़क स्मार्ट (सरल, नैतिक, कार्रवाई उन्मुख, उत्तरदायी और पारदर्शी) बनकर सेवा वितरण में सुधार करना होगा।

खरीद केंद्र बनाने का निर्णय सही

मनोहर बजट में हर वर्ष का विशेष रूप से ख्याल रखा गया है। फसल अवशेष प्रबंधन के लिए हर ब्लाक में पराली खरीद केंद्र बनाने का निर्णय सही है। फसल अवशेष प्रबंधन किसानों के लिए बड़ी चुनौती है। यदि सरकार पराली को खरीद तो किसानों की समस्या का हल हो जाएगा। पराली को जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उधर, गन्ने के रेट में बढ़ोतरी न किए जाने व कर्ज माफी को बजट में स्थान न दिए जाने से किसानों में गुस्सा भी है। किसानों का कहना है कि उनको फसलों के लागत मूल्य पर 50 प्रतिशत मुनाफा जोड़कर रेट दिए जाने की उम्मीद थी। 

इधर विरोध शुरू 

किसानों को 4.75 प्रति यूनिट की दर से बिजली देने के निर्णय पर किसानों में उबाल है। किसान संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। भारतीय किसान संघ के प्रदेश मंत्री राम बीर ङ्क्षसह चौहान का कहना है कि किसान सरकार के इस निर्णय का विरोध करेंगे। किसानों के लिए अभी फ्लैट रेट है। 15 रुपये प्रति पॉवर के मुताबिक बिल आता है। किसानों को 4.75 प्रति यूनिट बिजली मिलेगी तो अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। जिले में करीब एक लाख किसान प्रभावित होंगे।  

ये थी उम्मीद

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश सचिव हरपाल सुढल का कहना है कि बजट में किसानों के लिए कुछ नया नहीं है। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने, किसानों को संपूर्ण कर्ज माफी, गन्ने का रेट कम से कम 400 ङ्क्षक्वटल की मांग की जा रही थी। लागत पर 50 प्रतिशत मुनाफा जोड़कर रेट दिए जाने की उम्मीद थी। ऐसा नहीं हुआ। खरीद की गारंटी का कानून बनना चाहिए। किसानों को मायूस किया गया है। 4.75 प्रति यूनिट बिजली का रेट कर किसानों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ा दिया गया है। भंडारण की योजना काफी समय से प्रोसेस में है, लेकिन आज तक धरातल नहीं मिला। 


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