गांव जाने से डरते थे लोग, तब एएनएम पिकी ने घर-घर स्क्रीनिग कराई
नौल्था सब सेंटर की एएनएम (सहायक नर्स प्रसूति) पिकी रानी कोरोना काल की योद्धा हैं। जिले में दूसरा कोरोना पॉजिटिव मरीज (23 मार्च-2020) को नौल्था में ही आया था।
जागरण संवाददाता, पानीपत : नौल्था सब सेंटर की एएनएम (सहायक नर्स प्रसूति) पिकी रानी कोरोना काल की योद्धा हैं। जिले में दूसरा कोरोना पॉजिटिव मरीज (23 मार्च-2020) को नौल्था में ही आया था। तकरीबन 11 हजार की आबादी को सील कर, स्क्रीनिग करने का काम किया था।
पिकी ने बताया कि 11 हजार की जनसंख्या पर मैं अकेली एएनएम हूं। वर्तमान में कोरोना के केस बेशक बढ़े हों, लेकिन लोगों में भय कम हो गया है। जिले का पहला केस 19 मार्च को माडल टाउन वासी (राइस मिल चलाने वाले परिवार से) एक युवक पॉजिटिव आया था। उसी मिल में काम करने वाली मंजू (नौल्था वासी)23 मार्च को पॉजिटिव आई थी। खौफ इतना था कि कोई गांव में जाने को तैयार नहीं था। डा. रिकू सांगवान के नेतृत्व में टीम सदस्यों व पुलिस की मदद से गांव को सील कर, घरों में दस्तक देकर हर व्यक्ति की स्क्रीनिग की थी। राइस मिल में भी सैंपलिग अभियान चला था। वह ऐसा दौर था कि 15 दिनों तक रोजाना रात्रि एक बजे तक काम किया था। पहले दिन से आज तक पॉजिटिव मरीजों को होम आइसोलेट कराने से लेकर, स्वास्थ्य की नियमित जानकारी लेती हूं।
कोरोना वैक्सीनेशन में अपना दायित्व निभा रही हूं। मेरे साथ आठ आशा वर्कर्स हैं, उनके कामकाज की मानीटरिग करती हूं। मेरे एरिया में करीब 210 गर्भवती महिलाएं हैं, उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखती हूं। 16 घंटे मरीजों की सेवा में लगाए
पिकी ने बताया कि पति सुरेंद्र कुमार पुलिस में हवलदार हैं। 15 साल का बेटा जतिन, 12 वर्षीय बेटी हिमांशी है। संयुक्त परिवार है। ससुर ओमप्रकाश, सास मूर्ति देवी, 90 साल के दादा ख्याली राम सहित जेठ-जेठानी व उनके बच्चे साथ रहते हैं। परिवार का सहयोग भरपूर मिलता है, इसलिए 24 में 16 घंटे, किसी न किसी रूप में मरीजों की सेवा में बीतते हैं।