गलघाेंटू बीमारी के लिए पशुपालन विभाग सतर्क, 20 टीमों को लगाया गया
कैथल में गलघोंटू बीमारी को लेकर पशुपालन विभाग सतर्क हो गया है। पशुओं में होने वाली इस बीमारी को लेकर पशुपालकों को जहां जागरूक किया जा रहा है वहीं 20 टीमें गलघाेंटू बीमारी के लिए पशुओं को टीके लगाएंगी।
पानीपत/कैथल, जेएनएन। पशुओं में होने वाली गलघोंटू बीमारी के लिए पशुपालन विभाग अलर्ट हो गया है। इसके लिए विभाग ने टीकाकरण अभियान की शुरुआत की है। साथ ही किसानों को भी इस बीमारी से पशुओं के लिए बचाने के लिए जागरूकता अभियान छेड़ा है।
हरियाणा पशुपालन विभाग की तरफ से कैथल में 20 टीमें पशुओं को गलघोंटू बीमारी से बचाने के लिए टीकाकरण अभियान शुरू करेगी। इस टीकाकरण अभियान की शुरुआत पांच दिसंबर से हो रही है। पशुपालन विभाग के नोडल अधिकारी सुरेंद्र ने बताया कि वेटनरी सर्जन की सहायता से पशुओं में होने वाली गलघोंटू और दूसरी बीमारियों की रोकथाम के लिए घर-घर जाकर टीके इस अभियान के तहत लगाये जाएंगे। ताकि गलघोंटू जैसी बीमारी से पशुओं को बचाया जाए। नोडल अधिकारी सुरेंद्र ने बताया कि गलघोंटू पशुओं में होने वाली बेहद खतरनाक बीमारी है। अगर समय रहते बीमारी का रोकथाम न हो, तो इससे पशु की जान भी जा सकती है। इस बीमारी वाले पशु की 24 घंटों में मौत भी हो सकती है। इसलिए गलघोंटू बीमारी के प्रति पशुपालकों को सचेत रहना बहुत जरूरी है।
तेज बुखार की रहती है समस्या
सुरेंद्र नैन ने बताया कि गलघोटू बीमारी होने से पशुओं को तेज बुखार होता है और गले में सूजन आ जाती है। पशु चारा खाना बंद कर देता है। हर वर्ष साल में पशुओं के लिए टीके लगाएं जाते है। विभाग इन टीकों को घर- घर जाकर निशुल्क लगाता है।
सभी पशुओं को लगवाएं टीके
कैथल में पशुपालन विभाग के नोडल अधिकारी सुरेंद्र ने बताया कि गलघोटू बीमारी की रोकथाम के लिए प्रत्येक पशु को टीका लगवाना चाहिए। दुधारू पशु को जरूरी टीके लगाने चाहिए। ताकि दुधारू पशु बीमार न हो। इन टीकों के लगाने से दूध में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आती है। सभी पशुपालक इन टीकों को लगवाएं।
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