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अंबाला में बोले अनिल विज, कहा-जिंदगी के दोराहे पर समझ न आए तो गीता खोलकर देखो उत्तर मिलता है

अंबाला में गीता जयंती समारोह में अनिल विज बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने कहा कि जिंदगी के किसी भी दोराहे पर अगर समझ न आए कि क्या करना है और क्या नहीं तो कहा गया है कि गीता खोलकर देखो गीता में हर प्रश्न का उत्तर मिलता है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Mon, 13 Dec 2021 09:56 PM (IST)Updated: Tue, 14 Dec 2021 10:12 AM (IST)
अंबाला में बोले अनिल विज, कहा-जिंदगी के दोराहे पर समझ न आए तो गीता खोलकर देखो उत्तर मिलता है
अंबाला में गीता जयंती के मौके पर गृहमंत्री अनिल विज गीता को माथे से लगाते हुए।

अंबाला शहर, जागरण संवाददाता। हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि श्रीमदभगवदगीता सफलता की कुंजी है। गीता जीवन की कुंजी है, यदि गीता पढ़ लें और उसे मन से आत्मसात कर लें तो जीवन में और पढ़ने की ललक नहीं होगी। गीता में जिंदगी का सार है। गृहमंत्री रामबाग मैदान अंबाला शहर में गीता जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे और उन्होंने यह अभिव्यक्ति संबोधन में कही।

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इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष राजेश बतौरा व जजपा के शहरी अध्यक्ष हरपाल सिंह कम्बोज बतौर वशिष्ठ अतिथि पहुंचे। यहां पहुंचने पर एडीसी सचिन गुप्ता, सीईओ जिला परिषद जगदीप ढांडा और एसडीएम हितेष कुमार ने पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि, वशिष्ठ अतिथियों ने श्रीमदभगवद गीता के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। अधिकारियों ने मुख्य अतिथि व वशिष्ठ अतिथियों को स्मृति चिन्ह, श्रीमदभगवदगीता व शाल भेंट कर उनका अभिनंदन किया।

गीता में हर प्रश्न का हल

गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि गीता महोत्सव भारत में मनाया जा रहा है। जिंदगी के किसी भी दोराहे पर अगर यह समझ न आए कि किस तरफ जाना है, क्या करना है और क्या नहीं करना है तो कहा गया है कि गीता खोलकर देखो, गीता में हर प्रश्न का उत्तर मिलता है। ज्ञान एवं शास्त्र संस्कृत में लिखे हुए हैं लेकिन धोखा हुआ है कि संस्कृत को छीन लिया गया। इसलिए गीता को पढऩे और समझने की जरूरत है।

गीता को न समझने से टूट रहे परिवार

विज ने कहा कि शादी होती है, लावें फेरे होते हैं, पंडित संस्कृत में श्लोक पढ़ते हैं, दुल्हा-दुल्हन अग्नि के समक्ष सात फेेरे लेते हैं, शादी हो जाती है। पंडित ने श्लोकों में क्या कहा, दुल्हा-दुल्हन को नहीं पता होता, क्योंकि जो श्लोक बोले जाते हैं वह संस्कृत में हैं। जो परिवार आज दूर हो रहे हैं या टूट रहे हैं उसका एक कारण यह भी है। गीता को लाल कपड़े में बांधकर व पूजा-अर्चना करने से लाभ नहीं मिलता। एक-एक श्लोक को पढ़े और उसके अर्थ को समझें तो हमें ज्ञान रूपी लाभ की प्राप्ति होती है।

प्राइवेट ट्यूशन लेकर भी संस्कृत सीखना चाहिए

विज ने कहा कि अगर स्कूलों में संस्कृत का अधिकार न छीना होता तो आज के हिंदुस्तान की शक्ल कुछ ओर ही होती। आज आवश्यकता है कि धर्म और संस्कृति को जानने के लिए सबको संस्कृत को पढऩा चाहिए और सीखना चाहिए। बच्चों को स्कूल में संस्कृत विषय दिलवाना चाहिए और प्राइवेट ट्यूशन लेकर भी संस्कृत को सीखना चाहिए। स्कूलों में संस्कृत विषय को अनिवार्य करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है।

ये लोग रहे मौजूद

इस मौके पर अनुभव अग्रवाल, नम्रता गौड, राम रतन गर्ग, प्रीतम गिल, सुदेश जैन मिडडा, संजय लाकड़ा, राज वालिया, ललित चौधरी, पूर्ण प्रकाश शर्मा आदि मौजूद रहे।


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