कैथल में अध्यापकों के निलंबन के विरोध में किया प्रदर्शन, आंगनबाड़ी वर्कर्स ने लिया हिस्सा
शिक्षा विभाग के निदेशालय ने अध्यापक के जिला प्रधान सहित एक अन्य अध्यापक को आपराधिक गतिविधि में शामिल होने का हवाला देकर निलंबित किया है। इस प्रदर्शन में हरियाणा लेक्चरर एसोसिएशन के सदस्यों व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भी हिस्सा लिया।
कैथल, जागरण संवाददाता। कैथल में शिक्षा विभाग के निदेशालय के आदेशों पर जिला शिक्षा अधिकारी की तरफ से दो अध्यापकों के निलंबन के विरोध में वीरवार को हरियाणा अध्यापक संघ के सदस्यों ने प्रदर्शन किया। सबसे पहले अध्यापक लघु सचिवालय में एकत्रित हुए। जिसके बाद वे सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कमलेश ढांडा के निवास स्थान पर पहुंचे।
बेरिकेड लगाए गए
शिक्षा विभाग के निदेशालय ने अध्यापक के जिला प्रधान सहित एक अन्य अध्यापक को आपराधिक गतिविधि में शामिल होने का हवाला देकर निलंबित किया है। इस प्रदर्शन में हरियाणा लेक्चरर एसोसिएशन के सदस्यों व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भी हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों ने इस मामले में उपायुक्त के तबादले की भी मांग की। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने दो सौ मीटर दूरी से पहले ही बेरिकेड लगा दिए। इसके बाद सभी प्रदर्शनकारी कर्मचारी यहां पर रुक गए और यहां से कर्मचारियों को संबोधित किया। राज्यमंत्री के कार्यालय अधीक्षक ने प्रदर्शनकारियों से ज्ञापन लिया। संघ का आरोप था कि अध्यापकों को बेवजह ही निलंबित किया गया है। प्रदर्शन की अध्यक्षता अध्यापक संघ के राज्य प्रेस सचिव सतबीर गोयत ने की।
ये लोग रहे मौजूद
सतबीर गोयत ने कहा कि अध्यापकों को बिना किसी कारण और कोई जांच किए बिना ही निलंबित किया गया है। यह गलत है। उनके विरुद्ध जो मामला दर्ज किया गया है। वह भी बेवजह ही परेशान करने के लिए किया गया है। जबकि इस मामले में दोनों ही अध्यापकों का कोई भी दोष नहीं है। गोयत ने कहा कि जिस प्रकार से अध्यापकों को निलंबित किया गया है। यह अलाेकतांत्रिक गतिविधि का हिस्सा है। आंगनबाड़ी वर्कर यूनियन की राज्य महासचिव शकुंतला शर्मा ने कहा कि सरकार कर्मचारी विरोधी नीति अपनाए हैं। जिससे हर विभाग के कर्मचारियों में गहरा रोष है। शर्मा ने कहा कि पिछले डेढ़ महीने के अधिक समय से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी अपनी जायज मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही है, लेकिन उनकी मांगों को अनसुना किया जा रहा है। ऊपर से संबंधित विभाग से कार्यकर्ताओं को डराने के लिए उन्हें चेतावनी दी जाती है। जो गलत है। ऐसा नहीं होना चाहिए। सभी कर्मचारी इस रवैये का काफी विरोध करते हैं। इस मौके पर हसला के प्रधान जितेंद्र, पूर्व प्रधान ईश्वर ढांडा, बूटा सिंह, जरनैल सिंह, जसबीर सिंह, सुमन, नीरू मौजूद थे।