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कुपोषित बच्चों को स्वस्थ बनाने की कवायद, आंगनबाड़ी वर्कर व सुपरवाइजर घर-घर जाकर कर रही जांच

Haryana News हरियाणा में कुपोषित बच्चों को स्वस्थ बनाने की कवायद की जा रही है। आंगनबाड़ी वर्कर व सुपरवाइजर घर-घर जाकर जांच की जा रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से चलाया जाता है पोषण अभियान।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 10:27 AM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 10:27 AM (IST)
आंगनबाड़ी वर्कर व सुपरवाइजर घर-घर जाकर कुपोषित बच्‍चों को तलाशेंगी।

कैथल, जागरण संवाददाता। कैथल में कुपोषण का शिकार हुए बच्चाें को स्वस्थ्य बनाने की कवायद शुरू की गई है। इसको लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से जानकारी जुटाई गई है। यह जानकारी जुटाने के बाद विभाग के आदेशों के तहत आंगनबाड़ी वर्कर व सुपरवाइजर घर-घर जाकर कर इन बच्चों की जांच कर रही है, जिससे यह बच्चे स्वस्थ हो सके। इसको लेकर इन बच्चों को चिन्हित करके इनकी संख्या को लेकर जानकारी भी प्राप्त की गई है। इसमें पूरे जिले में जीरो से लेकर छह वर्ष तक अति कुपोषित कुल 335 तो सामान्य कुपोषित कुल 7682 बच्चें है। जो बच्चे अति कुपोषित हैं। उसके लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में दी जाने वाली अलग से खुराक का प्राविधान किया गया है। जिसमें इन्हें दूध के साथ अंडा देने का निर्णय भी लिया गया है। हालांकि खुराक बच्चों व उनके अभिभावकों की ओर से निर्धारित की जाएगी।

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जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत बच्चों की संख्या 94 हजार से अधिक 

जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत बच्चों की कुल संख्या 94 हजार 580 है। इसमें 49 हजार 616 लड़के तो 44964 लड़कियां शामिल हैं। जबकि अति कुपोषित कुल 335 बच्चे हैं। जिसमें 157 लड़के और 178 लड़कियां है। इसी प्रकार से सामान्य कुपोषित कुल 7682 बच्चे हैं। जिसमें 3625 लड़के और 4057 लड़कियां शामिल हैं।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सुपरवाइजर सप्ताह में दो बार करती हैं जांच 

विभाग के दिशा-निर्देशों के तहत कुपोषण का शिकार हुए बच्चों को स्वस्थ बनाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सुपरवाइजर सप्ताह में दो बार जांच करती हैं। इसमें बच्चे का माप तोल किया जाता है। इसमें उनके कद और वजन की जांच की जाती है।

महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्यालय के आदेशों के तहत कुपोषित बच्चों को स्वस्थ बनाने के लिए अलग से खुराक देने की योजना बनाई गई है। यह खुराक आंगनबाड़ी केंद्रों से ही दी जाती है। जिला प्रशासन के आदेशों के तहत कार्य किया जा रहा है, ताकि कुपोषित बच्चे स्वस्थ हो सकें।

नीतू रानी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग , कैथल।


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