करनाल में मंडी में बिगड़ी व्यवस्था,चल रहा उत्तर प्रदेश के गेहूं के ट्रेडिंग का खेल
करनाल में अनाज मंडी में व्यवस्था बिगड़ गई है। अफसरों के जागने से पहले ही मंडी में उत्तर प्रदेश के गेहूं की ट्रेेडिंग शुरू हो जाती है। लोकल किसानों के लिए खड़ी हुई परेशानी। चेकिंग का दावा भी फेल है।
करनाल, जेएनएन। मंडी में ट्रेेडिंग का खेल जारी है। व्यापारी सरेआम उत्तर प्रदेश से सस्ती गेहूं लाकर मंडी में उतारे रहे हैं। हालांकि मार्केटिंग बोर्ड के अधिकारी व कर्मचारी मंडी गेट पर चेकिंग का दावा करते हैं, बावजूद इसके दर्जनों ट्रैक्टर-ट्रालियों व ट्रकों से गेहूं उतारा जा रहा है। ट्रेेडिंग का ये सिलसिला प्रतिदिन देर रात से शुरू होकर सुबह तक जारी रहता है।
अनाज मंडियों में जारी उत्तर प्रदेश के गेहूं की ट्रेेडिंग ने मंडी व्यवस्था को पूरी तरह से बिगाड़ दिया है। रोजाना सैकड़ों क्विंटल गेहूं ट्रेङ्क्षडग के जरिये मंडी पहुंच रहा है। आढ़ती उत्तर प्रदेश से सस्ता गेहूं खरीदकर सरकारी एजेंसियों को एमएसपी पर बेचकर मोटी कमाई में जुटे हैं। सुबह करीब साढ़े पांच बजे अनाज मंडी में कई स्थानों पर उत्तर प्रदेश से लाया गेहूं उतारा गया। मंडी में मीडिया के पहुंचने के बाद मार्केट कमेटी के अधिकारी हरकत में आए।
सुबह छह बजे मार्केट कमेटी सचिव चंद्रप्रकाश एंट्री गेट पर पहुंचे और बिना रजिस्ट्रेशन गेहूं को लेकर मंडी में दाखिल हो रहे वाहनों को रोकना शुरू किया। गेहूं लेकर पहुंचे वाहन चालक कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाए, जिसके बाद इन वाहनों को मंडी में एंट्री नहीं दी गई। हालांकि रोके गए ट्रैक्टर-ट्राली व कैंटर थोड़ी देर बाद ही आढ़तियों के ठिकानों पर पहुंच गए। इसके बाद भी मंडी अधिकारियों ने यूपी का गेहंू मंगवाने वाले आढ़तियों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया।
क्षेत्रीय किसानों को करना पड़ रहा इंतजार
स्थानीय किसानों को मंडी में अपना गेहूं बेचने के लिए इंतजार करना पड़ता है। बहुत से किसानों का गेहूं बीते कई दिनों से मंडी में खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है। बारदाने की कमी बताकर लोकल किसानों के गेहूं की तुलाई नहीं हो रही, जबकि ट्रेडर्स के पास पर्याप्त बारदाना उपलब्ध है।
मंडी में उत्तर प्रदेश से लाया गया गेहूं 1880 से 1920 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रहा है। ट्रैक्टर-ट्राली में करीब 150 क्विंटल गेहूं आता है, जिसे 1910-1920 रुपये क्विंटल खरीदा जाता है। ट्रक में 300 क्विंटल गेहूं आता है, जिसे 1880 रुपये के हिसाब से खरीदा जा रहा है। इस बार सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रुपये निर्धारित किया है। ऐसे में व्यापारी को भाव में 55 से 85 रुपये तक की कमाई होती है।
मंगलौरा व शेरगढ़ टापू पर कड़ी नाकेबंदी : डीसी
जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि मार्केट कमेटी सचिवों की बैठक में प्रति एकड़ उपज व पोर्टल पर तय की गई 33 क्विंटल लिमिट की बात आई थी। वास्तविक उपज और तय लिमिट के अंतर की वजह से ट्रेेडिंग के लिए लूपहोल बचता है। सरकार को प्रति क्विंटल खरीद लिमिट 22 तय करने को कहा है। शुक्रवार को इस बारे में सरकार का फैसला आने की उम्मीद है। डीसी ने कहा कि सीमावर्ती नाकों पर जबरदस्ती ट्रैक्टर ट्रॉलियां निकाली जा रही थी। चेकिंग के लिए यूपी सीमा पर लगते मंगलौरा व शेरगढ़ टापू पर कड़ी नाकेबंदी की गई है।
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